शॉर्ट सेलिंग क्या है / Short Selling Meaning Full Details in Hindi

मेरे प्रिय पाठकों क्या आप जानते है कि गिरते शेयर से भी पैसे कमाए जा सकते है | ज्यादातर लोग शेयर बाज़ार से कम कीमत पर शेयर खरीदकर, अधिक कीमत पर बेच कर लाभ कमाने के बारे में ही जानते है | तो आईये आज के इस लेख शॉर्ट सेलिंग क्या है / Short Selling Meaning Full Details in Hindi में हम सब समझते है कि गिरते शेयर से पैसे कैसे कमाया जा सकता है |

यदि आप सब शेयर बाज़ार में कार्य करते होंगे तब आपने शॉर्ट सेलिंग (Short Selling) शब्द का नाम तो सुना ही होगा | तो क्या आप जानते है कि ये शॉर्ट सेलिंग क्या होता है | मेरे प्यारे पाठको आज के इस लेख हम सब जानेंगे कि शेयर बाज़ार में शॉर्ट सेलिंग क्या है, शॉर्ट सेलिंग कब और कैसे किया जाता है, के साथ-साथ हम शॉर्ट सेलिंग के लाभ तथा हानि को विस्तार से जानेंगे |

शॉर्ट सेलिंग क्या है / Short Selling Meaning in Hindi

जब कोई ट्रेडर शेयर बाज़ार में ऐसे शेयर को बेचा देता है जो उसके पास है ही नहीं, तो इस प्रकार के सेलिंग को शॉर्ट सेलिंग कहा जाता है | एक ट्रेडर ऐसा तब करता है जब उसे लगता है कि कंपनी के शेयर या शेयर बाज़ार निचे गिरने वाला है | ऐसे में वे कंपनी के शेयर को पहले बेच देते है तथा जब कंपनी के शेयर गिरकर निचे आ जाते है तब वे खरीद लेते है | इसमें खरीद कीमत तथा बेचने की कीमत के मध्य का अंतर लाभ/हानि होता है |

अब सवाल ये पैदा होता है कि जो शेयर आपके पास नहीं है आप उसे कैसे बेच सकते है | इसे समझने के लिए हम निम्न उदाहरण का सहारा लेते है |

मान लीजिये कि राम एक बिजनेस मैन है जो जमीन को कम कीमत में खरीदकर अधिक कीमत पर बेच कर लाभ कमाता है | अब श्याम एक अन्य व्यक्ति है जिसे अपनी जमीन को बेचनी है | अब श्याम अपनी जमीन को बेचने के लिए बिजनेस मैन राम के पास गया | मान लीजिये बिजनेस मैन राम ने श्याम के जमीन की कीमत 8 लाख रुपये लगाता है | श्याम को यह कीमत सही लगती है और दोनों के मध्य में इस बात का करार(Agreement) हो जाता है कि बिजनेस मैन राम, श्याम के जमीन को 8 लाख रुपये में खरीद तो लेगा लेकिन पैसे आज नहीं देगा बल्कि 1 महीने के बाद देगा |

अब एक महीने के बाद उस जमीन की कीमत 6 लाख हो जाये ता 10 लाख, श्याम को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा | अब मान लीजिये कि बिजनेस मैन राम ने उस जमीन को 11 लाख रुपये में बेच कर 8 लाख रूपया श्याम को दे दिया फिर भी राम के पास 3 लाख रुपये बच गया |

अब आप ही सोचिये बिजनेस मैन राम ने जो जमीन बेचीं क्या वो राम की थी? नहीं, वो जमीन राम की नहीं थी लेकिन फिर भी वो जमीन को 11 लाख में पहले ही बेच देता है फिर बाद में राम ने श्याम को 8 लाख देकर जमीन को खरीद लिया | अब यहाँ पर बिजनेस मैन राम ने शॉर्ट सेलिंग किया है |

शेयर बाज़ार का शॉर्ट सेलिंग भी इसी प्रकार कार्य करता है | हम ऐसे शेयर को बेच देते है जो हमारे पास होता ही नहीं | फिर बाद में शेयर खरीदकर पूर्ति कर देते है | खरीदने तथा बेचने की कीमत में अंतर ही ट्रेडर का लाभ या हानि होता है | सोते-सोते पैसे कमाए / Passive Income Ideas In India 2023

शॉर्ट सेलिंग कब करें / When to Short Sell

जब भी किसी ट्रेडर को लगता है कि शेयर बाज़ार या किसी कंपनी का शेयर निचे गिरने वाला है तब वो उसमे शॉर्ट सेलिंग करता है | शॉर्ट सेलिंग करने की कला ट्रेडिंग के अंतर्गत आती है | आईये अब हम समझते है कि एक ट्रेडर को शॉर्ट सेलिंग करने के संकेत कब और कैसे मिलते है |

कैंडलस्टिक पैटर्न के आधार पर शॉर्ट सेलिंग

शेयर बाज़ार में निम्न ऐसे कैंडलस्टिक पैटर्न होते है जो मंदी के संकेत देते है |

ये सभी पैटर्न बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न है | यदि चार्ट में इस बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न में से किसी एक का निर्माण हो जाता है तब चार्ट में मंदी का संकेत मिल जाता है | ऐसे में एक ट्रेडर बिकवाली में ट्रेड (शॉर्ट सेलिंग) लेते है तथा कीमत के गिर जाने के बाद खरीदारी कर अपने पोजिशन को स्क्वायर ऑफ कर लेते है | मॉर्निंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न

टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर

शेयर बाज़ार में चार्ट का टेक्निकल एनालिसिस करने वाले एनालिस्ट अपने विभिन्न टूल के माध्यम से चार्ट का एनालिसिस करते है तथा चार्ट को पढ़ने का प्रयास करते है | ये एनालिस्ट कैंडलस्टिक पैटर्न, इंडिकेटर तथा अन्य tool की मदद लेकर शेयर बाज़ार में कार्य करते है | इन्हें अपने एनालिसिस में जब भी लगता है कि किसी कंपनी या शेयर में मंदी आने वाली है तब वे इसे बेच देते है तथा निचे गिर जाने पर खरीद लेते है |

शॉर्ट सेलिंग कैसे करें?

शॉर्ट सेलिंग के समय के अनुसार इसे निम्न वर्गो में बाटा जा सकता है |

इंट्राडे में शॉर्ट सेलिंग (Intraday Short Selling)

यदि आप इंट्राडे में शॉर्ट सेलिंग करना चाहते है तब आपके पास कई विकल्प है | यदि आपका एनालिसिस बाज़ार में मंदी का संकेत दे रहा है तब आप इक्विटी में इंट्राडे के लिए शार्ट सेलिंग कर सकते है | इसके अलावा फ्यूचर एंड ऑप्शन में आप PUT खरीद सकते है या CALL के आप्शन को बेच सकते है | ये सभी तरीके आपको बाज़ार के गिरावट में कमाई करायेगे | डायवर्सिफिकेशन क्या है ?

शॉर्ट टाइम के लिए शॉर्ट सेलिंग (Short Selling for Short Time)

यदि आपका एनालिसिस बाज़ार में मंदी का संकेत दे रहा है तथा आप एक दिन से अधिक समय के लिये शॉर्ट सेलिंग करना चाहते है तब आपको फ्यूचर एंड ऑप्शन के सेगमेंट में कार्य करना पड़ेगा क्योकि इक्विटी सेगमेंट में आप एक से अधिक दिन के लिए बिकवाली नहीं कर सकते है | फ्यूचर एंड ऑप्शन में आप हफ्ते भर से लेकर महीने भर के लिए शॉर्ट सेलिंग कर बाज़ार के गिरावट का लाभ उठा सकते है |

शॉर्ट सेलिंग कैसे करें?

 इसके लिए आपको साप्ताहिक या मासिक या अपनी सुविधा के अनुसार वाली एक्सपायरी वाले आप्शन के PUT को खरीद सकते है या CALL के आप्शन को बेच सकते है | इसमे स्पॉट बाज़ार में शेयर के कीमत के अनुसार स्ट्राईक प्राइस का चुनाव करना अति महत्वपूर्ण है अन्यथा की स्थिति में बड़ी तेज़ी से थीटा डीके देखने को मिलता है जो उस आप्शन के प्रीमियम को बड़ी तेज़ी से निचे लेकर आता है | रिवर्स स्टॉक स्प्लिट क्या है?

लंबे समय के लिए शॉर्ट सेलिंग (Short Selling for Long)

यदि आप लंबे समय के लिए किसी कंपनी के शेयर शॉर्ट सेलिंग करना चाहते है तब आप अधिकतम 3 महीनों तक के लिए किसी शेयर या इंडेक्स को शॉर्ट सेलिंग कर सकते है | इसके लिए आपके शेयर या इंडेक्स के फ्यूचर में सेलिंग करना होगा | इसके अलावा आप चाहे तो आप्शन में 3 महीने आगे का CALL सेल कर सकते है या PUT खरीदकर गिरते बाज़ार का लाभ उठा सकते है |

आप इक्विटी सेगमेंट में लॉन्ग टाइम के लिए शॉर्ट सेलिंग नहीं कर सकते है | यदि आपका एनालिसिस किसी कंपनी के शेयर में गिरावट का संकेत दे रहा है तथा वो शेयर फ्यूचर एंड आप्शन में ट्रेड के लिए मौजूद नहीं है तब आप उस कंपनी के शेयर को केवल इंट्राडे में बेच सकते है |

शॉर्ट सेलिंग के लाभ तथा हानि

जहाँ एक तरफ शार्ट सेलिंग गिरते बाज़ार में भी पैसे कमाने का एक बेहतर साधन है, वही इसके कुछ नुकसान भी है |

शॉर्ट सेलिंग के लाभ तथा हानि (Advantages and disadvantages of short selling)

अब हम सब शॉर्ट सेलिंग करने के लाभ तथा हानि को एक-एक कर समझेंगे |

शार्ट सेलिंग के लाभ (Benefits of Short Selling)

शॉर्ट सेलिंग कर ट्रेडिंग करने के निम्न लाभ है 

  1. गिरते बाज़ार या गिरते शेयर में भी पहले बिकवाली कर लाभ कमाया जा सकता है |
  2. शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर अपने ट्रेड को हेज करने के लिए भी इसका प्रयोग करते है |
  3. किसी कंपनी से सम्बंधित ख़राब न्यूज होने पर भी लाभ कमाया जा सकता है |

शॉर्ट सेलिंग के हानि (Disadvantages of short selling)

शेयर बाज़ार में शॉर्ट सेलिंग करने के निम्न हानियाँ है |

बाज़ार के सामान्य दिशा के विपरीत ट्रेड (Trade Against the General Direction of the Market)

भारतीय शेयर बाज़ार का प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 50 जब से बना है तब से अब तक लगभग 12 प्रतिशत के CAGR से रिटर्न दिया है | इसका अर्थ है कि तब से अब तक बाज़ार ऊपर ही जाता जा रहा है और यही बाज़ार की स्वाभाविक चाल है | अब यदि हम शेयर बाज़ार में शॉर्ट सेलिंग कर रहे है तब हम शेयर बाज़ार के स्वाभाविक चाल के विपरीत ट्रेड ले रहे है अतः हम रिस्क थोडा अधिक ले रहे है | ROCE क्या है? ROCE Meaning In Hindi

अतः जब तक आप पक्के तौर पर निश्चिन्त न हो जाये तब तक किसी भी कंपनी के शेयर या इंडेक्स में बिकवाली नहीं करनी चाहिए |

शॉर्ट सेलिंग में असीमित नुकसान का खतरा (Risk of unlimited loss in short selling)

आप जब भी किसी कंपनी के शेयर को खरीदते है तब आपको अधिकतम उतना ही नुकसान हो सकता है जितने का आपने शेयर ख़रीदा है | क्योकि यदि आपके शेयर खरीदने के बाद आपके ट्रेड के विपरीत कंपनी के शेयर में लोअर सर्किट लगाना आरंभ हो जायेगा तब आप उसे बेच नहीं पाएंगे | आप इसे बाद में जब सर्किट खुले तब बेच सकते है लेकिन फिर भी जितने वैल्यू से आपने ट्रेड लिया है उससे अधिक लॉस नहीं हो सकता है |

शॉर्ट सेलिंग में असीमित नुकसान का खतरा (Risk of unlimited loss in short selling)

लेकिन यदि आपने किसी कंपनी के शेयर में शोर्ट सेलिंग किया है तब गलत ट्रेड होने पर आपका लॉस बहुत बड़ा भी हो सकता है | आप खुद ही सोचिये किसी कंपनी का शेयर अधिकतम कितना ऊपर जा सकता है, इसकी कोई लिमिट नहीं है, 100 का 200, 200 का 400 तथा 400 का 800 भी हो सकता है | अब यदि आपने ऐसे ही किसी कंपनी के शेयर को शॉर्ट कर दिया है तथा कंपनी का शेयर अपर सर्किट में ऊपर जाने लगा है तब आप उसे बेच नहीं पाएंगे |

अब आपने इंट्राडे में शोर्ट किया है तब आपका लॉस सिमित हो सकता है लेकिन यदि आपने फ्यूचर एंड आप्शन  में ट्रेड लिया है तब आप अपर सर्किट में एग्जिट नहीं कर पाएंगे ऐसे में आपको बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है | आवधिक कॉल नीलामी क्या है

पेनाल्टी का खतरा (Threat of Penalty)

अब यदि आपने इंट्राडे में शॉर्ट किया है तब आपको बाज़ार बंद होने से पहले उसी दिन शेयर खरीदने पड़ेंगे, लेकिन जब कंपनी का शेयर अपर सर्किट में होता है तब आप इसे नहीं खरीद सकते है | ऐसे स्थिति में सेबी आप पर भरी भरकम पेनाल्टी लगा सकती है | इससे बचने के लिए आपको ऐसे कंपनी के शेयर में ट्रेड करना चाहिए जिसमे लिक्विडिटी अधिक हो |

कम मार्जिन (Low Margin)

जब कोई ट्रेडर किसी कंपनी के शेयर में शॉर्ट सेलिंग करता है तब उसे शेयर खरीदने की तुलना में कम मार्जिन मिलता है |

मार्जिन कॉल (Margin Call)

जब कोई ट्रेडर किसी कंपनी के शेयर शॉर्ट करता है तब यदि किसी कंपनी में बढ़िया न्यूज आ जाती है तब कंपनी के शेयर बड़ी तेज़ी से ऊपर जाने लगते है और ट्रेडर का लॉस बढ़ जाता है | ऐसे में आपका ब्रोकर मार्जिन बढ़ाने के लिए नोटिफिकेशन भेजता है | यदि नोटिफिकेशन के बाद भी ट्रेडर द्वारा मार्जिन नहीं बढाया जाता है तथा कंपनी का शेयर और ऊपर चला जाता है तब ब्रोकर, ट्रेडर के शॉर्ट सेलिंग को स्क्वायर ऑफ कर शेयर में खरीदारी कर देता है | शेयर बाज़ार की 10 गलतियाँ

आज हमने जाना(Today We Learned)

मेरे प्रिय पाठकों, आज के इस लेख में हम सबने जाना कि शॉर्ट सेलिंग क्या होता है, एक ट्रेडर शॉर्ट सेलिंग कब करता है, इसके लाभ तथ हानि क्या है?

हम आशा करते है कि अब आपको शॉर्ट सेलिंग से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे | आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा हमें कमेन्ट कर अवश्य बताये | यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |

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हेल्लो दोस्तों, मै पिछले 8 वर्षो से शेयर बाज़ार में निवेश तथा रिसर्च कर रहा हूँ | मै अपने अनुभव को Finohindi के माध्यम से आपके साथ सच्चाई के साथ सीधे तथा साफ शब्दों में बाटना चाहता हूँ | यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश, ट्रेड करते है या आपकी शेयर बाज़ार में रूचि है तो आप सही जगह पर है

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