कंसोलिडेशन पैटर्न (Consolidation Pattern) क्या है ? Full Analysis in Hindi

दोस्तों पिछले अध्याय में हम सबने कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न के अंतर्गत सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस (Support and Resistance), डबल टॉप चार्ट पैटर्न(Double Top Chart Pattern), डबल बॉटम चार्ट पैटर्न (Double Bottom Chart Pattern), ट्रेंड लाइन चार्ट पैटर्न (Trend Line Chart Pattern), ट्रेंगल चार्ट पैटर्न (Triangle Chart Pattern), फ्लैग चार्ट पैटर्न (Flag Chart Pattern), पताका चार्ट पैटर्न (Pennant Chart Pattern), हेड एंड शोल्डर पैटर्न (Head and Shoulders Pattern), इन्वर्टेड हेड एंड शोल्डर पैटर्न (Inverted Head and Shoulders Pattern) का अध्ययन किया | 

आज के अध्याय कंसोलिडेशन पैटर्न (Consolidation Pattern) क्या है ? Full Analysis in Hindi में हम कंसोलिडेशन पैटर्न  के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे | इस अध्याय में हम जानेंगे शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग के दौरान इस पैटर्न का प्रयोग कैसे किया जा सकता है, इस पैटर्न में ट्रेडर ट्रेड कब लेता है तथा स्टॉप लॉस कहाँ लगाया जाता है |

Table of Contents

कंसोलिडेशन या समेकन पैटर्न (Consolidation Pattern)

जब शेयर बाज़ार में अनिश्चिता का माहौल होता है तो शेयर बाज़ार या शेयर एक सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के मध्य फस जाता है तथा इन्ही सपोर्ट और रेजिस्टेंस के मध्य ट्रेड करने लगता है | शेयर के इस प्रकार के फेज को कन्सोलिडेशन का फेज कहा जाता है | जब कोई बुलिश कैंडल इस फेज कों तोड़कर ऊपर या कोई बेयरिश कैंडल इस कन्सोलिडेशन फेज को तोड़कर निचे चली जाये तो यह एक पैटर्न का निर्माण कर लेती है |  इसे कन्सोलिडेशन पैटर्न कहा जाता है | निवेश के 8 बेहतरीन साधन

दुसरे शब्दों में कहा जाय तो कंसोलिडेशन उस दौर को कहा जाता है जब शेयर सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के मध्य लंबे समय तक के लिए फस जाता है | जब शेयर एक खास पैटर्न बनाकर कंसोलिडेशन फेज ब्रेक आउट या ब्रेक डाउन करती है इसे कंसोलिडेशन पैटर्न (Consolidation Pattern) कहा जाता है | 

कंसोलिडेशन चार्ट पैटर्न का निर्माण कब होता है ?

इस पैटर्न का निर्माण तब होता है जब कंपनी के शेयर में कोई बड़ी तेज़ी या मंदी के संकेत नहीं होते है | बाज़ार अपनी चाल में ऊपर-निचे एक रेंज में ट्रेड करता रहता है |

ऐसे में जिस लेवल पर ट्रेडर तथा निवेशक को शेयर की कीमत उसके इंट्रेंसिक वैल्यू (Intrinsic value) से कम या अच्छी नज़र आती है तो ट्रेडर तथा निवेशक यहाँ एक्टिव हो जाते है तथा खरीदारी करते है | खरीदारी का बड़ा आर्डर होने के कारण इस लेवल से शेयर में डिमांड आती है तथा शेयर ऊपर निकल जाता है |

कंसोलिडेशन पैटर्न (Consolidation Pattern) क्या है ? Full Analysis in Hindi

जब शेयर सपोर्ट के लेवल से उठकर ऊपर जाता है तो एक समय ऐसा आता है जब ट्रेडर को शेयर की कीमत उसके इंट्रेंसिक वैल्यू (Intrinsic value) से अधिक नज़र आती है तो वे यहाँ पर शेयर में बिकवाली करते है | शेयर में अचानक से सप्लाई आने के कारण शेयर ऊपर से निचे आ जाता है |

शेयर के इन सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के मध्य कई बार  ट्रेड करने पर समेकन (Consolidation ) फेज का निर्माण हो जाता है | कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें ? 

कंसोलिडेशन चार्ट पैटर्न के प्रकार

कंसोलिडेशन  फेज के आकार के आधार पर इन्हें निम्न 4 वर्गो में वर्गीकृत किया जा सकता है |

  1. आरोही कन्सोलिडेशन
  2. अवरोही कन्सोलिडेशन
  3. सममित कन्सोलिडेशन
  4. आयताकार कन्सोलिडेशन

आरोही कंसोलिडेशन (Ascending Consolidation)

जब किसी कन्सोलिडेशन के फेज में रेजिस्टेंस का लेवल तो स्थिर रहता है लेकिन सपोर्ट का हर लेवल अपने पिछले लेवल से थोडा ऊपर होता है | अर्थात यह LH(लोअर-हाई) ट्रेंड लाइन का निर्माण करते हुए आगे बढती जाती है | तो इस प्रकार के कन्सोलिडेशन  को आरोही कंसोलिडेशन कहा जाता है |

आरोही कंसोलिडेशन (Ascending Consolidation)
आरोही कंसोलिडेशन (Ascending Consolidation)

 

इसे एक बुलिश समेकन फेज भी कहा जाता है क्योंकि इस तरह के पैटर्न में सामान्यतः शेयर अपने रेजिस्टेंस लेवल को तोड़कर ऊपर निकल जाती है | इस पैटर्न में तेजड़िये, मंदडियों पर हावी होते है | सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस क्या है ? तथा ट्रेड में इसका उपयोग कैसे करें

अवरोही कंसोलिडेशन (Descending Consolidation)

इसी प्रकार जब किसी कन्सोलिडेशन के फेज में सपोर्ट का लेवल तो स्थिर रहता है लेकिन रेजिस्टेंस का लेवल HL ट्रेंड लाइन का पैटर्न बनाते हुए ट्रेड करती है तो यह समय के साथ एक त्रिभुज का रूप ले लेता है | इस प्रकार के कन्सोलिडेशन को अवरोही कन्सोलिडेशन (Descending Consolidation) कहा जाता है | इस प्रकार से बने पैटर्न में ज्यादातर ब्रेक डाउन होता है इस कारण से इसे बेयरिश कन्सोलिडेशन फेज भी कहा जाता है | इस पैटर्न में मंदडिये, तेजड़ियों पर हावी होते है |  डायवर्सिफिकेशन क्या है ?

सममित कंसोलिडेशन (Symmetrical Consolidation)

जब किसी कन्सोलिडेशन फेज में निचे सपोर्ट का लेवल LH ट्रेंड लाइन का पैटर्न बनाते हुए तथा ऊपर रेजिस्टेंस का लेवल HL ट्रेंड लाइन का पैटर्न बनते हुए ट्रेड करता है तो यह समय के साथ  सिकुड़ता जाता है तथा एक त्रिभुज का रूप ले लेता है | इस प्रकार से बने कंसोलिडेशन को सममित कंसोलिडेशन(Symmetrical Consolidation) कहा जाता है |

सममित कंसोलिडेशन (Symmetrical Consolidation)
सममित कंसोलिडेशन (Symmetrical Consolidation)

इस पैटर्न का निर्माण तेजड़ियों तथा मंदडियों के मध्य खिंचा-तानी के कारण होता है | इस पैटर्न में तेजड़िये तथा मंदडिये दोनों एक दुसरे पर हावी होते है | इस कारण से कन्सोलिडेशन का फेज सिकुड़ता जाता है जो समय के साथ एक त्रिभुज का रूप ले लेता है | 

आयताकार कंसोलिडेशन (Rectangular Consolidation)

जब कोई कन्सोलिडेशन फेज किसी सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के मध्य बिना किसी ट्रेंड लाइन का सहारा लिए करता है तो यह एक आयात का आकार ले लेता है | इस प्रकार के कन्सोलिडेशन फेज को आयताकार कन्सोलिडेशन (Rectangular Consolidation) फेज कहा जाता है | इस प्रकार के फेज में तेजड़िये तथा मंदडिये अपने-अपने लेवल का इंतजार करते है | सपोर्ट के लेवल पर तेजड़िये तथा रेजिस्टेंस का लेवल आने पर मंदडिये एक्टिव होकर ट्रेड करते है | प्राइस एक्शन ट्रेडिंग क्या है ? शेयर बाज़ार में इसका प्रयोग कैसे करें

कंसोलिडेशन फेज में ट्रेड कब लें

इस प्रकार के पैटर्न में तीन प्रकार से ट्रेड लिया जा सकता है |

  • कन्सोलिडेशन पैटर्न के ब्रेकआउट पर 
  • कन्सोलिडेशन पैटर्न के ब्रेकडाउन पर
  • कन्सोलिडेशन पैटर्न में सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के आधार पर

कंसोलिडेशन पैटर्न के ब्रेकआउट पर

जब शेयर कंसोलिडेशन के फेज में ट्रेड कर रहा होता है तब जब किसी बड़े निवेशक या ट्रेडर को शेयर की कीमत उसके रेजिस्टेंस लेवल के पास भी शेयर की वास्तविक कीमत (इंट्रेंसिक वैल्यू) से कम लगता है तब वे इस स्तर पर खरीदारी का एक बड़ा आर्डर लगा देते है जिस कारण से शेयर अपने रेजिस्टेंस के लेवल को तोड़कर ऊपर निकल जाता है |

जब कोई बुलिश कैंडल, कन्सोलिडेशन फेज के रेजिस्टेंस लेवल ब्रेक कर ऊपर निकल जाता है तथा अपनी क्लोजिंग भी रेजिस्टेंस के लेवल के ऊपर देता है तो ऐसा माना जाता है कि शेयर ऊपर जाने के लिए तैयार है | इसके बाद की अगली कैंडल जैसे ही बुलिश ब्रेक आउट कैंडल का हाई ब्रेक कर ऊपर चली जाती है तो ट्रेडर इसमें खरीदारी का आर्डर लगाते है | शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय ?

कंसोलिडेशन पैटर्न के ब्रेकडाउन पर

जब किसी कन्सोलिडेशन फेज में ट्रेड कर रहे कंपनी के शेयर में कोई फंडामेंटल खराबी या कोई ख़राब न्यूज आ जाय तो ट्रेडर कन्सोलिडेशन फेज के सपोर्ट लाइन पर भी बिकवाली का बड़ा आर्डर लगा देते है | शेयर में बिकवाली के कारण शेयर में अचानक से बड़ी सप्लाई आती है लेकिन डिमांड कम होने के कारण शेयर अपने सपोर्ट के लेवल को तोड़कर निचे आ जाता है |

जब यह अपने सपोर्ट के लेवल को तोड़कर बेयरिश कैंडल बनाते हुए निचे आ जाता है तथा अपनी क्लोजिंग सपोर्ट के लेवल के निचे देता है तो इसे एक मंदी का संकेत माना जाता है | ऐसे में जैसे ही अगली कैंडल इस ब्रेक डाउन वाली कैंडल का लो(low) ब्रेक करें तो ट्रेडर यहाँ बिकवाली में अपना ट्रेड लेकर लाभ कमाते है | लम्बे समय तक निवेश करने के लिए शेयर

कंसोलिडेशन पैटर्न में सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के आधार पर

कई ट्रेडर सपोर्ट लेवल तथा रेजिस्टेंस लेवल पर ट्रेडिंग करना पसंद करते है | इनके ट्रेडिंग करने की स्ट्रैटजी (Strategy) बहुत ही साधारण होता है | जब कोई शेयर सपोर्ट के लेवल से ऊपर जाने का प्रयास करता है तो ट्रेडर खरीदारी कर रेजिस्टेंस के लेवल पर अपना लाभ बुक करता है | इसी प्रकार जब शेयर अपने रेजिस्टेंस के लेवल से निचे आने लगता है तो ट्रेडर बिकवाली कर सपोर्ट पर अपना लाभ बुक करते है | 

टार्गेट कहाँ लगाये

किसी भी ट्रेडर को ट्रेड लेने से पहले ट्रेड का टार्गेट तथा स्टॉप लॉस की गणना अपने टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर अवश्य कर लगाना चाहिए |  इस पैटर्न के ब्रेक आउट अथवा ब्रेक डाउन पर पैटर्न का हाई तथा लो(low) का अंतर लगाया जाता है |

स्टॉप लॉस कहाँ लगाये

किसी भी ट्रेड में बड़े नुकसान से बचने के लिए स्टॉप लॉस का प्रयोग किया जाता है | इसके प्रयोग करने पर जैसे ही शेयर की कीमत स्टॉप लॉस प्राइस पर आती है तो ब्रोकर स्वतः ट्रेडर का पोजिशन एग्जिट कर देता है | इस पैटर्न के ब्रेक आउट पर ट्रेडर, स्टॉप लॉस को ब्रेक आउट कैंडल का लो(low) तथा ब्रेक डाउन होने पर ब्रेक डाउन कैंडल के हाई को स्टॉप लॉस लगाया जाता है |

इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी

क्या हो रहा है जब कोई स्टॉक समेकित हो रहा है?

जब कोई स्टॉक कंसोलिडेट (Consolidated) अर्थात समेकित हो रहा है इसका अर्थ है कि शेयर बाज़ार में न तो बड़ी तेज़ी है तथा न ही बड़ी मंदी है | कंसोलिडेशन के फेज में शेयर/बाज़ार एक सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के मध्य में रहकर ट्रेड करता है | कंसोलिडेशन पैटर्न में ब्रेक डाउन होने पर बड़ी मंदी तथा ब्रेक आउट होने पर बड़ी तेज़ी का अंदाज़ा लगाया जाता है | जिसका लाभ ट्रेडर ब्रेक आउट तथा ब्रेक डाउन होने पर ट्रेड लेकर उठाते है |

शेयर कंसॉलिडेशन अच्छा है या बुरा?

वैसे बाज़ार के नज़रिए से देखा जाय तो कंसोलिडेशन का फेज न तो अच्छा होता है और न ही बुरा | शेयर बाज़ार में लगातर तेज़ी या मंदी नहीं होती है | एक बड़ी तेज़ी या बड़ी मंदी के बाद शेयर कुछ समय के लिए ठहर जाता है तथा एक छोटे से रेंज में ट्रेड करने लगता है | जिसे बाज़ार की भाषा में कंसोलिडेशन का फेज कहा जाता है |

आप समेकित बाजार में कैसे व्यापार करते हैं?

कंसोलिडेशन फेज अर्थात समेकन बाज़ार ऐसे बाज़ार को कहा जाता है जब शेयर एक रेंज में ट्रेड करने लगता है | समेकित बाज़ार में ट्रेड(व्यापार) करने लिए आपको समेकित पैटर्न के ब्रेक आउट तथा ब्रेक डाउन का इंतज़ार करना चाहिए |
इसमें तीन तरह से ट्रेड लिया जा सकता है |
1. कन्सोलिडेशन पैटर्न के ब्रेकआउट पर 
2. कन्सोलिडेशन पैटर्न के ब्रेकडाउन पर
3. कन्सोलिडेशन पैटर्न में सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के आधार पर
इस पैटर्न में ब्रेक डाउन होने पर बिकवाली का तथा ब्रेक आउट होने पर खरीदारी के ट्रेड लिया जाता है |

कंसोलिडेशन पैटर्न (Consolidation Pattern) क्या है ?

जब शेयर बाज़ार/शेयर में अनिश्चिता का माहौल होता है तो शेयर बाज़ार/शेयर एक सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस के मध्य फस जाता है तथा इन्ही सपोर्ट और रेजिस्टेंस के मध्य ट्रेड करने लगता है | शेयर के इस प्रकार के फेज को कन्सोलिडेशन का फेज कहा जाता है | जब कोई बुलिश कैंडल इस कन्सोलिडेशन फेज कों तोड़कर ऊपर या कोई बेयरिश कैंडल इस कन्सोलिडेशन फेज को तोड़कर निचे चली जाये तो यह एक पैटर्न का निर्माण कर लेती है |  इसे कन्सोलिडेशन पैटर्न कहा जाता है |

सारांश (Summary)

दोस्तो आज के अध्याय कंसोलिडेशन पैटर्न (Consolidation Pattern) क्या है ? Full Analysis in Hindi में हम सबने कन्सोलिडेशन चार्ट पैटर्न के बारे में विस्तार से अध्ययन किया तथा जाना कि आरोही कन्सोलिडेशन, अवरोही कन्सोलिडेशन, सममित कन्सोलिडेशन तथा आयताकार कन्सोलिडेशन क्या है | एक ट्रेडर शेयर बाज़ार में इन पैटर्न का प्रयोग कर किस प्रकार से लाभ कमाता है |

मुझे लगता है कि अब आपको कन्सोलिडेशन पैटर्न में ट्रेड करने में, टार्गेट लगाने में, तथा स्टॉप लॉस लगाने मे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी |

यदि आपके पास इस लेख से सम्बंधित किसी प्रकार का कोई सवाल हो तो आप हमें कमेन्ट करें या हमें contact@finohindi.com पर मेल सकते है | आप हमसे लगातार जुड़े रहने के लिए हमारे Facebook पेज Twitter पेज तथा instagram पेज पर हमें Follow अवश्य करें |

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हेल्लो दोस्तों, मै पिछले 8 वर्षो से शेयर बाज़ार में निवेश तथा रिसर्च कर रहा हूँ | मै अपने अनुभव को Finohindi के माध्यम से आपके साथ सच्चाई के साथ सीधे तथा साफ शब्दों में बाटना चाहता हूँ | यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश, ट्रेड करते है या आपकी शेयर बाज़ार में रूचि है तो आप सही जगह पर है

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