पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern Full Explain in Hindi

दोस्तों अब तक हम सबने सिगल कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में अध्ययन किया है | अब आज से हम सब डबल कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में एक-एक कर विस्तार से अध्ययन करेंगे | आज के इस लेख पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern Full Explain in Hindi में हम सब पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में जानेंगे जो डबल कैंडलस्टिक पैटर्न का एक प्रकार है | 

आज के इस लेख में हम सब जानेंगे कि पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है? शेयर के चार्ट में इस पैटर्न का निर्माण कब होता है, इस पैटर्न के निर्माण के पीछे ट्रेडर तथा निवेशक की सायकोलॉजी क्या होती है, ट्रेडर इस पैटर्न में ट्रेड कब लें तथा पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में टार्गेट तथा स्टॉप लॉस कहाँ लगाया जाता है |

Table of Contents

पियर्सिंग कैंडल / Piercing Candle

चूँकि यह एक डबल कैंडलस्टिक पैटर्न है अतः पियर्सिंग कैंडल का निर्माण दो कैंडल के मिलने से होता है | इसमें पहला कैंडल एक बेयरिश कैंडल होता है जिसकी बॉडी, बड़ी होती है लेकिन शैडो, छोटी होती | इसके बाद बनने वाली कैंडल गैप डाउन ओपन होती है लेकिन बुल्स के खरीदारी के कारण शेयर ऊपर आने लगता है तथा एक बुलिश कैंडल का निर्माण कर देती है |

अब यदि इस बुलिश कैंडल की क्लोजिंग, पिछले बेयरिश कैंडल के बॉडी के मध्य से टॉप के मध्य में होता है | तब इन दोनों कैंडल को संयुक्त रूप से पियर्सिंग कैंडल/Piercing Candle कहा जाता है | इन दोनों कैंडल में बॉडी बड़ी तथा शैडो बहुत छोटी होती है | यह एक बुलिश ट्रेंड रिवर्शल कैंडल है | पियर्सिंग कैंडल में बुल्स तथा बियर्स आपस में युद्ध कर रहे होते है | इस कैंडल में पहला कैंडल बियर्स तथा दूसरा कैंडल बुल्स के विजय को दर्शाता है | शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न

पियर्सिंग कैंडल/Piercing Candle की विशेषताए:-

  • पियर्सिंग कैंडल/Piercing Candle दो कैंडल से मिलकर बनता है |
  • इसमें पहला कैंडल बियरिश तथा दूसरी बुलिश कैंडल होती है |
  • पियर्सिंग कैंडल/Piercing Candle में दोनों कैंडल मारुबोज़ू कैंडल कैंडल होती है जिसमे बॉडी बड़ी तथा शैडो बहुत छोटी या न के बराबर होता है |
  • इस कैंडल में दूसरी कैंडल गैप डाउन ओपन होता है | उसके बाद खरीदारी के कारण कैंडल बुलिश बन जाती है |
  • बुलिश कैंडल का low ही पियर्सिंग कैंडल का low होता है |
  • जब इस कैंडल का निर्माण डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर के बॉटम पर होता है तब इसे पियर्सिंग कैंडल स्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern कहा जाता है |

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern Full Explain in Hindi

जब इस पियर्सिंग कैंडल/Piercing Candle का निर्माण डाउन ट्रेंड के बॉटम पर होता है तब इसे पियर्सिंग कैंडल स्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern कहा जाता है | चूँकि यह कैंडलस्टिक पैटर्न एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न है जो डाउन ट्रेंड के शेयर/इंडेक्स की चाल को अपट्रेंड में बदल देता है | इस कारण से इसे बुलिश ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न भी कहा जाता है | 

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern Full Explain In Hindi

पियर्सिंग कैंडल स्टिक पैटर्न का निर्माण तब होता है जब कंपनी का शेयर अपने सपोर्ट के आस पास आ जाता है | जब कंपनी का शेयर अपने सपोर्ट के आस पास आता है तब बुल्स कंपनी के शेयर में बड़ी खरीदारी करने लगते है | ऐसे में बुल्स के खरीदारी के कारण पियर्सिंग पैटर्न का निर्माण हो जाता है | वॉरेन बफेट का जीवन दर्शन

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern को चार्ट में कैसे पहचाने?

पियर्सिंग पैटर्न की खोज करने के लिए आपको ऐसे शेयर की तलाश करनी होगी जो डाउन ट्रेंड में ट्रेड कर रही हो | यदि इस ट्रेंड में चार्ट के बॉटम पर एक बड़ी बियरिश कैंडल या बेयरिश मारुबोज़ू कैंडल का निर्माण हो जाता है तब आप इस कंपनी के शेयर को अपने निगरानी लिस्ट में जोड़ लीजिये | अब यदि इस बेयरिश कैंडल के बाद अगली कैंडल गैप डाउन ओपन होकर बुलिश कैंडल बन जाती है तब ये पियर्सिंग पैटर्न बन सकता है |

यदि यह बुलिश कैंडल अपनी क्लोजिंग, पिछली बेयरिश कैंडल के मध्य से ऊपर देता है तब पियर्सिंग कैंडल स्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern पूर्ण हो जाता है | आपको इसी की तलाश थी | इस पैटर्न में पहली कैंडल का बेयरिश तथा दूसरी कैंडल का बुलिश होना अत्यंत आवश्यक है | रिवर्स स्टॉक स्प्लिट क्या है?

Piercing Candlestick Pattern के निर्माण के पीछे की सायकोलॉजी:-

दर असल जब कंपनी का शेयर लगातार डाउन ट्रेंड में ट्रेड करता रहता है तब एक समय ऐसा आता है जब कंपनी के शेयर की कीमत अपने फेयर वैल्यू से कम हो जाती है या ट्रेडर/निवेशक को कंपनी के शेयर की कीमत आकर्षक लगने लगती है | ऐसे जब किसी बड़े ट्रेडर या निवेशक को कंपनी का शेयर अब भी ओवर वैल्यूड लगती है या कंपनी सम्बंधित कोई बैड न्यूज आ जाती है तब वो कंपनी के शेयर बड़ी बिकवाली कर देते है ऐसे में एक बड़ी बेयरिश कैंडल का निर्माण हो जाता है | 

जब अगले दिन भी प्री ओपन में ही बिकवाली कर देते है तब जिन ट्रेडर/निवेशक को कंपनी का शेयर आकर्षक लग रहा था वो खरीदारी करना आरंभ कर देते है | खरीदारी के कारण गैप डाउन खुला शेयर एक बड़ी बुलिश कैंडल का निर्माण कर देती है | यदि इस बुलिश कैंडल की लम्बाई पिछली बेयरिश कैंडल की लम्बाई लगभग एक समान है तब पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण हो जाता है | डिविडेंट क्या है ? what is dividend

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में ट्रेड कब लें?

इस पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न के निर्माण हो जाने के बाद तुरंत ट्रेड नहीं लिया जाता है | पैटर्न में ट्रेड तब तक नहीं लिया जाता है जब तक ट्रेड में एंट्री का कन्फर्मेशन न मिल जाये | इस पियर्सिंग कैंडल के बाद जब एक ऐसे बुलिश कैंडल का निर्माण हो जाये जो पियर्सिंग कैंडल के low को ब्रेक न करें तब इस पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न को कन्फर्म पैटर्न माना जायेगा, तथा इस बुलिश कैंडल को पैटर्न कन्फर्मेशन कैंडल कहा जाता है |

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में ट्रेड कब लें?

यदि इसके बाद बनने वाली कैंडल इस तीसरी कैंडल का हाई ब्रेक कर ऊपर निकल जाती है तब ट्रेड में एंट्री का कन्फर्मेशन मिल जाता है | यह कैंडल जिस लेवल पर तीसरी कैंडल को ब्रेक कर ऊपर निकल जाती है उसी लेवल को एंट्री लेवल तथा इस कैंडल को ट्रेड में एंट्री कन्फर्मेशन कैंडल कहा जाता है | डबल टॉप चार्ट पैटर्न

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में टार्गेट कहाँ सेट करें?

किसी भी पैटर्न में ट्रेड लेने से पहले ट्रेडर को टार्गेट तथा स्टॉप लॉस का पता होना अत्यंत आवश्यक है | पियर्सिंग कैंडल स्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में ट्रेडर अपना टार्गेट एंट्री पॉइंट से पियर्सिंग कैंडल के low जितना, एंट्री पॉइंट से ऊपर लगाना चाहिए है | आईये हम इसे एक उदाहरण की सहायता से समझने का प्रयास करते है | प्राइस एक्शन ट्रेडिंग

उदाहरण:-

इस उदाहरण को समझने के लिए हम मान लेते है कि पियर्सिंग कैंडल में पहली कैंडल का low 300 के लेवल पर तथा हाई 320 के लेवल पर तथा दूसरी बुलिश कैंडल का low 295 के लेवल पर तथा हाई 316 के लेवल पर है | पियर्सिंग कैंडल के बाद बनने वाला पैटर्न कन्फर्मेशन कैंडल का low 315 के लेवल पर तथा हाई 321 के लेवल पर है |

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में टार्गेट कहाँ सेट करें?

अब हम मान लेते है कि चौथी ट्रेड में एंट्री कन्फर्मेशन कैंडल, पैटर्न कन्फर्मेशन कैंडल के हाई (321) को ब्रेक आउट कर ऊपर निकल जाती है तब ट्रेडर के खरीदारी में एंट्री लेने के बाद

ट्रेडर का टार्गेट = ट्रेड में एंट्री का लेवल + (ट्रेड में एंट्री का लेवल – पियर्सिंग कैंडल का low)

ट्रेडर का टार्गेट = 321 + (321 – 295)

ट्रेडर का टार्गेट = 321 + 26

ट्रेडर का टार्गेट = 347 रुपये |

अतः इस स्थिति में ट्रेडर अपना टार्गेट 347 रुपये पर लगायेंगे | शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय ?

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में स्टॉप लॉस सेट कहाँ करें? 

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में ट्रेडर को अपना स्टॉप लॉस पियर्सिंग कैंडल का low लगाना चाहिए | उक्त उदाहरण की माने तो ट्रेडर अपना स्टॉप लॉस 295 के लेवल पर लगायेंगे |

इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी:-

पियर्सिंग कैंडल क्या है?

यह एक डबल कैंडलस्टिक पैटर्न है अतः पियर्सिंग कैंडल का निर्माण दो कैंडल के मिलने से होता है | इसमें पहला कैंडल एक बेयरिश कैंडल होता है जिसकी बॉडी, बड़ी होती है लेकिन शैडो, छोटी होती | इसके बाद बनने वाली कैंडल गैप डाउन ओपन होती है लेकिन बुल्स के खरीदारी के कारण शेयर ऊपर आने लगता है तथा एक बुलिश कैंडल का निर्माण कर देती है |

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern क्या है?

जब इस पियर्सिंग कैंडल/Piercing Candle का निर्माण डाउन ट्रेंड के बॉटम पर होता है तब इसे पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern कहा जाता है | चूँकि यह कैंडलस्टिक पैटर्न एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न है जो डाउन ट्रेंड के शेयर/इंडेक्स की चाल को अपट्रेंड में बदल देता है | इस कारण से इसे बुलिश ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न भी कहा जाता है |

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में टार्गेट कहाँ सेट करें?

किसी भी पैटर्न में ट्रेड लेने से पहले ट्रेडर को टार्गेट तथा स्टॉप लॉस का पता होना अत्यंत आवश्यक है | पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में ट्रेडर अपना टार्गेट एंट्री पॉइंट से पियर्सिंग कैंडल के low जितना, एंट्री पॉइंट से ऊपर ल;लगाना चाहिए है |

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में स्टॉप लॉस सेट कहाँ करें?

पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में ट्रेडर को अपना स्टॉप लॉस पियर्सिंग कैंडल का low लगाना चाहिए |

सारांश(Summary):-

मेरे प्रिय पाठकों आज के इस लेख पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern Full Explain in Hindi में हम सबने जाना कि पियर्सिंग कैंडल क्या होता है, पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है, इसके निर्माण के पीछे ट्रेडर की कौन सी सायकोलॉजी कार्य करती है | इसके साथ हम सबने जाना कि इस पैटर्न में ट्रेडर अपना टार्गेट तथा स्टॉप लॉस कहाँ लगाते है |

मै आशा करता हूँ कि अब आपको पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern में ट्रेड करने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी | आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा हमें कमेन्ट कर अवश्य बताये | यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |

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हेल्लो दोस्तों, मै पिछले 8 वर्षो से शेयर बाज़ार में निवेश तथा रिसर्च कर रहा हूँ | मै अपने अनुभव को Finohindi के माध्यम से आपके साथ सच्चाई के साथ सीधे तथा साफ शब्दों में बाटना चाहता हूँ | यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश, ट्रेड करते है या आपकी शेयर बाज़ार में रूचि है तो आप सही जगह पर है

2 thoughts on “पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern Full Explain in Hindi”

    • हमारी वेबसाइट पर विजिट करने तथा हमें सराहने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद JAGOO S SINGGH जी |

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