मेरे प्रिय पाठकों, आपने अपने बुजुर्गो से ये तो कहते सुना ही होगा कि जीतनी चादर हो उतनी है पैर पसारनी चाहिए | बुजुर्ग लोग ये बात ऐसे ही नहीं कहते है | ये बहुत ही सटीक तथा सही बात है | लीवरेज ट्रेडिंग (Leverage Trading) भी कुछ इसी कहावत का उदाहरण है | आईये आज के इस लेख में हम सब जानेंगे कि लीवरेज ट्रेडिंग क्या है, क्या लीवरेज ट्रेडिंग करना सही है तथा कोई ब्रोकिंग कंपनी लीवरेज क्यों प्रदान करती है |
लीवरेज ट्रेडिंग क्या है / What is Leverage Trading?
लीवरेज ट्रेडिंग (Leverage Trading), ब्रोकिंग कंपनियों का एक ऐसा फीचर होता है जिसके माध्यम से वो अपने ट्रेडर को क्षमता से अधिक ट्रेड लेने की अनुमति प्रदान करता है | यह एक प्रकार से कुछ घंटो के लिए पैसे उधार लेने जैसा होता है | जैसे हम बाज़ार में कोई सब्जी खरीदने जाते है लेकिन बाज़ार में पहुचने के बाद हमें ये पता चलता है कि हमारे पास पैसे कम है जबकि हमें सब्जी अधिक चाहिए | अब हमारे पास दो रास्ते है | या तो हम सब्जी कम लेते है या फिर सब्जी बेचने वाले से निवेदन कर सकते है कि भैया आज हमें सब्जी दे दीजिये हम शाम तक पैसे दे देंगे |
ठीक इसी प्रकार जब हमारे पास पैसे कम होते है लेकिन हमें शेयर बाज़ार में कोई बड़ी अपॉर्चुनिटी नज़र आती है तब हम ब्रोकर से पैसे लेकर ट्रेड ले लेते है | इसे ही लीवरेज ट्रेडिंग (Leverage Trading) या उत्तोलन कहा जाता है | इसके लिए आपके खाते में पैसे होने आवश्यक है | सभी ब्रोकिंग कंपनियां डीमेट खाते के बैलेंस के सापेक्ष लीवरेज्ड देती है | अलग अलग ब्रोकिंग कंपनियां अलग अलग लीवरेज दे सकती है | कैंडलस्टिक पैटर्न
इसे एक उदाहरण की सहायता से समझने का प्रयास करते है :- मान लीजिये आपके डीमेट खाते में 10,000 रुपये है और आप बाज़ार में ट्रेडिंग करना चाहते है | अब आपको किसी कंपनी या इंडेक्स के चार्ट पर ट्रेडिंग के मौके दिखाई दे रहे है | इस मौके में आपको अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी अत्यधिक भरोसा है | आपको लगता है कि आपकी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी फेल नहीं होगी | ऐसे में आप बड़ी संख्या में ट्रेड करना पसंद करेंगे लेकिन आपके पास फंड तो केवल 10 हजार रूपया है |
ऐसे में आपके लिए लीवरेज ट्रेड करना एक बढ़िया विकल्प हो सकता है | अब मान लेते है कि आपकी ब्रोकिंग कंपनी 4X का लीवरेज दे रही है | इसका अर्थ है कि यदि आपके डीमेट खाते में 10,000 रुपये है तब आप 4 गुना अर्थात 40000 रुपये तक के सौदे कर सकते है | अतः यदि आपकी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी भरोसेमंद है तब आप लीवरेज ट्रेडिंग की सहायता से 4 गुना अधिक लाभ कमा सकते है | लेकिन यदि आपका ट्रेड गलत दिशा में चला गया तब आपको 4 गुना अधिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है |
लीवरेज देना पूरी तरह से ब्रोकिंग कंपनी के ऊपर निर्भर करता है | यदि कोई ब्रोकिंग कंपनी चाहे तो वो लीवरेज्ड नहीं दे सकती है | अब सवाल ये है कि आज के इस महंगाई के दौर में कोई कंपनी अपने ग्राहक को लीवरेज देकर अधिक ट्रेड लेने की अनुमति क्यों देती है | शॉर्ट सेलिंग क्या है
ब्रोकिंग कंपनियां लीवरेज क्यों देती है? (Why Do Broking Companies Offer Leverage)
अब सवाल ये है ये ब्रोकिंग कंपनिया अपने ट्रेडर को लीवरेज क्यों प्रदान करती है | सभी ब्रोकिंग कंपनिया ब्रोकरेज के लालच में ट्रेडर को लीवरेज प्रदान करती है | जैसे आप यदि 10 हजार रुपये में 100 शेयर खरीद रहे थे तब 5X लीवरेज का लाभ लेने पर आप 500 शेयर खरीद पाएंगे | आप जितना अधिक वॉल्यूम में शेयर खरीदेंगे आपको उतना ही अधिक ब्रोकरेज का भुगतान करना पड़ेगा |
सभी ब्रोकिंग कंपनिया इंट्राडे ट्रेडिंग तथा पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए ही लीवरेज देती है | डेलिवरी के लिए शेयर खरीदने पर कोई लीवरेज नहीं दिया जाता है | इसके साथ ही बड़ी तथा अच्छी कंपनियों पर अधिक लीवरेज तथा छोटी, स्माल कैप की कंपनियों पर कम लीवरेज दिया जाता है | डिविडेंट यील्ड / लाभांश उपज क्या है
लीवरेज ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन के लिए सुझाव
हर्षत मेहता का एक डायलॉग तो अपने सुना ही होगा जिसमे वे कहते है कि रिस्क है तो इश्क है | अब यदि आप अपने फंड से अधिक वैल्यू से ट्रेड करेंगे तब आपके ट्रेड में रिस्क भी अधिक हो जाता है | लेकिन यदि आप रिस्क मैनेजम्नेट कर ट्रेडिंग करें तो निश्चय ही सफलता आपके कदम चूमेगी | तो आईये हम समझते है कि लीवरेज ट्रेडिंग करते समय किन किन बातों का ध्यान रखें ताकि रिस्क कम से कम हो |
स्टॉप लॉस का प्रयोग (Use of Stop Loss)
शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने का सबसे पहला नियम है स्टॉप लॉस का प्रयोग करना | जब आप लीवरेज का प्रयोग कर ट्रेडिंग कर रहे है तब बिना स्टॉप लॉस के ट्रेडिंग करना किसी गुनाह से कम नहीं है | जब बाज़ार आपके ट्रेड के विपरीत तेज़ी से चला जाता है तब ये स्टॉप लॉस आपको बड़े नुकसान से बचाता है | अतः लीवरेज ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लॉस का प्रयोग अवश्य करें | बुक वैल्यू क्या है
अपने ट्रेड पर कड़ी नज़र बनाये रखें (Keep a Close Eye on Your Trades)
चूँकि लीवरेज का प्रयोग कर लेने के बाद आप कम पूंजी में अधिक ट्रेड ले पाते है ऐसे में बाज़ार में छोटी मोटी हलचल भी आपके पोजिशन पर बड़ा प्रभाव डालती है | ऐसे में आपको अपने पोजिशन पर नजरे बनाये रखना चाहिए तथा जैसे आपको अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी फेल होती नज़र आती है वैसे ही आपको अपने ट्रेड से एग्जिट हो जाना चाहिए | ऐसा करने से आप जोखिम को बेहतर ढंग से मैनेज कर पाएंगे |
भावनात्मक निर्णय लेने बचे (Avoid Making Emotional Decisions)
लीवरेज ट्रेडिंग में भावनात्मक विचारों का कोई स्थान नहीं होता है | इसमें आपको अपनी टेक्निकल एनालिसिस तथा ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के अनुसार ही टार्गेट तथा स्टॉप सेट करना चाहिए | आम तौर पर नए ट्रेडर में संयम की कमी होती है |
जब ट्रेड इनके ट्रेड के विपरीत जाता है तब डर कर ट्रेड से एग्जिट कर जाते है तथा जब ट्रेड सही दिशा में जा रहा होता है टार्गेट मिल जाने के बाद भी लालच के वश में आ जाते है तथा अपना नुकसान करा लेते है | PE रेशियो क्या है
पेपर ट्रेडिंग करें (Do Paper Trading)
कैश बाज़ार में ट्रेडिंग करने से पहले आपको पेपर पर Trading का अभ्यास करना अति आवश्यक है | लाइव शेयर बाज़ार को देखकर पेपर पर Trading करना ही पेपर ट्रेडिंग कहलाता है |
इसका साधारण सा तरीका है कि जब भी आपको शेयर बाज़ार में ट्रेड दिखे तो उसके खरीदने की कीमत, स्टॉप लॉस के साथ टार्गेट को एक पेपर पर नोट कर लें | अब टार्गेट या स्टॉप लॉस जो भी हिट हो जाये तो लाभ/हानि नोट कर ले | इस प्रकार आप कम से कम 8 ट्रेड करें |
पेपर ट्रेडिंग का चार्ट
क्रम संख्या | कंपनी | खरीद कीमत | टार्गेट | स्टॉप लॉस | बिक्री कीमत | लाभ /हानि |
1 | A | 24 | 24.7 | 23.7 | 24.6 | लाभ |
2 | B | 548 | 560 | 540 | 560 | लाभ |
3 | C | 241 | 245 | 238 | 238 | हानि |
4 | D | 5845 | 5910 | 5830 | 5910 | लाभ |
5 | E | 695 | 708 | 690 | 708 | लाभ |
6 | F | 2358 | 2380 | 2348 | 2380 | लाभ |
7 | G | 785 | 798 | 778 | 795 | लाभ |
8 | H | 15 | 15.5 | 14.7 | 15.5 | लाभ |
लाभ प्रतिशत = 7/8*100 = 87.5 प्रतिशत
अंत में आठों ट्रेड का आंकलन करें | जब आप 70 प्रतिशत से अधिक ट्रेड में लाभ कमाए तभी लीवरेज ट्रेडिंग करना आपके लिए उचित होगा, अन्यथा की दशा में आपको और मेहनत की आवश्यकता है | डायवर्सिफिकेशन क्या है ?
लीवरेज ट्रेडिंग तथा मार्जिन ट्रेडिंग में अंतर (Difference Between Leverage And Margin Trading)
ज्यादातर लोग लीवरेज ट्रेडिंग तथा मार्जिन ट्रेडिंग में अंतर नहीं कर पते है उन्हें लगता है कि दोनों एक ही सुविधा है लेकिन ऐसा नहीं है | लीवरेज ट्रेडिंग तथा मार्जिन ट्रेडिंग दोनों ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली अलग अलग सुविधाएँ है | आईये इनके अंतर को हम एक एक कर समझाने का प्रयास करते है |
विवरण | मार्जिन ट्रेडिंग | लीवरेज ट्रेडिंग |
परिभाषा | मार्जिन ट्रेडिंग में आपके डीमेट खाते में मौजूद शेयर को गिरवी रखकर ब्रोकर से धनराशि उधार के तौर पर ली जाती है | | लीवरेज ट्रेडिंग में पूंजी उधार नहीं ली जाती है बल्कि ट्रेड मूल्य का एक छोटा हिस्से का भुगतान कर ट्रेड लिया जाता है | |
कोलैटरल | इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आपको अपने शेयर गिरवी रखने पड़ते है | | इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आपको अपने शेयर को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है | |
लाभ | गिरवी रखे गए शेयर के सापेक्ष मार्जिन दिया जाता है | | बड़ी तथा अच्छी कंपनियों पर अधिक लीवरेज तथा छोटी स्माल कैप की कंपनियों पर कम लीवरेज का लाभ मिलता है | |
लागत | मार्जिन ट्रेडिंग में आपको व्याज का भुगतान करना पड़ता है | | लीवरेज का लाभ लेने पर आपको किसी प्रकार के ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ता है | |
रिस्क | लीवरेज ट्रेडिंग के अपेक्षा कम रिस्क होता है | | मार्जिन ट्रेडिंग के अपेक्षा रिस्क अधिक होता है | |
उपलब्धता | मार्जिन ट्रेडिंग का लाभ इक्विटी डिलीवरी से ही मिलता है | | लीवरेज ट्रेडिंग का लाभ आपको पोजिशनल ट्रेडिंग तथा इंट्राडे ट्रेडिंग में मिलता है | |
लीवरेज ट्रेडिंग के लाभ (Benefits of Leverage Trading)
लीवरेज ट्रेडिंग के निम्न लाभ है |
- ट्रेडर की शक्ति को बढाता है |
- इसका उपयोग कर ट्रेडर अपने प्रॉफिट को बड़ा बना सकते है |
- इसका प्रयोग कर ट्रेडर कम पैसे में कई ट्रेड बना सकता है |
लीवरेज ट्रेडिंग के हानि (Disadvantages of Leverage Trading)
लीवरेज ट्रेडिंग के निम्न हानि है |
- बड़े नुकसान की संभावना होती है |
- मार्जिन कॉल और परिसमापन |
- अधिक ब्रोकरेज का भुगतान करना पड़ता है |
- सभी कंपनी पर एक समान लीवरेज नहीं मिलता है |
इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी
ट्रेडिंग में लीवरेज क्या होते हैं?
लीवरेज ट्रेडिंग (Leverage Trading), ब्रोकिंग कंपनियों का एक ऐसा फीचर होता है जिसके माध्यम से वो अपने ट्रेडर को क्षमता से अधिक ट्रेड लेने की अनुमति प्रदान करता है | यह एक प्रकार से कुछ घंटो के लिए पैसे उधार लेने जैसा होता है |
लीवरेज का क्या फायदा है?
लीवरेज ट्रेडिंग के निम्न लाभ है |
1) ट्रेडर की शक्ति को बढाता है |
2) इसका उपयोग कर ट्रेडर अपने प्रॉफिट को बड़ा बना सकते है |
3) इसका प्रयोग कर ट्रेडर कम पैसे में कई ट्रेड बना सकता है |
लीवरेज से आप क्या समझते हैं?
लीवरेज ट्रेडिंग (Leverage Trading), ब्रोकिंग कंपनियों का एक ऐसा फीचर होता है जिसके माध्यम से वो अपने ट्रेडर को क्षमता से अधिक ट्रेड लेने की अनुमति प्रदान करता है | यह एक प्रकार से कुछ घंटो के लिए पैसे उधार लेने जैसा होता है |
ट्रेडिंग में 1/20 लीवरेज क्या है?
ट्रेडिंग में 1/20 लीवरेज का अर्थ है कि ब्रोकिंग कंपनी आपको 20 गुना अधिक लीवरेज प्रदान कर रही है | इसका अर्थ है कि यदि आपके पास 1 रूपया है तब आप 20 रुपये तक के ट्रेड ले सकते है |
क्या लीवरेज लॉन्ग टर्म के लिए अच्छा है?
नहीं, लीवरेज का प्रयोग आम तौर पर केवल अल्पकालिक समय या यूं कहे कि इंट्राडे के लिए प्रयोग किया जाता है | लॉन्ग टर्म के लिए आपको मार्जिन ट्रेडिंग अच्छा हो सकता है | क्योकि मार्जिन में मिला धनराशि आपको अपने शेयर प्लेज करने के बाद मिलता है जो एक प्रकार का लोन होता है | लीवरेज में मिला मार्जिन अल्पकालीन होता है |
लीवरेज ट्रेडिंग खराब क्यों है?
लीवरेज ट्रेडिंग में लिया गया ट्रेड अगर सही दिशा में जा रहा है तब आपको बड़ा मुनाफा हो सकता है लेकिन अगर गलती से आपका ट्रेड गलत दिशा में चला जाता है तो आपको अपना पूरा कैपिटल गवाना भी पड सकता है | इसके अलावा अन्य हानि निम्न है |
1) लीवरेज ट्रेडिंग के निम्न हानि है |
2) बड़े नुकसान की संभावना होती है |
3) मार्जिन कॉल और परिसमापन |
4) अधिक ब्रोकरेज का भुगतान करना पड़ता है |
5) सभी कंपनी पर एक समान लीवरेज नहीं मिलता है |
आज हमने जाना(Today We Learned)
मेरे प्रिय पाठकों, आज़ के अपने इस लेख लीवरेज ट्रेडिंग क्या है / What Is Leverage Trading? Risks And Advantages में हम सबने जाना लीवरेज ट्रेडिंग क्या होता है, ब्रोकिंग कंपनिया लीवरेज क्यों प्रदान करती है, मार्जिन तथा लीवरेज में क्या फर्क है के साथ साथ हमने जाना कि लीवरेज ट्रेडिंग के क्या क्या लाभ तथा हानि है
हम आशा करते है कि अब आपको लीवरेज ट्रेडिंग से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे | आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा हमें कमेन्ट कर अवश्य बताये | यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |
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