मेरे प्रिय पाठकों “म्यूचुअल फंड क्या है” के अपने पिछले लेख में हम सबने म्यूचुअल फंड क्या है, के बारे में विस्तार से चर्चा किया था | आज के इस लेख म्यूचुअल फंड के प्रकार / Types of Mutual Funds in Hindi में हम सब म्यूचुअल फंड के प्रकार के बारे में चर्चा करेंगे तथा एक-एक कर हम सबको विस्तार से अध्ययन करेंगे |
जो व्यक्ति शेयर बाज़ार के निवेश का जोखिम नहीं उठाना चाहते है, लेकिन शेयर बाज़ार के ग्रोथ का लाभ भी लेना चाहते है वो व्यक्ति म्यूचुअल फंड में निवेश करते है | म्यूचुअल फंड में निवेश किये गए पूंजी को एसेट मैनेजमेंट कंपनिया एक फंड मैनेजर के द्वारा शेयर बाज़ार में निवेश करती है | ये फंड मैनेजर अनुभवी होते है तथा इन्हें शेयर बाज़ार के बारे में अच्छा खासा अनुभव होता है |
ये फंड मैनेजर आपकी निवेशित पूंजी को शेयर बाज़ार में निवेश कर बढ़िया रिटर्न बनाते है | इन फंड मैनेजर के फ़ीस के रूप में एसेट मैनेजमेंट कंपनिया आपकी निवेशित पूंजी पर रिटर्न का कुछ प्रतिशत अपने पास रख लेती है शेष आपको रिटर्न के रूप में दे देती है |
एसेट मैनेजमेंट कंपनी जिन्हें फंड हाउस, मनी मैनेजर और मनी मैनेजमेंट कॉरपोरेशन के रूप में भी जाना जाता है जिनका मुख्य कार्य निवेश करने के इच्छुक लोगों से पैसा इकट्ठा करना और शेयर बाजार की विभिन्न प्रतिभूतियों तथा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर निवेशको को बेहतर रिटर्न दिलाना है |
म्यूचुअल फंड के प्रकार / Types of Mutual Funds in Hindi
म्यूचुअल फंड को उनके निवेश के आधार पर इन्हें निम्न 5 भागो में बांटा जा सकता है |
- डेट फंड(Debt Fund)
- हाइब्रिड फंड(Hybrid Fund)
- समाधानोन्मुखी योजनाएं(Solution-Oriented Mutual Fund Schemes)
- गोल्ड म्यूचुअल फंड(gold mutual fund)
- इक्विटी म्यूचुअल फंड(Equity Mutual Fund)
डेट फंड(Debt Fund)
म्यूचुअल फंड के प्रकार / Types of Mutual Funds in Hindi के इस लेख में पहले स्थान पर आता है डेट फंड | ऐसे म्यूचुअल फंड जो निवेशक के निवेशित पूंजी को निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में निवेश करती है | ऐसे फंड को डेट फंड कहा जाता है | जैसे सरकारी और निजी कंपनियों की निजी देनदार योजनाएं, बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड, डिबेंचर में निवेश | इन फंड्स का प्रमुख लक्ष्य निवेशको के निवेश पर सुरक्षित तथा निश्चित रिटर्न प्रदान करना है |
ये फंड्स फिक्स्ड डिपाजिट से अधिक तथा निश्चित रिटर्न प्रदान करते है | डेट फंड्स के निवेशों में जोखिम सामान्य रूप से न्यूनतम होता है, और इन्हें सामान्यत: सूक्ष्म विवेक द्वारा प्रबंधित नहीं किया जाता है, इसके बजाय वित्तीय संस्थाओं या निवेश प्रबंधकों के माध्यम से प्रबंधित किया जाता है | निवेशक इन फंड्स में अपने पैसे को निवेश करके सुरक्षित रूप से और सामान्यत: स्थिर आय प्राप्त करने का प्रयास करते हैं |
आज कल डेब्ट फंड कई रूपों में उपलब्ध है जैसे – इनकम फंड, लिक्विड फंड, सरकारी प्रतिभूति तथा फिक्स्ड परिपक्वता योजनाये | आप अपने जरुरत के अनुसार इनका चुनाव कर सकते है | इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ इंडिकेटर
हाइब्रिड फंड(Hybrid Fund)
म्यूचुअल फंड के प्रकार / Types of Mutual Funds in Hindi के इस लेख में दुसरे स्थान पर आता है हाइब्रिड फंड | हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund) एक प्रकार का निवेश फंड होता है जिसमें निवेशकों के पैसे को एक संयुक्त पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है | हाइब्रिड फंड में दो या दो से अधिक प्रकार की वित्तीय सुरक्षाएँ शामिल होती हैं | इसका मुख्य उद्देश्य निवेशकों के निवेश पर एक संतुलित रिटर्न अर्थात डेट फंड से अधिक लेकिन इक्विटी म्यूचुअल फंड कम लेकिन सुरक्षित रिटर्न देना है |
हाइब्रिड फंड्स का पोर्टफोलियो सामान्यत: दो श्रेणियों से या उनके उपनिवेशक फंडों से मिश्रित होता है | इसमें निवेशको के निवेशित पूंजी का एक भाग शेयर बाजार में और दूसरा भाग डेट फंड(Debt Fund) में निवेश किया जाता है | ऐसा करने से निवेशको को डेट फंड से अधिक रिटर्न प्राप्त हो जाता है | निवेशक अपने लक्ष्यों और आवश्यकताओं के आधार पर हाइब्रिड फंड्स का चयन करते हैं | शेयर बाज़ार में निवेश के नियम
aapne likha debt funds ke bare men – इन फंड्स का प्रमुख लक्ष्य निवेशको के निवेश पर सुरक्षित तथा निश्चित रिटर्न प्रदान करना है |
kya debt funds men nishchit returns ya guaranteed returns milta hai. kya yeh poori tarah surakshit bhi hai. agar haan tab kaise.
debt funds के फंड मैनेजर अपना निवेश सरकारी बांड तथा निजी या कॉर्पोरेट बांड में निवेश करते है जो उतना सुरक्षित माना जा सकता है जितना फिक्स्ड डिपाजिट | जहाँ तक सवाल है निश्चित रिटर्न का तो ये आपके डेब्ट फंड के चुनाव पर निर्भर करता है | डेब्ट फंड में आप निश्चित रिटर्न या बहुत कम अर्थात लगभग न के बराबर वोलेटाइल होता है | इस फंड में सामान्यतः 8 प्रतिशत के रिटर्न मिलते है | बहुत जल्द हम डेब्ट फंड पर एक डिटेल लेख लेकर आएंगे | हमारी वेबसाइट पर अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
aap jaante hain ki debt funds men bonds rahte hain jo interest rate ke utaar chadhaav se bahut prabhavit hote hain. jab bhi interest rate badhta hai tab bond yield badhta hai jise debt fund ki nav kam hone lagti hai. iske alwa bhi agar debt funds men ka rating wale bond hain tab wah default bhi kar sakte hain jisse nav par prabhaav padega. mujhe to ye kaafi risky lagte hain. agar inke bare men theek se pata n ho tab. aur haan yeh bilkul bhi fd jaisa surakshit nhain hai kyonki debt funds men return guaranteed nahin hota. koun se debt fund category ne pichle 1 saal men 8% return diye jara bataye.
https://www.etmoney.com/mutual-funds/debt tatha https://www.indmoney.com/mutual-funds/debt-funds आप यहाँ चेक कर सकते है कई डेब्ट फंड ने 8 प्रतिशत से भी अधिक रिटर्न दिया है | डेब्ट फंड आपको फिक्स्ड डिपाजिट से अधिक रिटर्न बहुत कम रिस्क के साथ देता है |