शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय – Best Time to Buy and Sell Stocks in Hindi

आज शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय – Best Time to Buy and Sell Stocks in Hindi के इस लेख में शेयर बाज़ार में निवेश करने वाले निवेशक को शेयर खरीदने तथा बेचने  के कुछ उत्तम समय के बारे में चर्चा करेंगे, जिनका अनुसरण कर आप बाज़ार में निवेश से लाभ कमा सकते है |

Best Time to Buy and Sell Stocks - शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय  in Hindi

अब जब आपने शेयर बाज़ार तथा कंपनियों पर अपनी रिसर्च पूरी कर शेयर बाज़ार में निवेश का मन बना लिया है तो आपके मन में निम्न सवाल आना सामान्य सी बात है | 

  • निवेशक शेयर को कब ख़रीदे
  • निवेशक शेयर को कब बेंचे

नए निवेशक का मनोविज्ञान (Psychology of the new investor)

शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय (Best Time to Buy and Sell Stocks) में हम सबसे पहले नए निवेशक के सायाकोलाजी (मनोविज्ञान) को जानने का प्रयास करते है | आम तौर पर देखा जाता है कि नए निवेशक रिसर्च कर अच्छे फंडामेंटल कंपनी के शेयर में निवेश तो कर देते है लेकिन महँगी कीमत देकर | सामान्यतः जब बाज़ार तेज़ हो तो नए निवेशक भागते शेयर को पकड़ने का प्रयास करते है तथा उन्हें लगता है कि कही शेयर हाँथ से निकल न जाये | ऐसा बिलकुल नहीं करना करना चाहिए 
 
ठीक इसके विपरीत जब बाज़ार मंदा होता है तो नए निवेशक अपने पोर्टफोलियो के शेयर को बेच कर निकल जाते है | उन्हें लगता है कि कही उनकी पूंजी आधी न हो जाये | जो सही नहीं है |

 

निवेशक वारेन बफेट बताते हैं कि आपको उस समय शेयर खरीदना चाहिए जब पूरा शेयर बाज़ार डरा हुआ हो और उस समय शेयर बेचना चाहिए जब पूरा बाजार लालच से भरा हो

इसके अलावा नए निवेशक डिविडेंट, बोनस शेयर तथा स्टॉक स्प्लिट का लाभ लेने के लिए घटिया फंडामेंटल के शेयर को खरीद लेंते है | एक समझदार निवेशक कभी भी डिविडेंट बोनस शेयर या स्टॉक स्प्लिट के पीछे नहीं भागता है | अधिकतर समझदार निवेशक फंडामेंटल तथा टेक्निकल के साथ सपोर्ट और रेजिस्टेंस पर कार्य करता है | कैंडलस्टिक पैटर्न

शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय-Best Time to Buy and Sell Stocks

ज्यादातर नए निवेशक को शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय (Best Time to Buy and Sell Stocks) का ज्ञान नहीं होता है | इस कारण जब कंपनी का बुरा दौर होता है तब कंपनी के शेयर को होल्ड करते है लेकिन जब कंपनी के तेज़ी का दौर आता है तो कंपनी के शेयर को बेच कर निकल जाते है | औइस प्रकार से वे बड़ा मुनाफा लेने से वंचित रह जाते है |

आईये जानते है कि किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय (Best Time to Buy and Sell Stocks) क्या है |

निवेशक शेयर को कब ख़रीदे(When should investors buy shares)

शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय (Best Time to Buy and Sell Stocks) के इस लेख में हम सबसे पहले शेयर को खरीदने के उत्तम समय पर फोकस करेंगे | यदि आप शेयर बाज़ार बेहतर रिटर्न पाना चाहते है तो यह अत्यंत आवश्यक है कि आप कंपनी के शेयर को सही कीमत पर उसके सपोर्ट पर खरीदें | मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Stock) को कैसे पहचाने ?

a) जब कंपनी का फंडामेंटल मजबूत हो

किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश से पहले आपको कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस तथा टेक्नीकल एनालिसिस करना आवश्यक होता है | जब कंपनी का फंडामेंटल तथा टेक्नीकल मजबूत हो तभी आपको शेयर में निवेश करना चाहिए, अन्यथा नहीं |
 
कई मामलों में देखा गया है जब कोई कंपनी अपने शेयर धारको कों डिविडेंट, बोनस शेयर या स्टॉक स्प्लिट लेकर आती है तो निवेशक कैश डिविडेंट या अधिक शेयर के लालच में शेयर को खरीद लेंते है जो गलत है | जब तक किसी कंपनी का फंडामेंटल तथा टेक्निकल आपके लिए अच्छा न हो तब तक उस कंपनी के शेयर में निवेश न करें | Read More…
 
 
शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय - Best Time to Buy and Sell Stocks in Hindi
 
 

b) जब बाज़ार मंदा हो(When the market is down)

आम तौर पर जब शेयर बाज़ार मंदा होता है तब इसे निराशा के रूप में देखा जाता है लेकिन एक निवेशक के लिए यह निवेश का एक मौका होता है | जब बाज़ार मंदा होता है तब लगभग सभी शेयर में गिरावट होती है तब मजबूत फंडामेंटल के शेयर में निवेश कर आप लाभ कमा सकते है |

c) जब कंपनी का शेयर अपने सपोर्ट पर हो

कोई कंपनी कितनी भी अच्छी क्यों न हो, जब तक शेयर अपने सपोर्ट पर न आये तब तक शेयर को नहीं खरीदना चाहिए | सभी अच्छी फंडामेंटल वाली कंपनी के शेयर का अलग-अलग लेवल पर सपोर्ट होता है जो बनता तथा टूटता रहता है | गिरावट हो रहे कंपनी के शेयर, अपने सपोर्ट से ऊपर जाने का प्रयास करते है | अतः निवेशक को शेयर को सपोर्ट पर किस्तों में निवेश करना चाहिए | Read More…

d) RSI 50 के निचे हो(RSI is below 50)

जिस कंपनी का RSI, डेली चार्ट पर 50 के निचे हो उसी शेयर में निवेश करना चाहिए |  RSI के निचे होने का अर्थ है कि शेयर अपने उच्चतम स्तर पर नहीं है | मंदे बाज़ार में ज्यादातर कंपनियों का RSI डेली चार्ट पर 50 के निचे होता है लेकिन जब बाज़ार तेज़ हो तब RSI का विशेष महत्त्व होता है | कई ट्रेडर RSI indicator buy and sell signals को आधार मान कर शेयर बाज़ार में ट्रेड करते है |

दो शब्दों में कहा जाय तो किसी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस तथा टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद तब धीरे-धीरे सपोर्ट पर निवेश करें जब शेयर बाज़ार में मंदी का दौर हो या शेयर कम से कम अपने उपरी स्तर से 15 प्रतिशत निचे हो | शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न-Shooting Star Candlestick Pattern Full Explain In Hindi

निवेशक शेयर को कब बेंचे(When should investors sell stocks)

एक ट्रेडर तथा एक निवेशक में शेयर खरीदने तथा बेचने के तरीको में फर्क होता है | तो आईये आज शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय (Best Time to Buy and Sell Stocks) के इस लेख में हम जानने का प्रयास करते है कि निवेशक को शेयर कब-कब बेचना चाहिए | एक निवेशक को शेयर बेचने के मुख्यतः 4 कारण होते है | इन तीनों में कोई भी एक कारण सामने आने पर निवेशक शेयर को बेच देता है | 

निवेशक शेयर को कब बेंचे(When should investors sell stocks)

ये तीन कारण निम्न है :-

  • आपको पूंजी की आवश्यकता हो(You Need Capital)
  • कंपनी के फंडामेंटल में कमी आ जाये(Company’s Fundamentals Decline)
  • आपने जिस कारण शेयर ख़रीदा हो वह अब न हो(Reason You Bought The Shares is no Longer There)
  • आपको निवेशित कंपनी से बेहतर ग्रोथ वाली कंपनी मिल जाये 

a) आपको पूंजी की आवश्यकता हो(you need capital)

जब निवेशक को किसी कार्य हेतु पूंजी की आवश्ययकता हो तब वह ख़रीदे गए शेयर को बेच सकता है | शेयर बाज़ार में निवेशित धनराशि पर तब तक लाभ या हानि नहीं माना जाता है जब तक शेयर को बेच कर लाभ/हानि बुक न किया जाय |  

b) कंपनी के फंडामेंटल में कमी आ जाये(company’s fundamentals decline)

जब आप द्वारा लिए गए शेयर में कोई फंडामेंटल खराबी आ जाये तब शेयर को बेच देना चाहिए | मान लीजिये आपने किसी कंपनी के शेयर को रिसर्च तथा अच्छा फंडामेंटल देख कर ख़रीदा | लेकिन कुछ समय बाद किसी खुलासे में कंपनी का फंडामेंटल में कोई कमी नजर आती है या कंपनी के किसी प्रमोटर द्वारा इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला सामने आये, तो ऐसी कंपनी के शेयर को लाभ /हानि में बेच कर निकल जाना चाहिए |

क्योकि जब कंपनी अपना विश्वास खो देती है तो बड़े निवेशक उस कंपनी के शेयर को खरीदना पसंद नहीं करते है तथा ऐसे मामलों में ज्यादातर शेयर लम्बे समय के लिए डाउन ट्रेंड में चले जाते है | शेयर बाज़ार का रेगुलेटर सेबी है जो शेयर बाज़ार में हो रही हर गलत एंटिटी पर नजर रखती है | वॉरेन बफेट का जीवन दर्शन / Warren Buffett Biography In Hindi

c) आपने जिस कारण शेयर ख़रीदा हो वह अब न हो

जैसे मान लीजिये कि किसी A कंपनी के शेयर को आपने इसलिए ख़रीदा है कि यह अपने सेक्टर की अकेली और एक मात्र कंपनी है | सेक्टर में कंपनी की एकाधिकार(Monopoly) होने के कारण उस सेक्टर के सभी कार्य कंपनी अकेले करती है |

अब मान लीजिये उसी सेक्टर में एक और कंपनी B आ गयी जो लगातार पहले वाली कंपनी A का मार्केट लेती जा रही है तो अब कंपनी A का बाज़ार में एकाधिकार खत्म हो गया है | अब जिस कंपनी के शेयर को आपने बाज़ार में एकाधिकार देख कर ख़रीदा था अब वह नहीं रहा | 

अब आपको पुनः समीक्षा करने का समय आ गया कि कंपनी A तथा कंपनी B में किस कंपनी में ग्रोथ बेहतर है | जिस कंपनी में ग्रोथ बेहतर नजर आये उसी कंपनी में निवेश करें | यदि आपके द्वारा ली गयी कंपनी में ग्रोथ कम नज़र ए तो आप उसे बेच सकते है | डिविडेंट क्या है ? what is dividend

d)आपको निवेशित कंपनी से बेहतर ग्रोथ वाली कंपनी मिल जाये

कभी कभी ऐसा होता है कि आप द्वारा जिस कंपनी में निवेश किया गया हो उस कंपनी से बेहतर ग्रोथ आपको दूसरी कंपनी में नज़र आती है तथा कंपनी का फंडामेंटल भी अच्छा है तो आप अपने निवेशित शेयर को बेच कर बेहतर ग्रोथ वाली कंपनी के शेयर को खरीद सकते है |

किसी कंपनी के शेयर को खरीदने के कारण अलग-अलग हो सकते है अतः आप जिस भी कारण से कंपनी के शेयर खरीद रहे है जब आगे चलकर कंपनी में  नजर न आये तो आपको शेयर बेच देना चाहिए | डायवर्सिफिकेशन क्या है ?

ट्रेडर के शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय (Best Time to Buy and Sell Stocks for trader)

ट्रेडर अपने टेक्निकल एनालिसिस के अनुसार शेयर में खरीद विक्री करते है | ट्रेडर के शेयर खरीदने तथा बेचने का नियम निवेशक के शेयर खरीदने तथा बेचने का नियम अलग होता है | ट्रेडर हर रोज अपना शेयर खरीदते है तथा बेचते है | लेकिन एक निवेशक अच्छे फंडामेंटल के शेयर को खरीदकर लंबे समय के लिए छोड़ देता है |

नुकसान में शेयर को कब बेंचे (When to sell the stock at a loss)?

निवेशक लाभ कमाने के इरादे से शेयर बाज़ार में निवेश करता है लेकिन कभी-कभी ऐसा भी समय आता है कब कंपनी के शेयर को नुकसान में बेचना ही फायदे मंद होता है |

जैसे कि आप मान लीजिये की कंपनी A के शेयर आपके पास है  जो फ़िलहाल आपके ख़रीदे गए कीमत से निचे ट्रेड कर रहा है | अब कंपनी A में किसी प्रकार की फ्रॉड सामने आ जाती है तो शेयर की कीमत अचानक से और निचे आ जायेंगा |

चूँकि कंपनी में फ्रॉड का मामला है अतः यह कंपनी के फंडामेंटल से जुड़ा है | ऐसे में शेयर में लम्बे समय तक गिरावट ही होता रहेगा | यदि आप आज अपने शेयर को नहीं बेचेंगे तो आपकी निवेशित पूंजी में बड़ा नुकसान हो सकता है | अतः बेहतर है कि आप उस ख़राब फंडामेंटल के शेयर को बेच कर उसी पूंजी से कोई नया शेयर जिसके फंडामेंटल बढ़िया हो, में निवेश कर बाज़ार से लाभ कमा सकते है | स्टॉप लॉस क्या है?

सारांश(Summary)

दोस्तों मै आशा करता हूँ कि शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय – Best Time to Buy and Sell Stocks in Hindi के अध्ययन के बाद आपको किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए , इसका ज्ञान हो गया होगा | यदि निवेशक उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखकर शेयर में खरीद बिक्री करता है तो निवेशक कम से कम हानि तथा अधिक से अधिक लाभ कम सकता है | 

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हेल्लो दोस्तों, मै पिछले 8 वर्षो से शेयर बाज़ार में निवेश तथा रिसर्च कर रहा हूँ | मै अपने अनुभव को Finohindi के माध्यम से आपके साथ सच्चाई के साथ सीधे तथा साफ शब्दों में बाटना चाहता हूँ | यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश, ट्रेड करते है या आपकी शेयर बाज़ार में रूचि है तो आप सही जगह पर है

4 thoughts on “शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय – Best Time to Buy and Sell Stocks in Hindi”

    • हमारे vlog पर अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद | आपके इस प्रकार के कमेन्ट से हमें प्रोत्साहन मिलाता है |

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