दोस्तों अब तक हम सबने कैंडलस्टिक पैटर्न के मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न तथा कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न के बारे में विस्तार से समझा | आज के इस लेख में हम सब हैमर कैंडल स्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) के बारे में विस्तार से जानेंगे |
आज के इस लेख में हम सब जानेंगे कि हैमर कैंडल स्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) क्या है, इसका निर्माण कब होता है, इसके निर्माण के पीछे ट्रेडर तथा निवेशक की सायकोलॉजी कैसे कार्य करती है, एक ट्रेडर तथा निवेशक इस पैटर्न के निर्माण का किस प्रकार से ट्रेडिंग कर लाभ कमाते है |
हैमर कैंडल (Hammer candle)
जब किसी कैंडल में निचे की तरफ शैडो बड़ा(70%-80%) हो तथा बॉडी छोटी(20%-30%) हो तो इस प्रकार के कैंडल को हैमर कैंडल (Hammer candle) कहा जाता है | इस कैंडल में अपर शैडो या तो नहीं होती है या बहुत छोटी होती है |
इस प्रकार की कैंडल में बाज़ार ओपन होने के बाद बिकवाली की जाती है लेकिन बाज़ार के बंद होने से पहले क्लोजिंग प्राइस तथा ओपन प्राइस के लेवल के आस पास बंद होती है | इस कारण से इन कैंडल में बॉडी छोटी लेकिन शैडो लंबी होती है | यह कैंडल बुल्स तथा बियर्स के मध्य युद्ध को दर्शाता है |
कैंडलस्टिक पैटर्न दो प्रकार के होते है | 1) एकल कैंडल स्टिक पैटर्न, 2 ) डबल कैंडल स्टिक पैटर्न
एकल कैंडलस्टिक पैटर्न :- ऐसे कैंडलस्टिक पैटर्न जिनके निर्माण के लिए मात्र एक कैंडल की आवश्यकता पड़ती है उसे एकल कैंडलस्टिक पैटर्न(Single Candlestick Pattern) कहा जाता है |
डबल कैंडलस्टिक पैटर्न :- ऐसे कैंडलस्टिक पैटर्न जिनके निर्माण के लिए दो कैंडल की आवश्यकता पड़ती है उसे डबल कैंडलस्टिक पैटर्न(Double Candlestick Pattern) कहा जाता है | इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ इंडिकेटर
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) in Hindi
जब हैमर कैंडल का निर्माण डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर के बिलकुल बॉटम पर होता है तब इस प्रकार के चार्ट फार्मेशन को हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) कहा जाता है | यह एक ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न है जो डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर का ट्रेंड बदलकर अपट्रेंड में कर देता है | इस कैंडल को बुलिश कैंडल पैटर्न भी कहा जाता है |
इस पैटर्न का निर्माण सामान्यतः शेयर के सपोर्ट लेवल पर होता है | किसी शेयर का सपोर्ट लेवल वह लेवल होता है जहाँ पर ट्रेडर तथा निवेशक खरीदारी करना आरंभ कर देते है | इस कारण से डाउन ट्रेंड में ट्रेड करते हुए शेयर में पहले तो बिकवाली होती है जिस कारण से शेयर निचे की तरफ गिर जाता है लेकिन सपोर्ट पर पहुचाते है बुल्स खरीदार कर शेयर को ऊपर लेकर आ जाते है | जिस कारण से एक हैमर कैंडल का निर्माण हो जाता है |
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) के निर्माण के पीछे की सायकोलॉजी
हैमर कैंडल का निर्माण बुल्स के विजय को दर्शाता है | जब ट्रेडर को लगता है कि अब शेयर की कीमत उसके इंट्रेंसिक वैल्यू से अधिक हो गयी तब वहाँ पर ट्रेडर बिकवाली तथा जब ट्रेडर को लगता है कि शेयर की वर्तमान कीमत उसके इंट्रेंसिक वैल्यू से कम हो गयी है तब ट्रेडर शेयर में खरीदारी करते है | इस पैटर्न के निर्माण में ट्रेडर की यही सायकोलॉजी कार्य करती है |
जब कोई शेयर डाउन ट्रेंड में ट्रेड करते-करते अपने सपोर्ट के लेवल के आस-पास पहुँच जाता है तब बिकवाली करने वाले ज्यादातर ट्रेडर बिकवाली कर चुके होते है | कंपनी का शेयर गिरते-गिरते एक ऐसे लेवल पर आ जाता है जब ट्रेडर तथा निवेशक को शेयर की कीमत कम लगने लगती है |
इस स्थिति में गिरते शेयर में अचानक से खरीदारी हावी हो जाती है तथा शेयर ऊपर आ जाता है | तथा शेयर अपने ओपन प्राईस से भी ऊपर आकर बुलिश कैंडल का निर्माण कर देती है | इसे ही हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है |
चार्ट में हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) को कैसे पहचाने
चूँकि हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) एक बुलिश ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न है, इस कारण इस पैटर्न की तलाश करने के लिए आपको ऐसे शेयर की तलाश करनी चाहिए जो डाउन ट्रेंड में ट्रेड कर रही हो तथा बॉटम बनाने की कोशिश कर रही हो या अपने सपोर्ट के लेवल के आस पास हो |
ऐसे में जब कोई शेयर लगातार डाउन ट्रेंड में ट्रेड कर रहा हो तब ट्रेंड के बॉटम पर यदि किसी बड़ी बेयरिश कैंडल में रिकवरी होकर एक ऐसी बुलिश कैंडल का निर्माण हो जाये जिसके पास लंबी पूंछ हो तथा इसकी बॉडी ऊपर की तरफ बन जाये तो आपको जो भीपैटर्न प्राप्त हुआ है इसे हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है |
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) में ट्रेड कब लें
जब किसी डाउन ट्रेंड में ट्रेड कर रहे शेयर के बॉटम में कौई हैमर कैंडल का निर्माण होता है तब इसे हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है | यदि इस हैमर कैंडल के बाद एक ऐसी बुलिश कैंडल का निर्माण हो जो हैमर कैंडल का low ब्रेक न करे तो इस पैटर्न को कन्फर्म पैटर्न मान लिया जाता है |
जैसे ही अगली कैंडल इस कन्फर्मेशन कैंडल का हाई ब्रेक कर ऊपर निकल जाये तब ट्रेडर तथा निवेशक खरीदारी में ट्रेड बनाते है |
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) में टार्गेट सेट करें
कोई भी ट्रेडर ट्रेड लेने के बाद टार्गेट तथा स्टॉप लॉस लगते है | हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) में ट्रेडर अपना टार्गेट एंट्री पॉइंट से हैमर कैंडल के low जितना एंट्री पॉइंट से ऊपर लगाते है |
इसे एक उदाहरण की सहायता से समझने का प्रयास करते है :-
जैसे हम मान लेते है कि हैमर कैंडल का low 1000 रुपये पर तथा हाई 1030 पर है | इसके बाद बनने वाली कन्फर्मेशन कैंडल का low 1020 तथा हाई 1029 पर है | अब हम मान कर चलते है कि अगली ट्रेड में एंट्री वाली कैंडल इस बुलिश कैंडल का हाई(1029) को ब्रेक कर ऊपर निकल जताई है तब :-
ट्रेड का टार्गेट =1029 + (1029-1000)
ट्रेड का टार्गेट = 1029 + 29
ट्रेड का टार्गेट = 1058
अतः इस ट्रेड में ट्रेडर अपना टार्गेट 1058 के लेवल पर लगायेंगे |
यदि आप अपने टार्गेट को बड़ा करना कहते है तब आप अपने टार्गेट को तब तक ट्रेल करते जाये जब तक आपको छोटे टाइम फ्रेम में कोई ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न दिखाई न दे | जब आपको चार्ट में कोई ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न दिखाई दे तब आप ट्रेड से एग्जिट होकर अपना प्रॉफिट बुक कर सकते है |
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) में स्टॉप लॉस सेट करें
किसी भी शेयर में ट्रेड लेने से पहले ट्रेडर को टार्गेट तथा स्टॉप लॉस का ज्ञान अवश्य होना चाहिए | हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न में ट्रेडर स्टॉप लॉस को हैमर कैंडल का low लगाते है ।
इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी
हैमर कैंडल (Hammer Candle) का मतलब क्या होता है?
हैमर कैंडल का मतलब है कि हथौड़े के आकार का कैंडल .जब किसी शेयर में बड़ी गिरावट के बाद रिकवरी होकर ओपन प्राईस से थोडा ऊपर आकार अपनी क्लोजिंग देती है तब इसे हैमर कैंडल कहा जाता है
उल्टा हथौड़ा मोमबत्ती क्या है?
हथौड़ा मोमबत्ती अर्थात हैमर कैंडल का मतलब है कि हथौड़े के आकार का कैंडल .जब किसी शेयर में बड़ी गिरावट के बाद रिकवरी होकर ओपन प्राईस से थोडा ऊपर आकार अपनी क्लोजिंग देती है तब इसे हैमर कैंडल(हथौड़ा मोमबत्ती) कहा जाता है
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer Candlestick Pattern) क्या है?
जब हैमर कैंडल का निर्माण डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर के बिलकुल बॉटम पर होता है तब इस प्रकार के चार्ट फार्मेशन को हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) कहा जाता है | यह एक ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न है जो डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर का ट्रेंड बदलकर अपट्रेंड में कर देता है | इस कैंडल को बुलिश कैंडल पैटर्न भी कहा जाता है |
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer Candlestick Pattern) में टार्गेट कहाँ लगाया जाता है?
कोई भी ट्रेडर ट्रेड लेने के बाद टार्गेट तथा स्टॉप लॉस लगते है | हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) में ट्रेडर अपना टार्गेट एंट्री पॉइंट से हैमर कैंडल के low जितना एंट्री पॉइंट से ऊपर लगाते है |
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer Candlestick Pattern) में स्टॉप लॉस कहाँ लगाया जाता है
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer Candlestick Pattern) में स्टॉप लॉस को हैमर कैंडल का low लगता है ।
सारांश(Summary)
मेरे प्रिय पाठकों आज के इस लेख हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) in Hindi में हम सबने जाना कि हैमर कैंडल क्या होता है, हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है, हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न में टार्गेट तथा स्टॉप लॉस कहाँ लगाया जाता है | मै आशा करता हूँ कि अब आपको हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न में ट्रेड करने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी |
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