यदि आप शेयर बाज़ार में या कही भी विवेश करने के बारे में पढ़ते या सुनते होंगे तो आप पोर्टफोलियो(Portfolio) शब्द का प्रयोग कई बार सुनते होंगे | तो आईये आज के इस लेख पोर्टफोलियो क्या है / Portfolio Meaning in Hindi में हम सब पोर्ट फोलियो को विस्तार से समझने का प्रयास करते है |
सामान्यतः आपके द्वारा निवेश के संग्रह को पोर्टफोलियो कहा जाता है | यह निवेश किसी भी प्रकार से हो सकता है, जैसे शेयर बाज़ार में कंपनी के शेयर में निवेश, म्यूच्यूअल फंड में निवेश, कमोडिटी में निवेश, ETF निवेश इत्यादि | पोर्ट फोलियो का प्रमुख उद्देश्य वित्तीय सुरक्षा तथा निवेश के जोखिम को कम करने तथा निवेशक के निवेश को आसानी से मैनेज करना होता है |
पोर्टफोलियो को एक प्रकार से आप एक टोकरी कह सकते है | अब ये टोकरी आपके निवेशित स्टॉक्स की है या आपके कई निवेश के साधन की है, इन्हें पोर्ट फोलियो ही कहा जायेगा |
इसे अन्य तरीके से भी समझने का प्रयास करते है | जैसे :- यदि कोई कंपनी X है जो कुल 11 प्रकार के प्रोडक्ट का प्रोडक्शन करती है | चूँकि कंपनी एक ही है जो कुल 11 तरह के प्रोडक्ट बनाती है, तब ये 11 प्रोडक्ट भी इस कंपनी X के लिए एक पोर्ट फोलियो है |
हमने ये तो समझ लिया कि पोर्ट फोलियो क्या होता है | चूँकि शेयर बाज़ार में निवेश करने वाले निवेशको में पोर्टफोलियो अत्यधिक प्रचलन में है | अतः आज के इस लेख में हम सब शेयर बाज़ार में प्रयोग होने वाले पोर्टफोलियो के बारे में विस्तार से जानेंगे | इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ इंडिकेटर
पोर्टफोलियो क्या है / Portfolio Meaning in Hindi
निवेश के संग्रह को पोर्ट फोलियो(Port folio) कहा जाता है | अब ये निवेश शेयर का हो या बांड का हो या कमोडिटी मार्केट का हो या रियल एस्टेट में निवेश का हो | यह पोर्ट फोलियो आपके सभी निवेश को एक स्थान पर दिखाता है | इससे आप अपने निवेश की समीक्षा बेहतर तरीके से कर सकते है | आज के इस लेख में हम सब शेयर बाज़ार में स्टॉक्स के पोर्ट फोलियो के बारे में विस्तार से जानेंगे |
शेयर बाजार में पोर्ट फोलियो क्या है (What is Share Market Port folio Meaning in Hindi)
शेयर बाज़ार में लिस्टेड कंपनी में निवेश करने के लिए आपने जितने भी कंपनी के शेयर को ख़रीदा है, उन शेयरों की सूची ही पोर्ट फोलियो कहा जाता है | शेयर बाज़ार में हजारों कंपनी के शेयर लिस्टेड है जो बाज़ार के खुलने पर ट्रेड करने लगते है लेकिन ये सभी शेयर आपके वाचलिस्ट में होते है पोर्ट फोलियो में नहीं |
आप कंपनी में निवेश करने के लिए फंडामेंटल तथा टेक्निकल एनालिसिस कर लेने के बाद जिस कंपनी के शेयर खरीद लेते है वे शेयर आपके पोर्ट फोलियो में शामिल हो जाते है | इस प्रकार आप जितने भी शेयर खरीदते जाते है सभी शेयर आपके पोर्ट फोलियो में शामिल होते जाते है | कैंडलस्टिक पैटर्न
पोर्टफोलियो कैसे देखें / How to view portfolio
शेयर बाज़ार में निवेश करने कर लेने के बाद आप अपने पोर्ट फोलियो को बड़ी आसानी से देख सकते है | आज कल बहुत ब्रोकर बाज़ार में आ गए है | आप अपने ब्रोकिग कंपनी के डीमेट खाते में लॉग इन करने के बाद पोर्टफोलियो/होल्डिंग (Portfolio/Holdings) नाम का एक टैब दिखाई देगा |
इसपर क्लिक करने के बाद, आप द्वारा ख़रीदे गए सभी शेयर आपके सामने आ जायेंगे | आपके पोर्ट फोलियो के खुलते ही आपके सामने निवेशित कंपनी की सूची, निवेशित धनराशि, निवेश पर लाभ/हानि, टोटल निवेश, निवेश पर टोटल लाभ/हानि सब कुछ आपके सामने आ जाते है |
यदि भारत का सबसे भरोसेमंद डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी Zerodha में आपका डीमैट खाता है तब अप्लिकेशन में लॉग इन करने के बाद चित्रानुसार मध्य में पोर्ट फोलियो का विकल्प होता है | आप इस पर क्लिक कर अपने पोर्ट फोलियो को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते है |
जरुरी नहीं है की आपका डीमैट खाता Zerodha ब्रोकिंग कंपनी में ही हो | लेकिन आपका डीमैट खाता किसी भी ब्रोकिंग कंपनी(Upstoks, Angel one, 5 paisa, Grow, Sharekhan, ICICI Direct etc. ) में हो आपको पोर्ट फोलियो या होलिंग का विकल्प मिल ही जायेगा जहाँ से आप अपने पोर्ट फोलियो को ट्रेक कर मैनेज कर सकते है | बोनस शेयर क्या है ? What is Bonus Share in Hindi
पोर्ट फोलियो को देखकर क्या पता चलता है? Hindi Meaning of port folio in stock market
एक पोर्ट फोलियो मे आपके निवेश से सम्बन्धी सभी आकडे मौजूद होते है | इन अकडो से आप अपने पोर्टफोलियो को बड़ी आसानी से मैनेज कर सकते है | तो आईये हम ये जानते की एक पोर्ट फोलियो में आपको क्या-क्या पता चलता है |
- आपने कितने कंपनी के शेयर में निवेश किया है |
- आपने कौन-कौन सी कंपनी में निवेश किया है |
- आपने किस कंपनी में कितना निवेश किया है |
- आपने टोटल कितना निवेश किया है |
- आपको अपने टोटल निवेश पर कितना लाभ/हानि हो रहा है |
- किसी कंपनी का शेयर आपको लाभ दे रहा है तथा कौन शेयर आपको लॉस करा रहा है
- आपके निवेश पर आपको कितना रिटर्न मिल रहा है |
- आपके निवेश की वैल्यू कितनी बढ़ी या कम हुई है |
पोर्टफोलियो को समझ लेने के बाद अब हम आगे बढ़ते है तथा यह जानने का प्रयास करते है कि पोर्ट फोलियो कितने प्रकार के होते है :-
पोर्टफोलियो के प्रकार – Types of Portfolio in Hindi
शेयर बाज़ार में निवेश करने वाले निवेशक अलग-अलग रिस्क लेने की क्षमता लेकर बाज़ार में निवेश करने हेतु आते है | जैसे :- जो व्यक्ति शेयर बाज़ार से बहुत जल्दी अमीर बनना चाहता है वे पोर्टफोलियो का अधिकतम हिस्सा स्माल कैप की कंपनी में निवेश कर देते है | इस कारण से निवेशक का पोर्टफोलियो हाई रिस्की बन जाता है |
वही यदि कोई ऐसा निवेशक है जो शेयर बाज़ार से बढ़िया रिटर्न तो कमाना चाहते है लेकिन वो रिस्क बहुत कम लेना चाहता है | ऐसे निवेशक शेयर बाज़ार से बड़ी तथा ब्लूचिप कंपनी कंपनी में निवेश करेंगे | ऐसे निवेशक अपने निवेश का बड़ा हिस्सा बड़ी तथा ब्लूचिप कंपनी में निवेश करते है | इस कारण निवेशक का पोर्ट फोलियो कम रिस्की बन जाता है | वॉरेन बफेट का जीवन दर्शन
इसी प्रकार पोर्ट फोलियो के शेयर के नेचर के हिसाब से पोर्ट फोलियो को निम्न वर्गो में विभाजित किया जा सकता है |
- Risky Portfolio या Aggressive Portfolio,
- Moderately Risky Portfolio
- lowRisky Portfolio या Defensive Portfolio
- Income Portfolio
रिस्की पोर्टफोलियो Risky Portfolio Meaning in Hindi
शेयर बाज़ार के ऐसे निवेशक जो कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते है वे ऐसी कंपनी में निवेश करते जो साइज़ में छोटी होती है तथा जिनकी ग्रोथ बढ़िया होती है | जब बाज़ार का मूड अच्छा होता है तब ऐसे कंपनी के शेयर बड़ी तेज़ी से ऊपर जाते है | लेकिन जब बाज़ार का मूड ख़राब होता है तब इस प्रकार के शेयर बड़ी तेज़ी से निचे भी गिर जाते है |
Risky Portfolio में निवेश कब करें?
वे निवेशक जो शेयर बाज़ार में लंबे समय से काम कर रहे है तथा जिनके पास एक कम रिस्की पोर्ट फोलियो पहले से मौजूद है, वे लोग रिस्की पोर्टफोलियो बना सकते है | ऐसे निवेशक भी अपनी बड़ी पूंजी 70 -80 प्रतिशत बड़ी लार्ज कैप की कंपनी(कम रिस्की पोर्ट फोलियो) में निवेश किये रहते है | शेष 20-30 पूंजी का डायवर्सिफिकेशन कर अलग-अलग कंपनी के अलग-अलग सेक्टर में निवेश करते है |
दरअसल कम मार्केट कैप वाली कंपनी के शेयर में अप्स तथा डाउन बहुत तेज़ी से होता है | हो सकता है कि अगले माह आपके पोर्ट फोलियो में 100 प्रतिशत का गेन हो, लेकिन अगले 2 से 3 माह के अन्दर शेयर अपने उपरी स्तर से 70-80 प्रेषत तक गिर भी जाये | तो यदि आप ऐसे कंपनी के शेयर में निवेश कर रहे है तब आपको इस अप्स तथा डाउन के लिए तैयार रहना चाहिए |
जब कोई नया निवेशक इस प्रकार की रिस्की कंपनी में निवेश करता है तो जब कंपनी का शेयर ऊपर जाता है तब तो ठीक है | लेकिन जब कंपनी का शेयर तेज़ी से निचे गिरने लगता है तब वे कंपनी के शेयर को होल्ड नहीं कर पाते है तथा कंपनी के शेयर को बेच कर बाहर निकल जाते है |
लेकिन यदि यही निवेश कोई अनुभवी निवेशक करता है तो उसे पता है कि कंपनी कैसी है, कंपनी का नेचर कैसा है, कंपनी का भविष्य कैसा हो सकता है | ये निवेशक एक बार कंपनी के फंडामेंटल को जाँच कर शेयर खरीद लेते है तब कंपनी का शेयर ऊपर हो या निचे, इन्हें कोई खास फर्क नहीं पड़ता है |
क्योकि इन्हें पता होता है कि कंपनी का शेयर आज भले ही बाज़ार के सेंटिमेंट के हिसाब से ऊपर निचे हो जाये लेकिन लंबे समय में कंपनी के शेयर को ऊपर ही जाना है | सोना में निवेश कैसे करें?
मध्यम रिस्की पोर्टफोलियो / Moderate Risky Portfolio Meaning in Hindi
यदि कोई निवेशक अपने पोर्ट फोलियो में 50 प्रतिशत लार्ज कैप की ब्लूचिप कंपनी में, 30 प्रतिशत मिड कैप की कंपनी में तथा 20 प्रतिशत तक स्माल कैप की हाई ग्रोथ वली कंपनी में निवेश करते है तब इस प्रकार के पोर्टफोलियो को मध्यम रिस्की पोर्ट फोलियो(Moderate Risky Portfolio) कहा जाता है |
Moderate Risky Portfolio में निवेश कब करें?
ज्यादातर निवेशक इसी प्रकार के पोर्ट फोलियो बनाने का प्रयास करते है | क्यों कि इस प्रकार के निवेश से निवेशक को रिस्की पोर्ट फोलियो से कम लेकिन low रिस्की पोर्ट फोलियो से अधिक रिटर्न मिलता रहता है | जब कोई निवेशक शेयर बाज़ार में 2 से 3 वर्ष का समय बित चूका होता है तब वह इस प्रकार के पोर्ट फोलियो को बना सकते है | Best 3 मल्टीबैगर स्टॉक्स (Multibagger Stocks) In Hindi
कम रिस्की पोर्टफोलियो / low Risky Portfolio Meaning in Hindi
जब कोई निवेशक ऐसे कंपनी के शेयर में निवेश करता है जो ब्लूचिप कंपनी है, लार्ज कैप है, तब इस प्रकार के पोर्ट फोलियो को कम रिस्की पोर्ट फोलियो (low Risky Portfolio) कहा जाता है | इस प्रकार कंपनी के शेयर का बीटा बहुत कम होता है | इस कारण इस शेयरों में वोलिटिलिटी बहुत कम होती है | इस कारण से ये नए निवेशक को होल्ड करना आसान होता है |
low Risky Portfolio में निवेश कब करें?
यदि आप शेयर बाज़ार से बहुत कम रिस्क के साथ बढ़िया रिटर्न पाना चाहते है तब आपको इस प्रकार के पोर्ट फोलियो का निर्माण करना चाहिए | इसके अलावा यदि शेयर बाज़ार आपके लिए नया है तथा आप नए निवेशक है तब आपको इसी प्रकार के पोर्ट फोलियो बनाना चाहिए | ऐसा करने से नए निवेशक का शेयर बाज़ार पर भरोसा तथा अनुभव बढ़ता है |
यदि आप नए निवेशक है तथा आप हाई रिस्की पोर्ट फोलियो बनाकर अपना बड़ा निवेश कर देंगे तो बहुत मुमकिन है कि आप शेयर बाज़ार के अप्स तथा डाउन से डर कर एग्जिट कर जाये या बाज़ार में अपना बड़ा लॉस करा लें | कंसोलिडेशन पैटर्न (Consolidation Pattern) क्या है?
डिविडेंट पोर्टफोलियो / Dividend Portfolio Meaning in Hindi
जब कोई निवेशक अपने पोर्ट फोलियो में ऐसे कंपनी के शेयर को खरीदता है जो उन्हें अच्छा खासा डिविडेंट देता रहे तो इस प्रकार के पोर्टफोलियो को Dividend Portfolio या Income Portfolio कहा जाता है | ऐसा नहीं है कि इन शेयर से निवेशक को केवल डिविडेंट का लाभ मिलता है, बल्कि इन्हें शेयर के वैल्यू ग्रोथ का भी लाभ मिलता है |
अच्छा पोर्टफोलियो कैसे बनाये / how to make a good portfolio?
सभी पोर्ट फोलियो सभी के लिए अच्छा नहीं हो सकता है | शेयर बाज़ार में निवेश से पहले आप अपने रिस्क लेने की क्षमता को पहचाने | यदि आप नए निवेशक है तब आपके लिए हाई रिस्की नहीं बल्कि कम रिस्की पोर्ट फोलियो अच्छा है | लेकिन यदि आपको शेयर बाज़ार में 4 5 वर्षो का अनुभव है तब हो सकता है कि हाई रिस्की आपके लिए अच्छा हो |
इसलिए यदि आप अच्छा पोर्ट फोलियो बनाना चाहते है तो सबसे पहले आप अपने रिस्क लेने की क्षमता को पहचाने | आप अपना पोर्ट फोलियो कैसा भी बनाये, लेकिन आपको अपने पोर्ट फोलियो को डायवर्सिफाइड अवश्य करना चहिये | पोर्टफोलियो में डायवर्सिफाइड करने से ये आपके पोर्ट फोलियो के रिस्क को कम कर देता है | प्राइस एक्शन ट्रेडिंग क्या है?
पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन कैसे करें / How to diversify portfolio?
पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन करने से ये आपके शेयर बाज़ार के रिस्क को कम कर देता है | पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन कोई कठिन कार्य नहीं है | इसके लिए आपके अलग-अलग सेक्टर के अलग-अलग मार्केट कैप के कंपनी के साथ अलग-अलग कंपनी में निवेश करना चाहिए |
डायवर्सिफिकेशन के फायदे / Benefits of diversification:-
पोर्ट फोलियो में डायवर्सिफिकेशन करने से बड़ा लाभ यह होता है कि ये आपके रिस्क को कम कर देता है | शेयर बाज़ार में सेक्टर रोटेशन होता रहता है | अतः यदि आप हर सेक्टर में निवेश किये रहेंगे तब सेक्टर रोटेशन होने पर आपका पोर्ट फोलियो बिना किसी बड़े अप्स तथा डाउन के धीरे-धीरे ऊपर जाता रहेगा |
अलग-अलग कंपनी में निवेश करने पर यदि आप द्वारा निवेशित किसी कंपनी में कोई प्रोब्लम हो जाती है तब पोर्ट फोलियो के अन्य शेयर आपके पोर्ट फोलियो को संभाल लेंगे | लेकिन यदि यही निवेश आप एक या दो कंपनी में निवेश करेंगे तथा किसी एक कंपनी में कोई प्रॉब्लम आ जाती है तब आपका बड़ा नुकसान हो जायेगा | इसलिए आपको अपने पोर्ट फोलियो में डायवर्सिफिकेशन करना ही चाहिए | ट्रेडिंग कैसे सीखें?
इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोतरी:-
पोर्टफोलियो क्या है?
निवेश के संग्रह को पोर्टफोलियो(Portfolio) कहा जाता है | अब ये निवेश शेयर का हो या बांड का हो या कमोडिटी मार्केट का हो या रियल स्टेट में निवेश का हो | यह पोर्ट फोलियो आपके सभी निवेश को एक स्थान पर दिखाता है | इससे आप अपने निवेश की समीक्षा बेहतर तरीके से कर सकते है |
शेयर बाजार में पोर्ट फोलियो क्या है?
शेयर बाज़ार में लिस्टेड कंपनी में निवेश करने के लिए आपने जितने भी कंपनी के शेयर को ख़रीदा है, उन शेयरों की सूची को ही पोर्टफोलियो कहा जाता है | शेयर बाज़ार में हजारों कंपनी के शेयर लिस्टेड है जो बाज़ार के खुलने पर ट्रेड करने लगते है लेकिन ये सभी शेयर आपके वाचलिस्ट में होते है पोर्ट फोलियो में नहीं | जब आप शेयर जको खरीद लेते है तब यह आपके पोर्टफोलियो में दिखने लगाती है |
पोर्टफोलियो कैसे देखें
शेयर बाज़ार में निवेश करने कर लेने के बाद आप अपने पोर्ट फोलियो को बड़ी आसानी से देख सकते है | आज कल बहुत ब्रोकर बाज़ार में आ गए है | आप अपने ब्रोकिग कंपनी के डीमेट खाते में लॉग इन करने के बाद पोर्टफोलियो/होल्डिंग (Portfolio/Holdings) नाम का एक टैब दिखाई देगा | आप इसपर क्लिक कर अपने पोर्टफोलियो को देख सकते है |
पोर्टफोलियो कितने प्रकार के होते है ?
पोर्टफोलियो के शेयर के नेचर के हिसाब से पोर्टफोलियो को निम्न वर्गो में विभाजित किया जा सकता है |
1. Risky Portfolio या Aggressive Portfolio,
2. Moderately Risky Portfolio
3. lowRisky Portfolio या Defensive Portfolio
4. Income Portfolio
रिस्की पोर्टफोलियो किसे कहते है?
शेयर बाज़ार के ऐसे निवेशक जो कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते है वे ऐसी कंपनी में निवेश करते जो साइज़ में छोटी होती है तथा जिनकी ग्रोथ बढ़िया होती है | जिस पोर्टफोलियो में केवल इस प्रकार के शेयर होते है ऐसे पोर्टफोलियो को रिस्की पोर्टफोलियो कहा जाता है |
मध्यम रिस्की पोर्टफोलियो किसे कहते है?
यदि कोई निवेशक अपने पोर्ट फोलियो में 50 प्रतिशत लार्ज कैप की ब्लूचिप कंपनी में, 30 प्रतिशत मिड कैप की कंपनी में तथा 20 प्रतिशत तक स्माल कैप की हाई ग्रोथ वली कंपनी में निवेश करते है तब इस प्रकार के पोर्टफोलियो को मध्यम रिस्की पोर्ट फोलियो(Moderate Risky Portfolio) कहा जाता है |
कम रिस्की पोर्टफोलियो किसे कहते है?
जब कोई निवेशक ऐसे कंपनी के शेयर में निवेश करता है जो ब्लूचिप कंपनी है, लार्ज कैप है, तब इस प्रकार के पोर्ट फोलियो को कम रिस्की पोर्ट फोलियो (low Risky Portfolio) कहा जाता है | इस प्रकार कंपनी के शेयर का बीटा बहुत कम होता है | इस कारण इस शेयरों में वोलिटिलिटी बहुत कम होती है | इस कारण से ये नए निवेशक को होल्ड करना आसान होता है |
सारांश(Summary):-
दोस्तों आज के इस लेख पोर्टफोलियो क्या है / Portfolio Meaning in Hindi में हम सबने पोर्टफोलियो / Portfolio क्या है, के बारे में विस्तार से अध्ययन किया तथा जाना कि एक निवेशक, खास तौर पर शेयर बाज़ार के निवेशक के लिए पोर्ट फोलियो क्या है तथा इसके क्या मायने है |
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