सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस – Support and Resistance Full Detail in Hindi

शेयर बाज़ार में निवेशक हो या ट्रेडर सभी लोगों को कंपनी के शेयर का सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस – Support and Resistance का ज्ञान होना अति आवश्यक है | तो आईये Finoहिंदी के सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस – Support and Resistance Full Detail in Hindi लेख में हम जानते है कि सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस क्या है | सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस का एनालिसिस कैसे करें तथा Support aur resistance ka analysis का प्रयोग कर शेयर बाजार में किस प्रकार से लाभ कमाया जा सकता है ?

Table of Contents

सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस (Support and Resistance)

यदि दो शब्दों में कहा जाय तो जिस लेवल पर कंपनी के शेयर में ज्यादातर खरीदारी की जा रही हो तो उसे सपोर्ट तथा जिस लेवल पर शेयर में बिकवाली की जाती हो उसे रेजिस्टेंस के नाम से जाना जाता है | ज्यादातर ट्रेडर तथा निवेशक सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस को आधार मानकर ट्रेड करते है | ट्रेडिंग कैसे सीखे !

सपोर्ट(Support)

शेयर बाजार में किसी कंपनी के शेयर का सपोर्ट, खरीद-बिक्री के दौरान अपने आप बन जाता है | जब किसी कंपनी के शेयर में गिरावट होती है तो शेयर का एक लेवल ऐसा होता है जहाँ बड़े-बड़े निवेशक को शेयर की कीमत अट्रेक्टिव लगने लगती है, तथा निवेशक उस लेवल पर खरीदारी करने लगते है | अचानक खरीदारी से डिमांड आती है तथा शेयर की कीमत में तेज़ी आ जाती है | सपोर्ट(Support)

जब शेयर की कीमत ऊपर चली जाती है तो निवेशक खरीदारी बंद कर देते है लेकिन अब बाजार में लाभ बुक करने वाले एक्टिव हो जाते है जिस कारण मार्केट में फिर सप्लाई आती है और शेयर फिर उसी लेवल पर आ जाता है जहाँ से निवेशक ने बड़ा निवेश किया था | 

एक बार फिर निवेशक को शेयर की कीमत अट्रेक्टिव लगती है, जिससे वो खरीदारी करने लगते है जिससे फिर डिमांड आती है तथा शेयर की कीमत वापस ऊपर चली जाती है | शेयर बाज़ार में निवेश की शुरुआत कैसे करें !

यह प्रक्रिया कई बार होने से खरीदारी का एक लेवल बन जाता है जिसे सपोर्ट लेवल कहा जाता है | यह हमेशा अपने वर्तमान बाज़ार दर अर्थात CMP(Current Market Price) से निचे होता है |

माइनर तथा मेजर सपोर्ट लेवल (Minor and Major Support Levels)

जब शेयर किसी लेवल पर एक बार सपोर्ट लेकर ऊपर चली जाती है तो इसे माइनर सपोर्ट लेवल तथा जब कोई शेयर बार-बार अपने सपोर्ट पर आकर ऊपर चली जाती है तो उसे मेजर सपोर्ट लेवल कहा जाता है |

माइनर तथा मेजर सपोर्ट लेवल (Minor and Major Support Levels)
माइनर तथा मेजर सपोर्ट लेवल (Minor and Major Support Levels)

माइनर सपोर्ट लेवल आसानी से ब्रेक हो जाते है जबकि मेजर सपोर्ट लेवल आसानी से ब्रेक नहीं होते है |

सपोर्ट का प्रयोग (Use of Support)

जब किसी शेयर की कीमत गिरते-गिरते अपने सपोर्ट पर आती है, तो ज्यादातर मामलों में शेयर की कीमत यहाँ से ऊपर जाती है | अगर शेयर की कीमत ऊपर जाती है तो निवेशक या ट्रेडर इसमें लॉन्ग पोजीशन बनाते है | निवेशक के शेयर खरीदने तथा बेचने का उत्तम समय !
 
ट्रेडर के लगातार शेयर बेचने पर ही शेयर की कीमत अपने सपोर्ट पर आती है | चूँकि ज्यादातर ट्रेडर शेयर को बेच चुके होते है अतः अब उनके पास बेचने के लिए ज्यादा कुछ बचा नहीं होता है | इस कारण से सपोर्ट के लेवल से शेयर की कीमत के ऊपर बाउंस करने की संभावना ज्यादा होती है |
 

सपोर्ट ब्रेक डाउन (Support Break Down)

ज्यादातर निवेशक / ट्रेडर सपोर्ट पर खरीदारी करते है लेकिन यदि किसी बड़े निवेशक/ट्रेडर को शेयर की कीमत अब भी उसके फेयर कीमत(इंट्रिन्सिक वैल्यू ) से अधिक लगती है, तो वे शेयर की बड़ी मात्रा को बेच देते है जिससे शेयर में अचानक सप्लाई आती है तथा शेयर अपने सपोर्ट को तोड़कर निचे चली जाती है | इसे शेयर का सपोर्ट ब्रेक डाउन कहा जाता है |

ब्रेक डाउन होने के बाद वही सपोर्ट अब रेजिस्टेंस का कार्य करता है |

सपोर्ट ब्रेक डाउन ट्रेमें ट्रेड कब लें (Support Break Down Tremes When to Trade)

जब कोई लाल बेयरिश कैंडल इस सपोर्ट लाइन को ब्रेक कर निचे आ जाये तो तथा यह अपना क्लोजिंग सपोर्ट लेवल के निचे देता है तो इसे सपोर्ट का ब्रेक डाउन कहा जाता है |

सपोर्ट ब्रेक डाउन ट्रेमें ट्रेड कब लें

जैसे ही अगली कैंडल इस लाल बेयरिश कैंडल का low ब्रेक करे तो ट्रेडर बिकवाली का ट्रेड ले सकते है | इस पैटर्न में ब्रेक डाउन करने वाली कैंडल के हाई को स्टॉप लॉस लगाया जाता है | कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है ?

रेजिस्टेंस(Resistance)

शेयर बाजार में कंपनी के शेयर का सपोर्ट बनता तथा टूटता रहता है | किसी भी कंपनी का रेजिस्टेंस वह लेवल होता है, जहाँ पर निवेशक/ट्रेडर शेयर में बिकवाली करते है |

जब निवेशक तथा ट्रेडर को लगता है कि शेयर की कीमत अपने फेयर वैल्यू से ऊपर चली गयी है तो ट्रेडर/निवेशक शेयर को बेचना आरंभ कर देतें है ऐसा बार-बार करने से बिकवाली का एक लेवल बन जाता है, जिसे रेजिस्टेंस(Resistance) कहा जाता है | यह हमेशा अपने वर्तमान बाज़ार दर अर्थात CMP(Current market price) से ऊपर होता है | त्रिभुज चार्ट पैटर्न (Triangle chart pattern)

रेजिस्टेंस का प्रयोग (Use of Resistance)

जब किसी कंपनी का शेयर ऊपर जाते-जाते एक समय बाद उसकी कीमत उसके फेयर वैल्यू से अधिक हो जाती है तो वहां पर विकवाली हावी हो जाती है तथा ट्रेडर इस लेवल पर शॉर्ट सेलिंग करते है |

माइनर तथा मेजर रेजिस्टेंस लेवल (Minor and Major Resistance Levels)

जब कोई शेयर किसी लेवल पर एक बार रेजिस्टेंस से निचे चली जाती है तो इसे माइनर लेवल तथा जब कोई शेयर बार-बार एक ही रेजिस्टेंस से निचे चली जाती है तो उसे मेजर रेजिस्टेंस कहा जाता है | माइनर रेजिस्टेंस लेवल आसानी से ब्रेक हो जाते है जबकि मेजर रेजिस्टेंस लेवल आसानी से ब्रेक नहीं होते है | Best Small Cap Stocks to Buy Now
 

रेजिस्टेंस ब्रेक आउट (Resistance Break Down)

अगर किसी बड़े निवेशक/ट्रेडर को शेयर के रेजिस्टेंस लेवल पर भी शेयर की वैल्यू फेयर नजर आती है तो शेयर में एक बड़ी खरीदारी का आर्डर आता है जिससे अचानक डिमांड आती है और शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर निकल जाती है जिसे रेजिस्टेंस का ब्रेक आउट कहा जाता है | सामान्यतः ब्रेक आउट के बाद शेयर में बड़ी तेज़ी आती है जिसका लाभ पोजिशनल ट्रेडर शेयर को खरीद कर लाभ उठाते है | 

ब्रेक आउट होने के बाद वही रेजिस्टेंस अब सपोर्ट का कार्य करने लगता है |

रेजिस्टेंस ब्रेक आउट पर ट्रेड कब लें

जब कोई हरी बुलिश कैंडल अपने रेजिस्टेंस के लेवल को तोड़कर ऊपर निकल जाये तो तथा अपनी क्लोजिंग रेजिस्टेंस लेवल के ऊपर देती है तो इसे रेजिस्टेंस का ब्रेक आउट कहा जाता है |

सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस - Support and Resistance Full Detail in Hindi

अब जैसे ही अगली कोई कैंडल इस बुलिश कैंडल का हाई ब्रेक करें तो ट्रेडर खरीदारी में ट्रेड ले सकते है | इस पैटर्न में ट्रेडर को स्टॉप लॉस ब्रेक आउट करने वाली बुलिश कैंडल का low लगाना चाहिए | कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है ?

ट्रेंड लाइन सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस (Trend Line Support and Resistance)

जब कोई शेयर एक सीधी लाइन का सपोर्ट लेकर ऊपर जाती है तो इस लाइन को ट्रेंड लाइन सपोर्ट कहा जाता है | 

ट्रेंड लाइन सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस (Trend Line Support and Resistance)
ट्रेंड लाइन सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस (Trend Line Support and Resistance)

जब कोई शेयर एक सीधी लाइन को रेजिस्टेंस मानकर निचे गिरती जाती है तो इस लाइन को ट्रेंड लाईन रेजिस्टेंस कहा जाता है | जब किसी कंपनी का शेयर हायर हाई या लोअर लो बनाते हुए ट्रेड करती है तो हायर हाई या लोअर लो को टच करते हुए एक लाईन बनाये तब जो लाईन बनती है उसे ट्रेंड लाईन सपोर्ट कहा जाता है लम्बे समय तक निवेश करने के लिए शेयर

सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के आधार पर ट्रेडिंग

ज्यादातर ट्रेडर कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न का प्रयोग करते है | चार्ट के अलग-अलग टाइम फ्रेम में अलग-अलग सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस बनाते है | ट्रेडर अपने ट्रेड की सुविधा के अनुसार चार्ट का प्रयोग कर ट्रेड लेते है जैसे –

पोजीशनल ट्रेडिंग(Positional Trading) करने वाले ज्यादातर ट्रेडर मंथली तथा साप्ताहिक चार्ट के टाइम फ्रेम का प्रयोग करते है | 

स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading) करने वाले ज्यादातर ट्रेडर साप्ताहिक चार्ट या डेली टाइम फ्रेम का प्रयोग करते है |

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) करने वाले ज्यादातर ट्रेडर 1 घंटे का चार्ट या इससे छोटे टाइम फ्रेम का चार्ट प्रयोग करते है |

सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के आधार पर ट्रेड करने वाले ट्रेडर को कंपनी के फंडामेंटल से कोई लेना देना नहीं होता है वे केवल सपोर्ट पर खरीद कर रेजिस्टेंस पर अपना लाभ बुक करते है या रेजिस्टेंस पर शोर्ट सेलिंग कर सपोर्ट पर अपना लाभ बुक करते है | 

इसके अलावा सपोर्ट ब्रेक डाउन पर शोर्ट सेलिंग कर तथा रेजिस्टेंस ब्रेक आउट पर लांग पोजिशन बनाकर ट्रेडर अपना लाभ कमाते है | डायवर्सिफिकेशन क्या है ?

इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी :-

सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या है?

यदि दो शब्दों में कहा जाय तो जिस लेवल पर कंपनी के शेयर में ज्यादातर खरीदारी  की जा रही हो तो उसे सपोर्ट तथा जिस लेवल पर शेयर में बिकवाली की जाती हो उसे रेजिस्टेंस के नाम से जाना जाता है |

ट्रेडिंग में रेजिस्टेंस एंड सपोर्ट क्या है?

सामान्यतः ट्रेडर शेयर को सपोर्ट पर क्झारिदते है तथा रेजिस्टेंस प[पर शेयर को बेच कर अपना लाभ बुक करते है |
जिस लेवल पर कंपनी के शेयर में ज्यादातर खरीदारी  की जा रही हो तो उसे सपोर्ट तथा जिस लेवल पर शेयर में बिकवाली की जाती हो उसे रेजिस्टेंस के नाम से जाना जाता है |

बैंकनिफ्टी में सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल कैसे पता करें?

इसके लिए आप सबसे पहले बैंक निफ्टी का चार्ट ओपन कर लें | चार्ट में गौर से देखने पर पता चलता है कि चार्ट में कुछ ऐसे लेवल है जहाँ पहुंचकर शेयर बार-बार शेयर ऊपर चला जाता है | इसे सपोर्ट तथा जिस जिस लेवल से शेयर बार-बार निचे चला आता है उसे रेजिस्टेंस कहा जाता है |

सारांस(Summary) :-

आज सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस – Support and Resistance Full Detail in Hindi के इस लिख में हमने सपोर्ट तथा रेजिस्टेंसमाइनर तथा मेजर सपोर्ट / रेजिस्टेंस लेवल (Minor and Major Support/Resistance Levels)सपोर्ट/रेजिस्टेंस का प्रयोग (Use of Support/Resistance), ट्रेंड लाइन सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस (Trend Line Support and Resistance), सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के आधार पर ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जाना |

मुझे आशा है कि अब आपको सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस से सम्बंधित समस्त प्रकार के सवालो के जवाब मिल गए होंगे | यदि आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |

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7 thoughts on “सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस – Support and Resistance Full Detail in Hindi”

    • बहुत बहुत धन्यवाद azad kumar gaur जी | आपने अपना कीमती समय हमारे वेबसाइट को दिया इसके लिए आपको फिर से thanks | हम उम्मीद करते है आप इसी प्रकार हमें प्रोत्साहित करते रहेंगे

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