आज हम एडवांस/डिक्लाइन रेशियो (Advance Decline Ratio) Full Detail in Hindi के इस लेख में जानेंगे कि शेयर बाज़ार में एडवांस/डिक्लाइन रेशियो किसे कहा जाता है | इसे किस प्रकार से ज्ञात सकते है, तथा ट्रेडर किस प्रकार से शेयर बाज़ार में एडवांस/डिक्लाइन रेशियो का क्या उपयोग कर ट्रेडिंग करते है |
एडवांस/डिक्लाइन-Advance Decline
एडवांस/डिक्लाइन रेशियो को समझने के पहले आपको यह जानना आवश्यक है कि एडवांस तथा डिक्लाइन किसे कहा जाता है |
पॉजिटिव या अपट्रेंड मूवमेंट वाले शेयर को एडवांस माना जाता है तथा निगेटिव या डाउनट्रेंड मूवमेंट वाले शेयर को डिक्लाइन माना जाता है | सपोर्ट तथा रजिस्टेंस
एडवांस/डिक्लाइन रेशियो (Advance Decline Ratio)
एडवांस/डिक्लाइन रेशियो (Advance-Decline ratio) टेक्निकल एनालिसिस का एक प्रमुख इंडिकेटर है, जिसका प्रयोग शेयर बाज़ार के मोमेंटम को जानने के लिए किया जाता है |
एडवांस/डिक्लाइन रेशियो = बढ़ने वाले शेयर / गिरने वाले शेयर
अर्थात यदि एडवांस/डिक्लाइन रेशियो की वैल्यू 1 से अधिक है तो इसका अर्थ है कि बाज़ार में तेज़ी का रुख है, लेकिन यदि एडवांस/डिक्लाइन रेशियो की वैल्यू 1 से कम है, तो इसका अर्थ है कि शेयर बाज़ार का रुख मंदी की ओर है || शेयर बाज़ार से शेयर खरीदने तथा बेचने का उत्तम समय
एडवांस/डिक्लाइन रेशियों का बाज़ार पर प्रभाव – Market Impact of Advance Decline Ratio
आप मासिक आधार पर एडवांस/डिक्लाइन की गणना कर शेयर बाज़ार के रुख का अंदाज़ा लगा सकते है | आम तौर पर जब शेयर बाज़ार अपने सपोर्ट पर होता है, तो एडवांस/डिक्लाइन रेशियो में तेज़ी आने लगाती है, जिससे बाज़ार के तेज़ होने का अंदाज़ा लग जाता है |
ठीक इसी प्रकार जब बाज़ार अपने रेजिस्टेंस पर होता है तब एडवांस/डिक्लाइन रेशियो में गिरावट आने लगती है, जिससे बाज़ार के मंदा होने का अदाज़ा लगाया जाता है | ट्रेडिंग क्या है ?
एडवांस/डिक्लाइन रेशियो के महत्वपुर्ण बिंदु – Important Points of Advance Decline Ratio
- बाज़ार की शुरुआत में आप एडवांस/डिक्लाइन रेशियो को देखकर उस दिन के बाज़ार का मुवंनेट का अंदाज़ा लगा सकते है |
- यह एक टेक्निकल एनालिसिस टूल है, जिसका प्रयोग शेयर बाज़ार के ट्रेंड को जानने के लिए किया जाता है |
- यदि एडवांस/डिक्लाइन रेशियो 1 से अधिक हो बाज़ार तेज़ तथा यदि 1 से कम हो बाज़ार मंदा मानकर आप ट्रेड ले सकते है
- एडवांस/डिक्लाइन रेशियो अलग-अलग टाइम फ्रेम में अलग-अलग होता है जैसे – मिनट, घंटा, दिन, सप्ताह, महीना आदि |
एडवांस/डिक्लाइन रेशियो कैसे कार्य करता है-How Advance Decline Ratio Works
एडवांस डिक्लाइन रेशियो का प्रयोग – Use of Advance Decline Ratio
एडवांस/डिक्लाइन रेशियों चार्ट – Advance Decline Ratio Chart
इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी
एडवांस एंड डिक्लाइन रेशियो क्या है?
शेयर बाज़ार में बढ़ने वाले तथा गिरने वाले शेयर की संख्या के अनुपात को एडवांस/डिक्लाइन रेशियो कहा जाता है |
अतः एडवांस/डिक्लाइन रेशियो = बढ़ने वाले शेयर / गिरने वाले शेयर
अर्थात यदि एडवांस/डिक्लाइन रेशियो की वैल्यू 1 से अधिक है तो इसका अर्थ है कि बाज़ार में तेज़ी का रुख है, लेकिन यदि एडवांस/डिक्लाइन रेशियो की वैल्यू 1 से कम है, तो इसका अर्थ है कि शेयर बाज़ार का रुख मंदी की ओर है |
एक अच्छा अग्रिम गिरावट अनुपात क्या है?
यदि एडवांस/डिक्लाइन रेशियो की वैल्यू 1 से अधिक आता है तो इसे अच्छा अग्रिम गिरावट अनुपात या अच्छा एडवांस/डिक्लाइन रेशियो कहा जाता है | इसका कारण है कि एडवांस/डिक्लाइन रेशियो की वैल्यू 1 से अधिक होने से बाज़ार में तेज़ी के रुख का अंदाज़ा लगाया जाता है |एडवांस/डिक्लाइन रेशियो बाज़ार में मोमेंटम को दर्शाता है |
एडवांस/डिक्लाइन रेशियो कैसे कार्य करता है ?
शेयर बाज़ार में एडवांस/डिक्लाइन रेशियो का बड़ा ही महत्व है | जब एडवांस/डिक्लाइन रेशियो की वैल्यू 1 से अधिक होता है तो ट्रेडर तेज़ी का ट्रेड लेकर अपना लाभ बनाते है लेकिन यदि एडवांस/डिक्लाइन रेशियो की वैल्यू 1 से कम होता है तो इसका अर्थ है कि बाज़ार में मंदी का दौर है | यहाँ ट्रेडर मंदी का ट्रेड लेते है तथा अपना लाभ बनाते है |
एडवांस/डिक्लाइन रेशियों चार्ट - Advance Decline Ratio Chart क्या है ?
NSE एडवांस/डिक्लाइन चार्ट में एक पाई चार्ट होता है जो स्पष्ट रूप से एडवांस NSE शेयर के प्रतिशत के साथ साथ डिक्लाइन स्टॉक के प्रतिशत को भी दर्शाता है | एडवांस/डिक्लाइन रेशियों चार्ट में बढ़ने वाले शेयर की संख्या तथा गिरने वाले शेयर को दैनिक आधार पर नोट क्या जाता है | यह एक संचयी इंडिकेटर है |