शेयर बाज़ार के चार्ट – Stock Market Chart Full Detail in Hindi

यदि आप शेयर बाज़ार में कार्य करते है या किसी को कार्य करते देखा होगा, तो आपने देखा होगा कि ये लोग एक चार्ट(chart) को लगातार देखते रहते है, जो लगातार ऊपर निचे होता रहता है | यह शेयर बाज़ार के किसी कंपनी या इंडेक्स का चार्ट होता है | आईये आज शेयर बाज़ार के चार्ट – Stock Market Chart Full Detail in Hindi के इस लेख में शेयर बाज़ार के इन्ही चार्टों तथा इनके प्रकार का अध्ययन करते है |

शेयर बाज़ार के चार्ट (Stock Market Charts)

चार्ट सामान्यतः प्राईस तथा वाल्यूम से मिलकर बना होता है | ट्रेडर मूल रूप से शेयर बाज़ार के चार्ट के माध्यम से बाज़ार के ट्रेंड(अपट्रेंड, डाउनट्रेंड, साइड-वेज) को समझने का प्रयास करता है | 

शेयर बाज़ार आपके लिए नया हो या पुराना यदि आप शेयर बाज़ार के चार्ट को नहीं समझ पाते है तो आप शेयर बाज़ार में ट्रेड या निवेश सही कीमत पर नहीं कर पाएंगे | टेक्रनिकल एनालिसिस का मुख्य आधार चार्ट होता है | अतः यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश या ट्रेड करते है तो आपको चार्ट के बारे में जानना अति आवश्यक  है |

ये निम्न प्रकार के होते है | 

  1. लाइन चार्ट (Line Chart )
  2. बार चार्ट (Bar chart)
  3. एरिया चार्ट ( Area Chart)
  4. जापानी या कैंडल स्टिक चार्ट (Japanese or candle stick)
  5. हेइकिन आशी चार्ट (Heikin ashi chart)
  6. लाइन ब्रेक चार्ट (Break chart)
  7. रैंको चार्ट ( Ranko chart)
  8. वर्टेक्स लाइन चार्ट (Vertex line chart)
  9. स्टेप चार्ट (Step chart)
  10. माउंट चार्ट (Nount chart)
  11. बेस लाइन चार्ट (Base line chart)
  12. स्कैटर प्लॉट चार्ट (Scatter plot chart)
  13. हिस्टोग्राम चार्ट ( Histogram chart)
  14. रैंगो बार चार्ट (rango bar chart)

लाइन चार्ट(Line Chart)

यह सबसे सीधा तथा आसान चार्ट है | इसमे प्रतिदिन के अंत में शेयर के क्लोजिंग प्राइस को एक चार्ट पर बिन्दुवार दर्शाया जाता है , उसके बाद इन सभी बिन्दुओ को एक लाइन से जोड़ दिया जाता है जिससे एक लाइन चार्ट का निर्माण हो जाता है | टेक्निकल एनालिसिस क्या है ?

लाइन चार्ट(line chart)

यह अलग-अलग टाइम फ्रेम (महीने, सप्ताह, दिन,  घंटे ) में अलग – अलग प्रदर्शित होता है | यह सबसे आसान तथा सरल चार्ट है लेकिन इसकी कुछ कमियां भी है जिस कारण इसका प्रयोग कम किया जाता है 

  • यह Chart केवल एक ट्रेंड बताता है और कुछ नहीं |
  • यह केवल क्लोजिंग प्राइस के आधार पर बना होता है | इसमे शेयर के ओपन हाई और लो को नहीं दर्शाया जाता है | सेबी क्या है ? विस्तार से

बार चार्ट(Bar Chart)

यह लाइन चार्ट के मुकाबले कुछ कठिन होता है लेकिन इसमे लाइन Chart से ज्यादा डाटा मौजूद होता है | इसमे शेयर का OHLC (ओपन, क्लोजिंग, हाई और लो) प्रदर्शित होता है | यह एक खड़ी लाइन तथा दो होरिजेंटल लाइन से मिलकर बना होता है |

एक बार-चार्ट के चार हिस्से होते हैं।

  • सेन्ट्रल लाइन (Central Line) बार का सबसे ऊँचा हिस्सा सबसे ऊँची कीमत यानी हाई (High) को दर्शाता है |
  • सेन्ट्रल लाइन (Central Line) बार का निचला हिस्सा सबसे निचली कीमत लो (Low) को दर्शाता है |
  • बाँया मार्क (The left mark), ओपन (Open) अर्थात खुलने के समय वाली कीमत दर्शाता है |
  • दाहिना मार्क (The right mark)- ये क्लोज (Close) अर्थात बंद कीमत दर्शाता है |

बार चार्ट(Bar chart)

जैसे मान लीजिये कि किसी कंपनी X के  शेयर के एक दिन का डाटा निम्न है 

  • हाई (High) – 415
  • लो (Low) – 408
  • ओपन (Open) – 410
  • क्लोज (Close) – 414

तब कंपनी X के डाटा के अनुसार एक दिन का chart निम्न प्रकार से होगा | शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय ?

एरिया चार्ट ( Area Chart)

यह चार्ट लाइन चार्ट तथा बार चार्ट से मिलकर बना होता है | इस चार्ट को समझाना आसान होता है इसलिए नए निवेशक शुरुआत में इसी चार्ट का इस्तेमाल करते है |

यह चार्ट उनके लिए बेहतर है, जो शेयर बाज़ार में नए है तथा जिन्हें कैंडल स्टिक चार्ट या अन्य चार्ट को समझने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है 

ज्यादातर मामलों में इंट्रा डे ट्रेडर या पोजिशनल ट्रेडर इसका प्रयोग नहीं करते है | 

जापानी या कैंडलस्टिक चार्ट(Japanese or Candle Stick Chart)

वर्तमान परिदृश्य को देखा जाय तो शेयर बाज़ार में कैंडलस्टिक चार्ट का बड़ा ही महत्व है | यह सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाला चार्ट – chart है | इस chart की उत्पत्ति जापान में हुआ था, जिस कारण से इसे जापानी कैंडल भी कहा जाता है |

लगभग सभी ब्रोकिंग कंपनिया कैंडलस्टिक chart को प्रदर्शित करती है  | कभी कभी ये अपना एक पैटर्न भी बनाती है जिसको आधार मानकर ट्रेडर ट्रेड करते है | लम्बे समय तक निवेश करने के लिए शेयर

कैंडल  (Candle)

यह मुख्यतः तीन चीजो से मिलकर बना होता है |

  1. बॉडी ->  लाल तथा हरे रंग के मोटी आकार को बॉडी कहा जाता है | यह आयताकार होती है जो ओपन तथा क्लोज प्राईस को आपस में जोड़ती है 
  2. अपर शैडो ->  यह बॉडी के ऊपर का वो हिस्सा होता है जहाँ तक शेयर की कीमत ने उछाल तो मारा लेकिन सस्टेन नहीं कर पाया और निचे आ गया |
  3. लोअर शैडो -> यह बॉडी के निचे का वो हिस्सा होता है जहाँ तक शेयर की कीमत में गिरावट तो हुआ लेकिन खरीदारी के कारण शेयर की कीमत ऊपर आ गया |

जापानी चार्ट या कैंडलस्टिक चार्ट(Japanese chart or candle stick chart) 

यह chart भी अलग-अलग टाइम फ्रेम( जैसे-माह, सप्ताह, दिन, घंटा, मिनट) में अलग-अलग प्रदर्शित होता है | यह चार्ट ट्रेडिंग तथा निवेश करने के लिए या किसी शेयर के टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है |

ऐसा माना जाता है कि कैंडलस्टिक चार्ट 18वीं शताब्दी में एक जापानी चावल व्यापारी मुनेहिसा होमा द्वारा विकसित किया गया था।श्रोत

हेइकिन आशी चार्ट

यह एक प्रकार से प्राईस चार्ट है जो शेयर बाज़ार के मूवमेंट को औसत के रूप में प्रदर्शित करता है | इस चार्ट का प्रयोग टेक्निकल एनालिसिस करने में किया जाता है |

इसका कैंडल बार कैंडल स्टिक चार्ट की तरह ही होता है | फर्क बस इतना होता है कि कैंडलस्टिक चार्ट में शेयर के वास्तविक OHCL(ओपन हाई क्लोज लो) को प्रदर्शित करता है जबकि हेइकिन आशी चार्ट में OHCL(ओपन हाई क्लोज लो) के औसत का प्रयोग कर बाज़ार की वोलिटिलिटी को कम कर प्रदर्शित करता है | प्राइस एक्शन ट्रेडिंग क्या है ?

लाइन ब्रेक चार्ट(Line Break Chart)

लाइन ब्रेक चार्ट भी एक महत्वपूर्ण चार्ट है | यह शेयर बाज़ार के नोइस(मूवमेंट) को संतुलित कर देता है | निचे एक ही कंपनी के एक ही टाइम फ्रेम के लाइन ब्रेक चार्ट तथा कैंडल स्टिक चार्ट में अंतर को स्पष्ट किया जा सकता है |

लाइन ब्रेक चार्ट(Line Break Chart)

उदहारण के तौर पर यदि आप किसी कैंडल स्टिक चार्ट के एक कैंडल को देखकर यह नहीं ज्ञात कर सकते की बाज़ार का ट्रेंड क्या है | यह ऊपर जाएगी या निचे | लेकिन यदि आप लाइनब्रेक चार्ट का प्रयोग करेंगे तो आप एक कैंडल को देखकर बाज़ार के मूवमेंट का 70 से 80 प्रतिशत तक सही अंदाजा लगा सकते है |

यह पिछले दिन के क्लोजिंग को अगले दिन के क्लोजिंग से मिलाकर बनता है | इस चार्ट में कंपनी का ओपन हाई तथा लो को ज्ञात नहीं किया जा सकता है | डायवर्सिफिकेशन क्या है ?

जब किसी कैंडल का क्लोजिंग प्राईस अपने पिछले तीन दिन के क्लोजिंग प्राईस को ब्रेक करती है तब कैंडल अपना रंग बदलती है तथा ट्रेंड रिवर्शल का संकेत देती है | इस कारण से इसे 3 लाइन-ब्रेक चार्ट भी कहा जाता है |

रैंको चार्ट(Renko Chart)

यह भी एक जापानी चार्ट है जिसकी खोज स्टीव निसन(STEVE NISON) ने किया था | इस चार्ट में शेयर के क्लोज ओपन हाई लो किसी से मतलब नहीं होता है | इसे सिर्फ शेयर या इंडेक्स की कीमत पर निर्भर करता है |

रैंको चार्ट(Renko Chart)

इसमे शेयर के कीमत के अनुसार इंट बनती जाती है | आप चाहे तो एक इंट को प्रतिशत वृद्धि पर या शेयर के कीमत वृद्धि पर आप अपने अनुसार सेट कर सकते है |

इसके अलावा बाज़ार में कई सारे चार्ट है जिनका प्रयोग शेयर बाज़ार में ट्रेंड के लिए किया जाता है |

शेयर बाज़ार के चार्ट(Stock Market Chart) – Most Asked Question (FAQ)

शेयर मार्केट का चार्ट देखना कैसे सीखें?

शेयर मार्किट चार्ट को पढ़ने या समझने के लिए पहले आपको प्राईस एक्शन, सपोर्ट रेजिस्टेंस, ट्रेंड लाइन , शेयर बाज़ार के इंडिकेटर, प्राईस मूवमेंट, वॉल्यूम, के साथ शेयर बाज़ार के बेसिक की जानकारी होना अवशयक है | इस बेसिक को जानने के बाद शेयर बाज़ार में कार्य करते-करते अनुभव तथा प्रेक्टिस से ही बाज़ार के चार्ट को बेहतर सिखा जा सकता है |

शेयर बाजार में चार्ट क्या है?

शेयर बाज़ार में खरीद-बिक्री, प्राईस एक्शन, तथा वॉल्यूम को एक ग्राफिक्स के माध्यम से दर्शाया जाता है इसे ही चार्ट कहा जाता है | चार्ट सामान्यतः प्राईस तथा वाल्यूम से मिलकर बना होता है | ट्रेडर मूल रूप से शेयर बाज़ार के चार्ट के माध्यम से बाज़ार के ट्रेंड(अपट्रेंड, डाउनट्रेंड, साइड-वेज) को समझने का प्रयास करता है | 

एक अच्छे शेयर की पहचान कैसे करें?

शेयर बज्र में हजारो कंपनी लिस्टेड है लेकिन निवेश/ ट्रेड करने हेतु सभी कंपनिया उपयुक्त नहीं होती है |
यदि आप ट्रेडिंग के लिए शेयर की तलाश कर रहे है तो ऐसे शेयर का चुनाव करें जिसमे मूवमेंट अधिक होता हो लेकिन शेयर अपर सर्किट या लोअर सर्किट न चले वाला हो |
यदि आप निवेश के लिए अच्छे शेयर की तलाश कर रहे है तो सबसे पहले कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करें
कंपनी का ग्रोथ प्लान्स जाने
कंपनी के पैसा कमाने के जरिया के समझें
कंपनी का P&L स्टेटमेंट चेक करें
EPS – Earning Per Share. ...
P/E Ratio – Price Earning Ratio. का एनालिसिस
RoE और RoCE बढ़िया हो |
कम्पनी के ऊपर कर्च अधिक न हो |
कंपनी के मैनजमेंट ईमानदार हो |

निष्कर्ष

इस प्रकार आज हमने Stock Market Chart – शेयर बाज़ार के चार्ट Full Detail in Hindi के इस लेख में  लाइन चार्ट, बार चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट, हेइकिन आशी चार्ट, लाइन ब्रेक चार्ट तथा रैंको चार्ट के बारे में जाना | यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |

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हेल्लो दोस्तों, मै पिछले 8 वर्षो से शेयर बाज़ार में निवेश तथा रिसर्च कर रहा हूँ | मै अपने अनुभव को Finohindi के माध्यम से आपके साथ सच्चाई के साथ सीधे तथा साफ शब्दों में बाटना चाहता हूँ | यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश, ट्रेड करते है या आपकी शेयर बाज़ार में रूचि है तो आप सही जगह पर है

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