स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है और कैसे करें? Scalping Trading Meaning in Hindi

जो भी ट्रेडर शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करते है उनका एकमात्र उद्देश्य शेयर बाज़ार से पैसे कमाना होता है | ट्रेडिंग कई प्रकार के होते है | ट्रेडर अपने सुविधा के अनुसार अपने ट्रेडिंग शैली का चुनाव करते है | ट्रेडिंग के सभी प्रकार को हमने अपने पिछले लेख ट्रेडिंग क्या है ? में विस्तार से जाना है |

आज के अपने इस लेख में हम सब स्केप्लिंग ट्रेडिंग के ब्नारे में विस्तार से चर्चा करेंगे | आज के इस लेख में हम सब जानेंगे कि स्केप्लिंग ट्रेडिंग क्या होती है, इसका क्या महत्व है, के साथ साथ हम पढेंगे कि एक सफल ट्रेडर स्केप्लिंग ट्रेडिंग का किस प्रकार से प्रयोग कर शेयर बाज़ार से बड़े पैसे कमाते है |

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है? Scalping Trading in Hindi

छोटे टाइम फ्रेम पर, बहुत कम समय के लिए किया गया ट्रेड, स्केप्लिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading) कहलाता है | स्केप्लिंग ट्रेडर बड़े टार्गेट का इंतजार नहीं करते है बल्कि छोटे टार्गेट के लिए बड़ी क्वांटिटी में ट्रेड लेते है | एक स्केप्लिंग ट्रेडर 1 मिनट से 5 मिनट के भीतर अपने सौदे को पूर्ण कर लेता है |

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है और कैसे करें? Scalping Trading Meaning in Hindi

कभी कभी आपने देखा होगा कि जब आप कोई ट्रेड लेते है तो कुछ समय के लिए ट्रेड सही दिशा में जाता है तथा प्रॉफिट होने लगता है लेकिन कुछ समय बितने के बाद वही ट्रेड लॉस में चला जाता है | यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तब आपको अपनी ट्रेडिंग स्टाइल बदलने की आवश्कता है | ऐसे में आपके लिए स्कैल्पिंग ट्रेडिंग अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है |

स्केप्लिंग ट्रेडिंग में समय का बड़ा ही महत्व होता है | इसमे सेकण्ड – सेकण्ड का खेल होता है | इसमे कोई भी ट्रेड 5 मिनट से अधिक नहीं चलता है | इसमे ट्रेड का टार्गेट छोटा होता है लेकिन ट्रेड का क्वांटिटी बड़ी होती है इस कारण से छोटे टार्गेट के बाबजूद ट्रेडर को बड़ा मुनाफा हो जाता है |

स्कैल्प ट्रेडिंग स्ट्रेटजी (Scalp Trading Strategy in hindi)

स्कैल्प ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडर एक साधारण सा स्ट्रेटजी का अनुसरण करते है | स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर चार्ट का टेक्निकल एनालिसिस छोटे टाइम फ्रेम पर करते है जैसे 1 मिनट, 2 मिनट, 3 मिनट या 5 मिनट | ये टाइम फ्रेम ट्रेडर को बहुत कम समय में होने वाले मूवंनेट की जानकारी प्रदान करते है | चार्ट के एनालिसिस के लिए आप कैंडलस्टिक पैटर्न, कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न या शेयर बाज़ार के इंडिकेटर का प्रयोग कर सकते है |

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें?

आप जब भी शेयर बाज़ार के टेक्निकल एनालिसिस का पूरी तरह से अध्ययन कर लेते है तथा जब आपको लगता है कि आप शेयर बाज़ार में स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने के लिए तैयार तब मेरे हिसाब से आपको कैश में ट्रेडिंग करने से पहले पेपर ट्रेडिं करने पर ध्यान देना चाहिए | पेपर ट्रेडिंग एक ऐसी युक्ति है जिसके माध्यम से आप अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी तथा टेक्निकल एनालिसिस की जाँच कर सकते है |

जब आप अपने पेपर ट्रेडिंग में कम से कम 70 प्रतिशात्र ट्रेड में अपना टार्गेट हिट होता पाते है तब आपको शेयर बाज़ार के लाइव बाज़ार में कम पूंजी के साथ स्कैल्पिंग ट्रेडिंग की शुरुआत करनी चाहिए | जैसे – जैसे समय व्यतीत होता जायेगा वैसे – वैसे आपको अपने ट्रेडिंग स्ट्रेटजी पर भरोसा बढ़ता जायेगा | यदि ऐसा होता है तब आप शेयर बाज़ार के लाइव बाज़ार में स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने हेतु तैयार है |

एक ट्रेडर को किसी भी कंपनी के शेयर के प्रति अपना सेंटिमेंट हावी नहीं होने देना चाहिए | क्यों कि हम शेयर बाज़ार में पैसे कमाने के इरादे से आते है न कि कंपनी के शेयर से शादी रचाने | आपको ट्रेडिंग हमेशा अपने एनालिसिस के अनुसार ही करनी चाहिए |

स्कैल्पिंग ट्रेडर के लक्षण (Characteristics of a Scalping Trader)

यदि आप शेयर बाज़ार से स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कर पैसे कमाना चाहते है तब आपको कुछ नियमो का पालन करना अत्यंत आवश्यक है | अतः यदि आप स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कर पैसे कमाना चाहते है तब आपको निम्न नियमों का पालन अवश्य करना होगा |

डिसीजन मेकर :- हम जानते है कि स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में समय का बड़ा ही महत्व होता है | इसमे बहुत कम समय के अन्दर ट्रेड लेकर एग्जिट भी होना होता है | ट्रेड लेने के बाद यदि ट्रेड गलत दिशा में जाता है तब एक अच्छा निर्णय लेने वाल ट्रेडर ही ट्रेड से एग्जिट होकर नया ट्रेड बना सकता है | ऐसा न करने पर आपकी एक गलती आपकी सारी पूंजी लेकर जा सकती है |

अनुशासित रहना :- स्कैल्पिंग ट्रेडिंग ही नहीं बल्कि किसी प्रकार के ट्रेडिंग में अनुशासित रहना अत्यंत आवश्यक है अतः स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में ट्रेड लेने से पहले आपका टार्गेट तथा स्टॉप लॉस का एनालिसिस करना आवश्यक है | ट्रेडर का टेक्निकल एनालिसिस जिस लेवल पर एग्जिट हो जाने का इंडिकेटर दे रहा हो वहां पर एग्जिट हो जाना ही उचित होता है | यदि आप अनुशासित रहकर ट्रेड नहीं करेंगे तब आप भावनाओ के वश में हो जायेंगे तथा पक्का अपना नुकसान करा बैठेंगे |

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के नियम (Rules of Scalping Trading in Hindi)

यदि आपने टेक्निकल एनालिसिस कर शेयर बाज़ार में स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने जा रहे है तब आपको कुछ नियमो का पालन अवश्य करना चाहिए |

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है और कैसे करें? Scalping Trading Meaning in Hindi

  1. स्कैल्प ट्रेडिंग आपको हमेशा ऐसी कंपनी या इंडेक्स में करना चाहिए जिसमें लिक्विडिटी अधिक होता है | जिन कंपनी के शेयर में लिक्विडिटी कम होता है वो कंपनी स्कैल्प ट्रेडिंग के लिए बिलकुल अच्छी नहीं मानी जाती है |
  2. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में बड़े टार्गेट नहीं रखना चाहिए | ट्रेडर को अपने छोटे टार्गेट से संतोष करना चाहिए |
  3. स्कैल्प ट्रेडिंग में समय का विशेष ध्यान रखा जाता है | यदि नियत समय के बाद भी ट्रेडर को टार्गेट नहीं मिलता है तब भी ट्रेडर ट्रेड से एग्जिट हो लेता है |
  4. ट्रेडर को अनुशासन में रहकर ही ट्रेड करना चाहिए तथा आपको अपने इमोशंस पर कंट्रोल रखना चाहिये |
  5. स्कैल्प ट्रेडर को एक ही ट्रेड से बड़ा प्रॉफिट कमाने के बजाय कई ट्रेड से थोडा – थोडा प्रॉफिट कमाने पर भरोसा करना चाहिए |

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के फायदे (Advantages of Scalping Trading in Hindi)

स्काल्पिंग ट्रेडिंग करने के निम्न लाभ है :-

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है और कैसे करें? Scalping Trading Meaning in Hindi

  1. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में बाज़ार का रिस्क कम हो जाता है |
  2. इसमें ट्रेड का होल्डिंग टाइम कम होता है इस कारण से बाज़ार के उतार चढाव का रिश्क कम होता है |
  3. इस स्ट्रेटजी में ट्रेड सक्सेज होने का प्रतिशत अन्य स्ट्रेटजी की तुलना में अधिक होता है |
  4. इसमें आपको कम समय में अधिक ट्रेड लेने का समय रहता है | अतः एक ट्रेड फ़ेल हो जाने के बाद आप उस नुकसान की भरपाई बड़ी आसानी से कर सकते है |
  5. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको किसी प्रकार की फंडामेंटल एनालिसिस की आवश्यकता नहीं पड़ती है | इसमें ट्रेडिंग के लिए आपको मात्र टेक्निकल एनालिसिस तथा न्यूज पर ध्यान देने की आवश्यकता पड़ती है |

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के नुकसान (Disadvantages of Scalping Trading in Hindi)

  1. चूँकि इसमें छोटे – छोटे टार्गेट के कई ट्रेड लिए जाते है इस कारण से ब्रोकरेज फीस अधिक देना पड़ता है |
  2. स्कैल्प ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर को हमेशा स्क्रीन के सामने एक्टिव रहना पड़ता है |
  3. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में गहरी समझ तथा अनुभव की जरुरत होती है | यदि आप बिना गहरी समझ तथा अनुभव के शेयर बाज़ार में स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने लगेंगे तब आप पक्का अपना कैपिटल गवां बैठेंगे |
  4. ट्रेडिंग में ज्यादातर लोग अपने इमोशन पर कंट्रोल नहीं रख पाते है तथा अपना लॉस करा लेते है |

आज हमने जाना(Today We Learned)

मेरे प्रिय पाठकों, आज़ के अपने इस लेख स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है और कैसे करें? Scalping Trading Meaning In Hindi में हम सबने जाना कि स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है, इसकी शुरुआत कैसे करें, स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के नियम क्या क्या है, के साथ हमने स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के लाभ तथा हानि को विस्तार से जाना |

हम आशा करते है कि अब आपको स्कैल्पिंग ट्रेडिंग से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे | आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा हमें कमेन्ट कर अवश्य बताये | यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |

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हेल्लो दोस्तों, मै पिछले 8 वर्षो से शेयर बाज़ार में निवेश तथा रिसर्च कर रहा हूँ | मै अपने अनुभव को Finohindi के माध्यम से आपके साथ सच्चाई के साथ सीधे तथा साफ शब्दों में बाटना चाहता हूँ | यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश, ट्रेड करते है या आपकी शेयर बाज़ार में रूचि है तो आप सही जगह पर है

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