पिछले अध्याय में हमने शेयर बाज़ार के चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट तथा कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में विस्तार से जाना | आज कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न – Candlestick Chart Pattern Full Detail in Hindi के इस लेख में हम कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न – Candlestick Chart Pattern के बारे में विस्तार से जानेंगे |
कैंडलस्टिक पैटर्न(Candlestick Chart)
जब किसी विशेष चाल के दौरान कैंडल एक विशेष आकार लेकर किसी खास पैटर्न का निर्माण करते है तो इस प्रकार के पैटर्न को कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है |
जैसे – मारुबोजू कैंडलस्टिक पैटर्न, डोजी कैंडलस्टिक पैटर्न, हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न, शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न, हैंगिंग मैंन कैंडलस्टिक पैटर्न, इन्वर्टेड हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न, मोर्निंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न, इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न, पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न, डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न, बुलिश एन्गाल्फिन कैंडलस्टिक पैटर्न, बेयरिश एन्गाल्फिन कैंडलस्टिक पैटर्न, बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न, बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न | Read More Detail…
कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Candlestick Chart Pattern)
जब कैंडलस्टिक चार्ट के विशेष चाल के कारण चार्ट में किसी पैटर्न का निर्माण हो जाये तो इस प्रकार के पैटर्न को कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(Candlestick Chart Pattern) कहा जाता है | जैसे :-
- सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस (Support and Resistance)
- डबल टॉप चार्ट पैटर्न(Double Top Chart Pattern)
- डबल बॉटम चार्ट पैटर्न (Double Bottom Chart Pattern)
- ट्रेंड लाइन चार्ट पैटर्न (Trend Line Chart Pattern)
- ट्रेंगल चार्ट पैटर्न (Triangle Chart Pattern)
- फ्लैग चार्ट पैटर्न (Flag Chart Pattern)
- पताका चार्ट पैटर्न (Pennant Chart Pattern)
- हेड एंड शोल्डर पैटर्न (Head and Shoulders Pattern)
- इन्वर्टेड हेड एंड शोल्डर पैटर्न (Inverted Head and Shoulders Pattern)
- कंसोलिडेशन चार्ट पैटर्न (Consolidation Chart Pattern)
सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस(support and resistance)
जब किसी कंपनी का शेयर एक निश्चित कीमत के मध्य दो या दो से अधिक बार ऊपर निचे हो तो इस ऊपर के लेवल को रेजिस्टेंस तथा निचे के लेवल को सपोर्ट कहा जाता है |
दुसरे शब्दों में कहा जाय तो वह लेवल जहाँ पर निवेशक/ट्रेडर को शेयर की कीमत उसकी इंट्रेंसिक वैल्यू(वास्तविक कीमत)) से कम लगती है उस लेवल को सपोर्ट कहा जाता है तथा जिस लेवल पर निवेशक/ट्रेडर को शेयर की कीमत उसकी इंट्रेंसिक वैल्यू से अधिक लगती है, उस लेवल को रेजिस्टेंस लेवल कहा जाता है |
जब निवेशक/ट्रेडर को शेयर की कीमत, उसके इंट्रेंसिक वैल्यू से कम लगने लगती है, तो निवेशक तथा ट्रेडर खरीदारी का आर्डर लगाते है जिस कारण से शेयर में अचानक से डिमांड आ जाती है तथा कंपनी का शेयर तेज़ी से ऊपर चली जाती है |
शेयर में तेज़ी आने के कारण शेयर की कीमत एक ऐसे लेवल पर आ जाती है जहाँ पर निवेशक /ट्रेडर को शेयर की कीमत इसके इंट्रेंसिक वैल्यू से अधिक नज़र आती है | इस लेवल पर ज्यादातर ट्रेडर तथा निवेशक शेयर में बिकवाली का आर्डर लगाते है जिस कारण से शेयर में अचानक से सप्लाई आती है तथा शेयर की कीमत तेज़ी से निचे आ जाती है | एडवांस/डिक्लाइन रेशियो – Advance/Decline Ratio
ऐसा कई बार होने पर चित्रानुसार खरीदारी तथा बिकवाली का एक लेवल बन जाता है | इन्ही लेवल को सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के नाम से जाना जाता है | कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(Candlestick Chart Pattern) का यह सर्वाधिक उपयोगी पैटर्न है | ट्रेडर तथा निवेशक इसका प्रयोग शेयर की खरीद तथा बिक्री के लिए करते है |
जब कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस या सपोर्ट लेवल को ब्रेक कर ब्रेक आउट या ब्रेक डाउन करती है तो बड़ी तेज़ी या बड़ी मंदी का अंदेशा लगे जाता है | Read More…
डबल टॉप चार्ट पैटर्न (double top Chart Pattern)
जब किसी कंपनी का शेयर किसी उच्च लेवल को टच कर वापस निचे आ जाये तथा कुछ समय बाद फिर से उसी उच्च लेवल को टच करने हेतु ऊपर आती है तो इस प्रकार से निर्माण हुए चार्ट को डबल टॉप चार्ट पैटर्न कहा जाता है |
जब शेयर अपने पिछले लेवल को तोड़कर ऊपर निकल जाये लेकिन फिर बिकवाली हावी हो जाये जिस कारण रेजिस्टेंस लेवल को तोड़कर ऊपर जाने वाली हरी कैंडल लाल कैंडल में बदल जाती है तो शेयर के पुनः निचे आने का संकेत मिल जाता है | यह एक प्रकार से रजिस्टेंस की तरह कार्य करता है | डबल टॉप चार्ट पैटर्न क्या है ? कैसे करें इसका उपयोग |
बेसिकली शेयर के किसी भी तरह के पैटर्न बनने के पीछे ट्रेडर तथा निवेशक की साइकोलॉजी होती है |
डबल बॉटम कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(double bottom Candlestick Chart Pattern)
जब किसी कंपनी का शेयर किसी निम्न लेवल को टच कर वापस ऊपर आ जाये तथा कुछ समय बाद फिर से उसी उच्च लेवल को टच करने हेतु निचे आती है तो इस प्रकार से निर्माण हुए चार्ट को डबल बॉटम चार्ट पैटर्न कहा जाता है | कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(Candlestick Chart Pattern) का यह एक महत्वपूर्ण पैटर्न है | ट्रेडर तथा निवेशक डबल बॉटम पैटर्न का प्रयोग ट्रेडिंग तथा निवेश के लिए करते है |
जब शेयर अपने पिछले लेवल को तोड़कर निचे निकल जाये लेकिन फिर खरीदारी हावी हो जाये जिस कारण सपोर्ट लेवल को तोड़कर निचे जाने वाली लाल कैंडल हरे कैंडल में बदल जाती है तो शेयर के पुनः ऊपर आने का संकेत मिल जाता है | यह एक प्रकार से सपोर्ट की तरह कार्य करता है |
ट्रेंड लाइन कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(trend line Candlestick Chart Pattern)
जब कोई शेयर हाईयर-लो या लोअर- हाई बनाते हुए बाज़ार में ट्रेड कर रही है तो उन हाईयर लो लेवल या लोअर- हाई लेवल को एक साथ मिलाने पर जो लाइन बनती है उसे ट्रेंड लाइन कहा जाता है | यह दो प्रकार का होता है |
अप-ट्रेंड लाइन(up-trend line)
जब कोई शेयर हाईयर-लो बनाते हुए शेयर बाज़ार में ट्रेड करती है तो उन हाईयर-लो लेवल को एक साथ मिलाने पर जो लाइन बनती है उसे अप-ट्रेंड लाइन कहा जाता है |
डाउन-ट्रेंड लाइन(down-trend line)
जब कोई शेयर लोअर-हाई बनाते हुए शेयर बाज़ार में ट्रेड करती है तो उन लोअर- हाई लेवल को एक साथ मिलाने पर जो लाइन बनती है उसे डाउन-ट्रेंड लाइन कहा जाता है | Read More…
ट्रेंगल कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(triangle Candlestick Chart Pattern)
जब किसी शेयर के ट्रेड करने की सीमा सिकुड़ती चली जाये तो हाईयर-लो तथा लोअर- हाई को मिलाते हुए ट्रेंड लाइन बनायीं जाय तो यह एक ट्रेंगल का आकार ले लेती है इसे ट्रेंगल पैटर्न कहा जाता है | कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(Candlestick Chart Pattern) का यह पैटर्न बाज़ार में कम दिखाई देता है लेकिन इस कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(Candlestick Chart Pattern) रिजल्ट अच्छा होता है | यह तीन प्रकार का होता है |
- सिमेट्रिकल ट्रेंगल
- असेंडिंग ट्रेंगल
- डिसेन्डिंग ट्रेंगल
सिमेट्रिकल ट्रेंगल
जब किसी ट्रेंगल पैटर्न में अपर तथा लोअर दोनों दायरे सिकुड़ते जाते है तो इस प्रकार के ट्रेंगल पैटर्न को सिमेट्रिकल ट्रेंगल पैटर्न कहा जाता है |
असेंडिंग ट्रेंगल
जब किसी ट्रेंगल पैटर्न में अपर बैंड तो फिक्स रहता है लेकिन लोअर बैंड का दायरा सिकुड़ता जाता है तो इस प्रकार के ट्रेंगल पैटर्न को असेंडिंग ट्रेंगल पैटर्न कहा जाता है |
डिसेन्डिंग ट्रेंगल
जब किसी ट्रेंगल पैटर्न में लोअर बैंड तो फिक्स रहता है लेकिन अपर बैंड का दायरा सिकुड़ता जाता है तो इस प्रकार के ट्रेंगल पैटर्न को डिसेन्डिंग ट्रेंगल पैटर्न कहा जाता है | जब शेयर पैटर्न को तोड़कर ऊपर निकल जाये तो ट्रेडर खरीदारी का तथा जब शेयर ट्रेंड लाइन के सपोर्ट को तोड़कर निचे चला जाये तब मंदी का संकेत होता है तथा ट्रेडर इसमें बिकवाली का ट्रेड लेता है | त्रिभुज चार्ट पैटर्न
फ्लैग तथा पताका पैटर्न(flag & Pennant Patterns)
जब कोई शेयर अचानक से ऊपर आ जाने के बाद कंसोलिडेशन फेस में चली जाती तब इस फ्लैग चार्ट का निर्माण होता है |
यदि शेयर अपने कंसोलिडेशन फेस को तोड़कर ऊपर चली जाये तो तेज़ी का संकेत मिलता है | लेकिन यदि शेयर कंसोलिडेशन फेस को ब्रेक डाउन करें तो निवेशक /ट्रेडर को मंदी का संकेत मिल जाता है |
यह दो प्रकार का होता है |
- बुलिश फ्लैग चार्ट
- बेयरिश फ्लैग चार्ट
बुलिश फ्लैग चार्ट
जब किसी कंपनी के शेयर में तेज़ी के बाद शेयर कंसोलिडेशन के फेज में चला जाता है तो इस प्रकार के फ्लैग चार्ट पैटर्न को बुलिश फ्लैग चार्ट पैटर्न कहा जाता है |
बेयरिश फ्लैग चार्ट
जब कोई शेयर बड़ी मंदी के बाद कंसोलिडेशन के फेज में चला जाता है तो यह एक रिवर्स फ्लैग पैटर्न का रूप ले लेता है इसे बेयरिश फ्लैग चार्ट पैटर्न कहा जाता है | इस पैटर्न के ज्यादातर मामलों में पैटर्न का ब्रेक डाउन होता है जो मंदी का सूचक होता है | ऐसे में ट्रेडर बिवाली में ट्रेड लेकर अपना लाभ बनाते है | फ्लैग पैटर्न (Flag Pattern) क्या है?
पताका पैटर्न ( Pennant Patterns):- पताका पैटर्न ( Pennant Patterns) भी एक प्रकार से फ्लैग पैटर्न ही होता है लेकिन फर्क बस इतना होता है कि अचानक से बड़ी तेज़ी आने के बाद जब शेयर कंसोलिडेशन फेस में जाता है तो समय के साथ कंसोलिडेशन फेस का दायरा सिकुड़ता जाता है | जब शेयर निचे की तरफ ब्रेक डाउन करें तो मंदी लेकिन जब ऊपर की तरफ ब्रेक आउट करें तो ज़जी का सूचक माना जाता है | पताका चार्ट पैटर्न(Pennant Chart Pattern) क्या है?
हेड एंड शोल्डर कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(head and shoulders Candlestick Chart Pattern)
जब किसी कंपनी के शेयर का चार्ट बाज़ार में अपनी चाल के दौरान सर और कन्धा(हेड एंड शोल्डर) का रूप ले ले तो चार्ट के इस पैटर्न को हेड एंड शोल्डर पैटर्न कहा जाता है | इस चार्ट में एक सर होता है जिसकी उचाई अधिक होती है | इसके दोनों तरफ एक अन्य शीर्ष होते है जिनकी ऊँचाई सर से थोडा कम होता है | जिस कारण से यह आकार सर और कंधे जैसा दिखता है |
जब शेयर इउस पैटर्न को ब्रेक डाउन कर निचे आ जाता है तब बाज़ार में मंदी का संकेत मिल जाता है | ट्रेडर इस कंडीशन में बिकवाली का ट्रेड लेते है तथा शेयर को शोर्ट कर अपना लाभ बनाते है | हेड एंड शोल्डर कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न(head and shoulders Candlestick Chart Pattern)
इन्वर्टेड हेड एंड शोल्डर पैटर्न(inverted head and shoulders pattern)
जब किसी कंपनी के शेयर का चार्ट बाज़ार में अपनी चाल के दौरान उल्टा सर और कन्धा(हेड एंड शोल्डर) का रूप ले ले तो चार्ट के इस पैटर्न को इन्वर्टेड हेड एंड शोल्डर पैटर्न कहा जाता है |
इसे बुलिश हेड एंड शोल्डर कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न भी कहा जाता है क्योकि इस प्रकार के पैटर्न में सामान्यतः ब्रेक आउट होता है तथा ब्रेक आउट के बाद शेयर में तेजी आती है | पैटर्न का ब्रेक आउट होने के बाद ट्रेडर इसमे खरीदारी का ट्रेड लेता है तथा लाभ कमाता है |
कंसोलिडेशन(consolidation)
जब कोई कंपनी एक बड़ी तेज़ी के बाद सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के मध्य एक दायरे में ट्रेड करने लगे तो कंपनी इस दायरे को कंसोलिडेशन फेस कहा जाता है | जब बाज़ार में कोई बड़ी मंदी अथवा तेज़ी का संकेत नहीं होता है तब शेयर सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के मध्य में फस जाता है |
इसमे ट्रेडर कंसोलिडेशन फेज के ब्रेक आउट पर ब्रेक डाउन पर ट्रेड लेता है | यदि शेयर इस फेज को तोड़कर निचे आ जाये तो बिकवाली में ट्रेड तथा जब शेयर इस फेज को तोड़कर ऊपर निकल जाये तब खरीदारी का ट्रेड लिया जाता है | कंसोलिडेशन पैटर्न में ट्रेड कब लें?
इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी
कैंडलस्टिक पैटर्न कितने होते हैं?
कैंडलस्टिक पैटर्न मुख्यतः दो प्रकार के होते है |
1. एकल कैंडल स्टिक पैटर्न
2. डबल कैंडल स्टिक पैटर्न
एक कैंडल से बनने वाला पैटर्न एकल कैंडल स्टिक पैटर्न तथा दो कैंडल के मिलने से बनने वाला पैटन डबल कैंडल स्टिक पैटर्न कहलाता है |
कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या होता है ?
जिन पैटर्न को बनने के लिए एक या दो कैंडल नहीं बल्कि कई कैंडल के सहयोग से चार्ट खुद एक पैटर्न का रूप ले लेती है है उसे कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न कहा जाता है | जैसे :->
सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस
डबल टॉप पैटर्न
डबल बॉटम पैटर्न
ट्रेंड लाइन पैटर्न
ट्रेंगल पैटर्न
फ्लैग पैटर्न, आदि
कैंडलस्टिक पैटर्न काम करता है?
शेयर बाजार के कैंडलस्टिक पैटर्न बनने में 20 लॉजिक तथा 80 प्रतिशत सायकोलॉजी कार्य करती है | बेसिकली शेयर के किसी भी तरह के पैटर्न बनने के पीछे ट्रेडर तथा निवेशक की साइकोलॉजी ही होती है | अतः यदि हम पैटर्न के बनने के पीछे की साइकोलॉजी को समझ जाएँ तो पैटर्न का प्रयोग बेहतर तरीके से जान सकते है |
सारांश(Summary)
दोस्तों मै आशा करता हूँ कि कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न – Candlestick Chart Pattern Full Detail in Hindi के इस लेख में आपने कैंडलस्टिक चार्ट के पैटर्न को विस्तार से जाना होगा | अब आप शेयर बाज़ार में बनने वाले सभी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को पहचान कर शेयर बाज़ार में कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को आधार बनाकर ट्रेड कर लाभ कमा सकते है |
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apake likhane ki takanik mast hai
Ji sir