दोस्तों, शेयर बाज़ार या म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो मुख्य तरीके है | एक तरीका है SIP का तथा दूसरा तरीका है एकमुश्त निवेश (Lump Sum Investment) का | ज्यादातर निवेशक अपने निवेश की स्ट्रेटजी में कन्फ्यूज रहते है | वे ये तय नहीं कर पाते है है कि उन्हें बाज़ार में SIP के तहत निवेश करना चाहिए या एकमुश्त रकम निवेश करना चाहिए |
दरअसल जो लोग कन्फ्यूज होते है उन्हें SIP तथा एकमुश्त निवेश के बारे में पता ही नहीं होता है | अपने पिछले लेख में हम सबने एकमुश्त निवेश को जाना था | आज के इस लेख में हम सब सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को विस्तार से जानेंगे | आज के इस लेख में हम सब जानेगे कि Systematic Investment Plan – SIP क्या है, ये कैसे कार्य करती है, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के तहत निवेश करने के क्या – क्या लाभ है, के साथ – साथ हम सब पढेंगे कि कम पैसे कमाने वाला व्यक्ति भी इसके द्वारा कैसे करोड़ों रुपये की वेल्थ बना सकता है |
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) क्या होता है?
व्यवस्थित निवेश योजना (Systematic Investment Plan) एक ऐसी निवेश योजना है जिसमें एक निश्चित अंतराल में निवेश के लिए तय एक निश्चित धनराशि आपके खाते से म्यूचुअल फंड में जमा की जाती है | यह एक प्रकार से बैंक के RD(Recurring Deposit) की तरह ही होता है | हम इस योजना के तहत प्रतिदिन, साप्ताहिक दिवस, साप्ताहिक, मासिक, त्रेमासिक निवेश कर सकते है |
यह एक अनुशासित निवेश योजना है | इसमें छोटी – छोटी पूंजी निवेश करने से लम्बे समय बाद बड़ी पूंजी बनकर तैयार हो जाती है | इसके लिए आपको एक बार अपने एसआईपी का सेटअप करना होगा, इसके बाद आपके तय समय के बाद तय पूंजी आपके खाते से निकलकर म्यूचुअल फंड स्कीम में जमा होता रहेगा | इस तरह की निवेश योजना आम तौर पर म्यूचुअल फंड में ही प्रयोग की जाती है | शेयर मार्केट से अमीर कैसे बने
एसआईपी की शुरुआत कैसे करें (How to start SIP)
किसी भी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के म्यूचुअल फंड में SIP करने के निम्न तरीके है |
- एजेंट के माध्यम से
- थर्ड पार्टी कंपनी (ब्रोकर) के माध्यम से
- एसेट मैनेजमेंट कंपनी के माध्यम
म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से (Through Mutual Fund Distributor)
सामान्यतः सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां अपने म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ाने के लिए अपना म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त करते है | इनका कार्य जनसामान्य को अपने म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में जानकारी देकर उन्हें अपने म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने हेतु प्रेरित करना होता है | आप इनसे संपर्क कर किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में अपना SIP आरंभ कर सकते है | ये अकाउंट ओपन करने से लेकर निवेश के हर स्तर पर आपकी मदद करेंगे | सोते-सोते पैसे कमाए / Passive Income Ideas In India 2023
थर्ड पार्टी कंपनी (ब्रोकर) के माध्यम से (Through third party company – broker)
भारत में कई सारे ऐसे ब्रोकर कंपनी है जो म्यूचुअल फंड स्कीम, बेचने का कार्य करते है | जैसे Kfintech लिमिटेड, Computer Age Management Services Ltd (CAMS), GROWW इत्यादि | आप इन ब्रोकर कंपनियों के वेबसाइट पर जाकर या इनके एंड्राइड एप्लीकेशन के माध्यम से म्युचुअल फंड में बड़ी आसानी से SIP आरंभ कर सकते है |
एसेट मैनेजमेंट कंपनी के माध्यम (Through asset management company)
सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां डायरेक्ट अपने ग्राहक को म्यूचुअल फंड स्कीम बेचने का कार्य करती है आप इन कंपनियों के ऑफिसियल वेबसाइट के माध्यम से या इनके एंड्राइड एप्लीकेशन के माध्यम डायरेक्ट अपना खाता ओपन कर SIP की शुरुआत कर म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते है | कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है
एसआईपी के लिए डॉक्युमेंट्स (Documents for SIP in Hindi)
किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में SIP करने के लिए आपको अपना E-KYC कर अपना अकाउंट ओपन करना पड़ेगा | इसके लिए आपको निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी |
- आधार कार्ड (मोबाइल लिंक सहित)
- पैन कार्ड (आधार लिंक सहित)
- बैंक अकाउंट (Bank Account)
- बैंक स्टेटमेंट (अंतिम 6 माह का)
- पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Size Photo)
- चेक बुक (Cheque Book)
इनके अलावा आपको अपना एक मोबाइल संख्या तथा E-mail id की आवश्यकता पड़ेगी | इन सभी दस्तावेज की सहायता से आप किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी में अपना अकाउंट 20 मिनट के भीतर ओपन कर SIP आरंभ कर सकते है |
म्यूचुअल फंड स्कीम का चुनाव (Selection of mutual fund scheme)
अब जब आप अपने पसंदीदा निवेश के साधन का चुनाव कर चुके है तब आपको यह तय करना है कि आपको कौन से AMC के किस म्यूचुअल फंड स्कीम में SIP करना है | मुख्यतः ये निम्न प्रकार के होते है
- डेट फंड(Debt Fund)
- हाइब्रिड फंड(Hybrid Fund)
- समाधानोन्मुखी योजनाएं(Solution-Oriented Mutual Fund Schemes)
- गोल्ड म्यूचुअल फंड(gold mutual fund)
- इक्विटी म्यूचुअल फंड(Equity Mutual Fund)
आप किसी भी AMC के म्यूचुअल फंड में अपने रिस्क क्षमता के आधार पर इनमे से किसी भी कैटेगरी में निवेश करने पर विचार कर सकते है |
एसआईपी कैसे काम करती है (How Does SIP Work In Hindi)
चूँकि एसआईपी का प्रयोग सामान्यतः म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते है अतः इसके कार्य को हम म्यूचुअल फंड स्कीम के माध्यम से ही समझेंगे | भारत में कार्य करने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनिया (Asset Management Companies) अपने – अपने म्यूचुअल फंड स्कीम जारी करती है | इन म्यूचुअल फंड स्कीम को मैनेज करने के लिए एक फंड मैनेजर की नियुक्ति की जाती है |
ये फंड मैनेजर निवेशकों की धनराशि को कई सारी कंपनियों में निवेश करते है | इस प्रकार निवेशित पूंजी का एक पोर्टफोलियो तैयार करते है | इस पोर्टफोलियो के वैल्यू को कई टुकड़ो में तोड़ दिया जाता है जिसे NAV (नेट एसेट वैल्यू) कहा जाता है या यूँ कहा जाय कि म्यूचुअल फंड स्कीम के एक यूनिट के कीमत को NAV कहा जाता है | जैसे – जैसे पोर्टफोलियो में मौजूद कंपनी के शेयर ऊपर जाते है उसी अनुपात में म्यूचुअल फंड स्कीम की NAV ऊपर जाती है तथा जैसे – जैसे पोर्टफोलियो में मौजूद कंपनी के शेयर निचे जाते है उसी अनुपात में म्यूचुअल फंड की NAV भी निचे जाती है |
अब जब हम किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते है तब एसेट मैनेजमेंट कंपनिया उस म्यूचुअल फंड स्कीम का NAV यूनिट अलॉट कर देती है | एक बार सेटअप कर लेने के बाद तय दिनांक को तय धनराशि आपके खाते से निकल कर म्यूचुअल फंड स्कीम में जमा हो जाता है तथा उस दिन के NAV (नेट एसेट वैल्यू) के आधार पर आपको यूनिट अलॉट कर दिया जाता है | डिविडेंट क्या है ? what is dividend
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि शेयर बाज़ार या म्यूचुअल फंड स्कीम की NAV ऊपर है या निचे है | तय दिनांक को आपके बैंक के बचत खाते से तय पैसे निकलकर म्यूचुअल फंड स्कीम स्वतः जमा हो जाते है तथा NAV के कीमत के आधार पर आपके फोलियो में यूनिट जुड़ती जाती है | इस प्रकार से आपके फोलियो में दिखाई देने वाला NAV की कीमत एक औसत NAV होती है |
आईये इसे एक उदाहरण की सहायता से समझने का प्रयास करते है :- इसे समझने के लिए हम मान कर चलते है कि कोई व्यक्ति SBI के किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में 1500 रुपये प्रतिमाह, माह के पहले दिवस में निवेश करने की योजना बनाता है | व्यक्ति जब निवेश की योजना बनाता है तब म्यूचुअल फंड स्कीम के NAV की कीमत 40 रुपये है | तब अगले 10 माह तक के निवेश को इस प्रकार से देखा जा सकता है :–
निवेश का दिनांक | निवेशित धनराशि | NAV | प्राप्त यूनिट | औसत NAV |
01-01-2023 | 1500 | 40 | 37.50 | 40.00 |
01-02-2023 | 1500 | 42 | 35.71 | 41.00 |
01-03-2023 | 1500 | 41.5 | 36.14 | 41.16 |
01-04-2023 | 1500 | 42 | 35.71 | 41.37 |
01-05-2023 | 1500 | 44.5 | 33.71 | 42.00 |
01-06-2023 | 1500 | 47 | 31.91 | 42.83 |
01-07-2023 | 1500 | 45.9 | 32.68 | 43.27 |
01-08-2023 | 1500 | 48 | 31.25 | 43.86 |
01-09-2023 | 1500 | 50.5 | 29.70 | 44.24 |
01-10-2023 | 1500 | 53 | 28.30 | 45.10 |
योग | 15000 | 332.6 | ||
निवेश का सारांस | ||||
कुल निवेश | 15,000.0 | |||
कुल प्राप्त यूनिट | 332.6 | |||
वर्तमान NAV | 53.0 | |||
निवेश की वर्तमान वैल्यू (यूनिट x वर्तमान NAV) | 17,627.8 | |||
प्राप्त वार्षिक रिटर्न | 21.01% |
उपरोक्त उदाहरण में हमने देखा कि SIP के तहत निवेश करने पर निवेशक की पूंजी पर NAV कैसे प्राप्त होता है तथा हम अपने निवेश की कुल वैल्यू कैसे ज्ञात कर सकते है | ROCE क्या है?
एसआईपी के प्रकार (Types of SIP)
जब म्यूचुअल फंड में SIP की धारणा को पेश किया गया था तब साधारण सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को सार्वजनिक किया गया था |
लेकिन समय की मांग को देखते हुए दो और तकनीक को इजाद किया गया | एसआईपी के सभी प्रकार निम्न है :-
- फिक्स एसआईपी (Fixed SIP)
- स्टेपअप एसआईपी (Stepup SIP)
- फ्लेक्सीबल एसआईपी (Flexible SIP)
आईये अब हम एक एक कर इन सभी SIP को समझते है |
फिक्स एसआईपी (Fixed sip)
आप सामान्य बोलचाल की भाषा में जिस SIP को आप सुनते है वो फिक्स्ड एसआईपी होता है | इसमे SIP का अमाउंट फिक्स होता है | जैसे यदि आपने इस कैटेगरी के SIP में 1000 रुपये प्रतिमाह निवेश करने का मन बनाया है तब, जब तक आप इसको बंद नहीं करेंगे तब तक आपके बचत खाते से 1000 रुपये निकलकर म्यूचुअल फंड के स्कीम में जमा होता रहेगा | अर्थात इसमे SIP का अमाउंट फिक्स होता है |
फिक्स एसआईपी के कैटेगरी में निवेश करना उनके लिए सही होता है जिन्हें अपने वेतन या व्यवसाय में बढ़ोतरी की उम्मीद न हो | ऐसे में वो अपना SIP के अमाउंट को फिक्स रखना चाहते है |
स्टेपअप एसआईपी (Stepup SIP)
जैसे – जैसे समय बीतता गया, एसआईपी के पुराने ट्रेंड को बदलने की आवश्यकता आन पड़ी | इसके बाद स्टेपअप एसआईपी को इजाद किया गया | इसमे अपने SIP के धनराशि को हर साल एक निश्चित धनराशि में या निश्चित प्रतिशत में बढाया जाता है | जैसे यदि आपने किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में 1000 रुपये 10 प्रतिशत के स्टेपअप से एसआईपी करना चाहते है तब एक वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद आपका SIP अमाउंट स्वतः 1000 + 10 प्रतिशत = 1100 रुपये हो जाएगी |
निवेश की यह कैटेगरी उनके लिए उपयुक्त मानी जाती है जो नौकरी पेशा में है या ऐसे बिजनेस में है जो ग्रोविंग है | ऐसे लोगों के वेतन / आय में हर वर्ष वृद्धि होती है जिस कारण वे अपने SIP में वृद्धि करना चाहते है | ऐसे में इनके लिए स्टेपअप एसआईपी सबसे उपयुक्त मानी जाती है |
फ्लेक्सीबल एसआईपी (Flexible SIP)
इसमें आपको SIP के अमाउंट फ्लेक्सीबिलिटी प्रदान की जाती है | इसमे आप जब चाहे तब अपने SIP के अमाउंट को कम या अधिक कर सकते है | इसमे जब तक आप अपने निवेश के अमाउंट को कम या अधिक नहीं करेंगे तब तक पूर्व से निर्धारित धनराशि आपके म्युचुअल फंड में जमा होती रहती है | SIP निवेश की यह कैटेगरी उनके लिए सही है जिनका मंथली इनकम फिक्स नहीं होता है | ASM Category क्या होता है
एसआईपी के फायदे (Benefits of SIP in Hindi)
किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी में निवेश के मुख्यतः दो रास्ते है | पहला तरीका है एकमुश्त निवेश दूसरा SIP | इन दोनों तरीको में एसआईपी के तहत निवेश करना सबसे सुरक्षित तथा कम रिस्की माना जाता है | कम रिस्क के अलावा एसआईपी के तहत निवेश के अन्य कई लाभ है जो निम्न है |
- पूंजी का कुशल प्रबंधन (Better Management of Money)
- एवरेजिंग का फायदा (advantage of averaging)
- आपकी निवेशित पूंजी में नुकशान का खतरा बहुत कम
- कम्पाउण्डिंग का फायदा (Benefit of Compounding)
- नियमित निवेश का लाभ (Benefits of regular investment)
- अपने वित्तीय लक्ष्य की प्राप्ति आसान होती है
- छोटी पूंजी के साथ निवेश संभव (Investment possible with small capital)
- छोटी छोटी पूंजी के निवेश पर बड़ी वेल्थ बनाना
- बाज़ार को टाइम करने की आवश्यकता नहीं
- इसे बाज़ार के ऑल टाइम हाई पर भी आरंभ किया जा सकता है
एसआईपी के नुकसान (Con’s Of SIP)
किसी भी म्यूचुअल फंड के स्कीम में SIP के तहत निवेश करने पर जहाँ एक तरफ अनेको लाभ है वही कुछ हानियाँ भी है | ये हानियाँ निम्न है |
- छोटी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त नहीं (Not Suitable For Short Duration)
- औसत रिटर्न ही मिल पाता है
- बाज़ार के गिरावट का भरपूर लाभ नहीं मिल पाता है
छोटी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त नहीं (Not Suitable For Short Duration)
चूँकि SIP कम धनराशि के साथ आरंभ किया जाता है अतः कम समय में आपको रिटर्न बहुत कम दिखाई देता है | जैसे – जैसे समय व्यतीत होता है वैसे – वैसे निवेश पर रिटर्न तथा तथा विवेश की वैल्यू बढती जाती है | इसी कारण से एसआईपी के तहत निवेश करने वाले निवेशक को सलाह दिया जाता है कि यदि आप एसआईपी के तहत निवेश करना चाहते है तब आपको लंबे समय तक निवेशित रहने का प्लान करना चाहिये | डिविडेंट यील्ड / लाभांश उपज क्या है
औसत रिटर्न ही मिल पाता है (Only average returns are available)
जब हम किसी कंपनी के म्यूचुअल फंड में SIP के माध्यम से निवेश करते है तब हमारा पैसा यह देख कर निवेश नहीं होता है कि कब बाज़ार गिरा है कब बाज़ार ऊपर है | यह एक सिस्टेमैटिक निवेश है, समय आने पर यह स्वतः निवेश करता रहता है | अतः इसमे तब भी निवेश होता है जब बाज़ार ऊपर हो तथा तब भी निवेश होता है जब बाज़ार निचे हो | यही कारण है कि एसआईपी के तहत निवेश करने पर निवेशक को औसत रिटर्न ही मिल पाता है |
जब हम किसी कंपनी के गिरावट के दौर में निवेश करें या तब निवेश करें जब बाज़ार अपने सपोर्ट के लेवल पर हो तब हम अप्रत्याशित रिटर्न की उम्मीद कर सकते है | लेकिन ये कार्य हम एसआईपी के तहत नहीं कर सकते है | इसका लाभ लेने के लिए हमें एकमुश्त निवेश पर विचार करना चाहिए |
बाज़ार के गिरावट का भरपूर लाभ नहीं मिल पाता है
जब बाज़ार में गिरावट का माहौल हो तथा आप किसी AMC के म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते है तब यदि आप SIP के तहत निवेश करना चाहेंगे तब आप बाज़ार की उस गिरावट का भरपूर लाभ नहीं उठा पाएंगे | ऐसे गिरावट का भरपूर लाभ उठाने के लिए निवेशक को एकमुश्त निवेश पर विचार चाहिए |
इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी:-
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) क्या होता है?
व्यवस्थित निवेश योजना (Systematic Investment Plan) एक ऐसी निवेश योजना है जिसमें एक निश्चित अंतराल में निवेश के लिए तय एक निश्चित धनराशि आपके खाते से म्यूचुअल फंड में जमा की जाती है |
एसआईपी कितने साल की होती है?
सामान्यतः म्यूचुअल फंड कंपनिया एसआईपी के लिए अधिकतम 30 वर्ष का टाइम सेट कर रखती है तथा कुछ म्यूचुअल फंड कंपनिया एसआईपी के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं करती है | जब आप म्यूचुअल फंड में एसआईपी की शुरुआत करते है तब निवेश की समय सीमा दर्शाया जाता है | यदि कोई SIP के आरंभ में कोई समय सीमा नहीं दर्शाया गया है तब वह एसआईपी तब तक चलती है जब तक आप इसे बंद नहीं करते है |
सिप में रिस्क क्या होता है?
सिप के तहत किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर रिस्क बहुत कम रह जाता है | लेकिन हाँ, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का भरपूर लाभ निवेशक को तब मिलता है जब वो इसे लंबे समय तक के निवेशित रहें |
SIP कितने प्रकार के होते हैं?
जब म्यूचुअल फंड में SIP की धारणा को पेश किया गया था तब साधारण सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को सार्वजनिक किया गया था | लेकिन समय की मांग को देखते हुए दो और तकनीक को इजाद किया गया | एसआईपी के सभी प्रकार निम्न है :-
1) फिक्स एसआईपी (Fixed SIP)
2) स्टेपअप एसआईपी (Stepup SIP)
3) फ्लेक्सीबल एसआईपी (Flexible SIP)
SIP का फुल फार्म क्या है?
व्यवस्थित निवेश योजना (Systematic Investment Plan) एक ऐसी निवेश योजना है जिसमें एक निश्चित अंतराल में निवेश के लिए तय एक निश्चित धनराशि आपके खाते से म्यूचुअल फंड में जमा की जाती है | SIP का फुल फार्म Systematic Investment Plan है जिसे हिंदी में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या व्यवस्थित निवेश योजना कहा जाता है |
सिप के क्या फायदे हैं?
किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी में निवेश के मुख्यतः दो रास्ते है | पहला तरीका है एकमुश्त निवेश दूसरा SIP | इन दोनों तरीको में एसआईपी के तहत निवेश करना सबसे सुरक्षित तथा कम रिस्की माना जाता है | कम रिस्क के अलावा एसआईपी के तहत निवेश के अन्य कई लाभ है जो निम्न है |
1) पूंजी का कुशल प्रबंधन (Better Management of Money)
2) एवरेजिंग का फायदा (advantage of averaging)
3) आपकी निवेशित पूंजी में नुकशान का खतरा बहुत कम
4) कम्पाउण्डिंग का फायदा (Benefit of Compounding)
5) नियमित निवेश का लाभ (Benefits of regular investment)
फिक्स एसआईपी क्या है?
इसमे SIP का अमाउंट फिक्स होता है | जैसे यदि आपने इस कैटेगरी के SIP में 1000 रुपये प्रतिमाह निवेश करने का मन बनाया है तब, जब तक आप इसको बंद नहीं करेंगे तब तक आपके बचत खाते से 1000 रुपये निकलकर म्यूचुअल फंड के स्कीम में जमा होता रहेगा |
स्टेपअप एसआईपी (Stepup SIP) क्या है?
इसमे अपने SIP के धनराशि को हर साल एक निश्चित धनराशि में या निश्चित प्रतिशत में बढाया जाता है | जैसे यदि आपने किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में 1000 रुपये 10 प्रतिशत के स्टेपअप से एसआईपी करना चाहते है तब एक वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद आपका SIP अमाउंट स्वतः 1000 + 10 प्रतिशत = 1100 रुपये हो जाएगी |
फ्लेक्सीबल एसआईपी (Flexible SIP) क्या है?
इसमें आपको SIP के अमाउंट फ्लेक्सीबिलिटी प्रदान की जाती है | इसमे आप जब चाहे तब अपने SIP के अमाउंट को कम या अधिक कर सकते है | इसमे जब तक आप अपने निवेश के अमाउंट को कम या अधिक नहीं करेंगे तब तक पूर्व से निर्धारित धनराशि आपके म्युचुअल फंड में जमा होती रहती है |
म्यूचुअल फंड स्कीम कितने [प्रकार का होता है?
म्यूचुअल फंड स्कीम मुख्यतः ये निम्न प्रकार के होते है
डेट फंड(Debt Fund)
हाइब्रिड फंड(Hybrid Fund)
समाधानोन्मुखी योजनाएं(Solution-Oriented Mutual Fund Schemes)
गोल्ड म्यूचुअल फंड(gold mutual fund)
इक्विटी म्यूचुअल फंड(Equity Mutual Fund)
आज हमने जाना(Today We Learned)
मेरे प्रिय पाठकों, आज़ के अपने इस लेख एसआईपी (SIP) क्या होता है? सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की शुरुआत कैसे? में हम सबने जाना कि एसआईपी निवेश क्या होता है?, क्या एसआईपी निवेश करना सही होता है?, यदि सही है तो कब एसआईपी निवेश सही होता है?
हम आशा करते है कि अब आपको एसआईपी से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे | आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा हमें कमेन्ट कर अवश्य बताये | यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |
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