आज म्यूचुअल फंड क्या है / What is Mutual Fund Full Details in Hindi के इस लेख में हम जानेंगे कि म्युचुअल फंड में किस प्रकार से निवेश करें तथा आपके लिए कौन सा म्युचुअल फंड सही है |
जैसा की हम जानते है कि शेयर बाज़ार में लंबे समय तक निवेश करने पर बहुत बड़ा रिटर्न प्राप्त हो सकता है, लेकिन ऐसा तब होगा जब आप कंपनी तथा शेयर बाज़ार पर गहरी रिसर्च के साथ साथ शेयर बाज़ार के अप्स तथा डाउन को झेलने की क्षमता रखते हो | लेकिन नए निवेशक के पास कंपनी तथा शेयर बाज़ार पर गहरी रिसर्च के लिए समय नहीं होता है, और ना ही इस प्रकार कोई सरल साधन होता है | इसके साथ साथ नए निवेशक में शेयर बाज़ार के अप्स तथा डाउन को झेलने की क्षमता भी नहीं होती है | इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ इंडिकेटर
म्यूचुअल फंड क्या है (Mutual Fund Kya Hai in Hindi)
शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस जैसे गहन विश्लेषण की आवश्यकता पड़ती है | शेयर बाज़ार के इन्ही समस्यायों को देखते हुए AMC (एसेट मैनेजमेंट कंपनियों) ने म्यूचुअल फंड की स्थापना की, जिनका कार्य निवेशको के लिए कंपनियों, शेयर बाज़ार की विभिन्न प्रतिभूतियों तथा सरकारी प्रतिभूतियों पर रिसर्च कर निवेश करना तथा निवेशको की धनराशि पर अच्छा रिटर्न देना होता है |
अन्य शब्दों में कहा जाय तो म्यूचुअल फंड में बहुत सारे निवेशकों का पैसा एक स्थान पर जमा किया जाता है फिर इसे एक फंड मैनेजर के द्वारा शेयर बाजार की विभिन्न प्रतिभूतियों तथा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर दिया जाता है |
निवेशको के फंड को फंड मैनेजर कई अच्छी कंपनी में निवेश कर रिस्क को कम कर देते है | ब्रोकर/दलाल किसे कहते है ?
म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds In Hindi)
म्यूचुअल फंड मुख्यतः 5 प्रकार के होते है
- इक्विटी फंड (Equity Fund)
- डेट फंड (Debt Fund)
- हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund)
- समाधानोन्मुखी योजनाएं (Solution Oriented)
- गोल्ड फंड (Plans Gold Fund)
म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश करें (How to invest in mutual funds)
म्युचुअल फंड में निवेश करने के निम्न तीन तरीके है | आप इनमे से किसी एक का चुनाव कर किसी भी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के म्यूचुअल फंड में निवेश आरंभ कर सकते है |
- म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से
- थर्ड पार्टी कंपनी (ब्रोकर) के माध्यम से
- एसेट मैनेजमेंट कंपनी के माध्यम
म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से (Through Mutual Fund Distributor)
सामान्यतः सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां अपने म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ाने के लिए अपना म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त करते है | इनका कार्य जनसामान्य को अपने म्युचुअल फंड स्कीम के बारे में जानकारी देकर उन्हें अपने म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने हेतु प्रेरित करना होता है | आप इनसे संपर्क कर किसी भी म्युचुअल फंड स्कीम में अपना निवेश आरंभ कर सकते है | ये अकाउंट ओपन करने से लेकर निवेश के हर स्तर पर आपकी मदद करेंगे | सोते-सोते पैसे कमाए / Passive Income Ideas In India 2023
थर्ड पार्टी कंपनी (ब्रोकर) के माध्यम से (Through third party company – broker)
भारत में कई सारे ऐसे ब्रोकर कंपनी है जो म्यूचुअल फंड स्कीम, बेचने का कार्य करते है | जैसे Kfintech लिमिटेड, Computer Age Management Services Ltd (CAMS), GROWW इत्यादि | आप इन ब्रोकर कंपनियों के वेबसाइट पर जाकर या इनके एंड्राइड एप्लीकेशन के माध्यम से म्युचुअल फंड में बड़ी आसानी से निवेश आरंभ कर सकते है |
एसेट मैनेजमेंट कंपनी के माध्यम (Through asset management company)
सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां डायरेक्ट अपने ग्राहक को म्यूचुअल फंड स्कीम बेचने का कार्य करती है आप इन कंपनियों के ऑफिसियल वेबसाइट के माध्यम से या इनके एंड्राइड एप्लीकेशन के माध्यम डायरेक्ट अपना खाता ओपन कर म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते है |
एसआईपी के लिए डॉक्युमेंट्स (Documents for SIP in Hindi)
किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने के लिए आपको अपना E-KYC कर अपना अकाउंट ओपन करना पड़ेगा | इसके लिए आपको निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी |
- आधार कार्ड (मोबाइल लिंक सहित)
- पैन कार्ड (आधार लिंक सहित)
- बैंक अकाउंट
- बैंक स्टेटमेंट (अंतिम 6 माह का)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- चेक बुक
इनके अलावा आपको अपना एक मोबाइल संख्या तथा E-mail id की आवश्यकता पड़ेगी | इन सभी दस्तावेज की सहायता से आप किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी में अपना अकाउंट 20 मिनट के भीतर ओपन कर निवेश आरंभ कर सकते है |
एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Asset Management Company)
एसेट मैनेजमेंट कंपनी अर्थात AMC जिन्हें फंड हाउस, मनी मैनेजर और मनी मैनेजमेंट कॉरपोरेशन के रूप में भी जाना जाता है जिनका मुख्य काम निवेश करने के इच्छुक लोगों से पैसा इकट्ठा करना और शेयर बाजार की विभिन्न प्रतिभूतियों तथा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर निवेशको को बेहतर रिटर्न दिलाना है | AMC का Full Form – Asset Management Company होता है | शेयर बाज़ार में निवेश के नियम
म्यूचुअल फंड में निवेश के लाभ (Benefits of investing in Mutual Funds)
म्युचुअल फंड के लाभ को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है :–
a) कम पूंजी से निवेश की शुरुआत (Start Investing With Less Capital)
b) फंड के विकल्प (Fund Options)
c) निवेश करना तथा निकालना आसान (Easy to Invest and Withdraw)
म्युचुअल फंड में निवेश करना तथा निकालना बेहद आसान होता है | आप अपने मोबाइल से जब चाहे तब निवेश कर सकते है, तथा जब चाहे तब निकाल सकते है |
इसके लिए जिस भी म्युचुअल फंड कंपनी से आपने म्युचुअल फंड ख़रीदा है, उस कंपनी के वेब साईट से या app के माध्यम से अपनी पूंजी को निकालने का आवेदन कर सकते है |
यदि आप ट्रेडिंग डे में अपनी पूंजी को निकालना चाहते है तो उस दिन के अंत में जो भी NAV जारी किया जायेगा, उसी हिसाब से पूंजी अगले दिन आपके खाते में आ जाती है | एडवांस/डिक्लाइन रेशियो
लेकिन यदि आप ट्रेडिंग-डे में अपनी पूंजी को न निकाल कर छुट्टी के दिन पूंजी को निकलते है तो सामान्यतः अगले ट्रेडिंग-डे की NAV, तथा उसके अगले दिन अर्थात आवेदन के दो दिन बाद पूंजी आपके खाते में आ जाती है |
d) पारदर्शिता (transparency)
म्युचुअल फंड कंपनिया सेबी द्वारा रेलुलेट की जाती है तथा प्रत्येक दिन अपने फंड का NAV (Net Asset Value) और प्रत्येक माह अपने निवेश का विवरण प्रदर्शित करती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है | आप अपने निवेशित धनराशि में प्रतिदिन रिटर्न को देख सकते है |
म्यूचुअल फंड के नुकसान (Disadvantages of Mutual Funds)
म्युचुअल फंड लाभ के साथ-साथ कुछ हानियाँ भी है, जिन्हें हम निम्न प्रकार से समझ सकते है
a) एग्जिट लोड (Exit Load)
b) फिक्स रिटर्न नहीं (No Fixed Returns)
चूँकि म्युचुअल फंड (Mutual Fund) शेयर बाज़ार पर आधारित होता है | अतः म्युचुअल फंड का रिटर्न भी बाज़ार पर आधारित होता है | यदि महंगाई या किसी ग्लोबल कारण की वजह से शेयर बाज़ार कम अथवा निगेटिव रिटर्न नहीं दे पता है तो म्यूच्यूअल फंड में भी कम अथवा नगेटिव रिटर्न मिलेगा | इसी लिए शेयर बाज़ार तथा म्युचुअल फंड में लम्बे समय तक निवेशित रहने वाले निवेशक को ही निवेश करना ज्यादा लाभकारी होता है |
c) AMC के कमीशन (AMC Commissions)
म्यूचुअल फंड स्कीम का व्यय अनुपात (Expense ratio) उस स्कीम के मैनेजमेंट के लिए निवेशकों द्वारा म्यूचुअल फंड हाउस या AMC को दी जाने वाली सलाना फीस है। इसलिए किसी भी म्युचुअल फंड में निवेश करने से पहले उसके व्यय अनुपात(Expense ratio) के बारे में जानना आवश्यक होता है | जिस म्यूचुअल फंड स्कीम का व्यय अनुपात (Expense ratio) जितना कम होता है वो फंड उतना ही अच्छा माना जाता है |
इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी
क्या म्यूचुअल फंड में पैसा डूब सकता है?
यदि आपको लगता है कि शेयर बाज़ार डूब जायेगा तो हाँ म्युचुअल फंड डूब सकता है , लेकिन वास्तव में देखा जाय तो सामान्य परिस्तिथि में ऐसा संभव नहीं है | म्युचुअल फंड का निवेश भी एक प्रकार से शेयर बाज़ार में निवेश होता है | अतः यदि आप लम्बे समय तक के लिए निवेश कर रहे है तो आपको अपने फंड मैनेजर पर भरोसा करना चाहिए |
म्यूचुअल फंड में कितना ब्याज मिलता है?
म्यूचुअल फंड में व्याज नहीं रिटर्न मिलता है | म्यूचुअल फंड का निवेश शेयर बाज़ार पर आधारित होता है | यदि शेयर बाज़ार अच्छा परफार्म करेगी, तब म्यूचुअल फंड 15 से 30 प्रतिशत तक रिटर्न दे सकती है | लेकिन यदि शेयर बाज़ार अच्छा परफार्म नहीं करेगी तब आपका रिटर्न नेगेटिव भी हो सकता है | इसलिए यदि आप लम्बे समय तक निवेश करना चाहते है तब ही आपको म्युचुअल फंड का चुनाव करना चाहिए |
म्यूचुअल फंड क्या है और कैसे काम करता है?
म्यूचुअल फंड शेयर बाज़ार पर आधारित निवेश का एक साधन है | इसमे म्यूचुअल फंड हाउस कंपनियां निवेशक का पैसा निवेश करने के लिए एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर नियुक्त करती है, जो निवेशक का पैसा लेकर शेयर बाज़ार में निवेश करते है | बदले में कंपनिया रिटर्न का छोटा हिस्सा अपने पास रखती है शेष आपको रिटर्न के रूप में आपके NAV में जोड़ दिया जाता है |
म्यूचुअल फंड कितने साल तक रखना चाहिए?
म्यूचुअल फंड में कम से कम 3 वर्षो तक निवेश करना चाहिए | लेकिन यदि आप म्यूचुअल फंड के रिटर्न का भरपूर लाभ लेना चाहते है, तो आपको कम से कम 10 साल तक SIP(Systematic Investment Plan) के माध्यम से म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए |
आज हमने जाना (Today We Learned)
म्यूचुअल फंड क्या है / What is Mutual Fund Full Details in Hindi के इस लेख में हमने जाना कि म्युचुअल फंड (Mutual Fund) क्या है तथा म्युचुअल फंड में क्यों निवेश करना चाहिए | निवेश के लाभ तथा हानि को ध्यान में रखते हुए अब आप अपने वित्तीय लक्ष्य तथा रिस्क के अनुसार सही म्युचुअल फंड का चुनाव कैसे करें |
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