दोस्तों हम जब भी शेयर बाज़ार में निवेश या ट्रेडिंग के बात करते है तब सबसे पहले डीमैट खाते के बारे में बात आती है | तो आज के इस लेख डीमैट खाता क्या होता है / Demat Account Meaning Full Details in Hindi में हम सब जानेंगे कि ये डीमैट खाता क्या होता है, डीमैट अकाउंट कैसे खोले, ये डीमैट खाते कितने प्रकार के होते है |
डीमैट खाता क्या होता है / Demat Account Meaning Full Details in Hindi
डीमैट अकाउंट (dematerialized account) एक ऐसा अकाउंट जिसमे वित्तीय प्रतिभूति (Financial security) जैसे इक्विटी शेयर, ETF, करेंसी, डिबेंचर, बांड इत्यादि को इलेक्ट्रॉनिकली रूप में स्टोर किया जाता है | इन्ही प्रतिभूतियों को कम समय में खरीद बिक्री करना ट्रेडिंग तथा इन्हें खरीदकर लंबे समय होल्ड कर लाभ कमाने के हुनर को निवेश कहा जाता है |
एक अन्य भाषा में कहा जाय तो डीमैट अकाउंट किसी बैंक के एक लॉकर की तरह होता है जो वित्तीय प्रतिभूति (Financial security) जैसे इक्विटी शेयर, ETF, करेंसी, डिबेंचर, बांड इत्यादि को इलेक्ट्रॉनिकली रूप में संग्रहीत करता है |
भारत में NSDL (नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड) और CDSL (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड) दो डिपॉजिटरी हैं जो बांड, डिबेंचर, ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड), सरकारी प्रतिभूतियां (GSecs), ट्रेजरी बिल (T-Bills), इक्विटी शेयर, म्यूचुअल फंड्स इत्यादि को इलेक्ट्रॉनिकली रूप में सुरक्षित रखती है |
ये डिपॉजिटरी(NSDL तथा CDSL) डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती है जो डिपॉजिटरी तथा इन्वेस्टर्स के मध्य मध्यस्थ के रूप में कार्य करती है | स्टॉक ब्रोकर के साथ-साथ वे सभी फाइनेंसियल इंस्टीटूशन जो डिपॉजिटरी तथा इन्वेस्टर के मध्य समन्वय स्थापित करता हैं उन्हें डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) कहा जाता है | जैसे ज़ेरोधा, एंजलवन, Upstoks, कोटक सेक्युरिटी इत्यादि एक प्रकार से डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट है | आप जिन डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के साथ संपर्क स्थापित कर अपना डीमैट खाता खोलना चाहते है, उसके साथ खोल सकते है |
डीमैट खाते का इतिहास (Demat Khate history)
वर्ष 1996 में NSE द्वारा पहली बार डीमैट खाते (Demat Account) की शुरुआत की गयी | इससे पहले कंपनी के शेयर खरीदने पर शेयर के फिजिकल सर्टिफिकेट कागज के रूप में दिए जाते थे जिसे संभाल कर सुरक्षित रखना कठिन कार्य होता था | ऐसे में हमें जब भी कंपनी के शेयर को बेचना होता था तब शेयर सर्टिफिकेट को कंपनी के ऑफिस में भेजना पड़ता था | फिर कंपनी देखती थी कि कंपनी के शेयर की प्राइस क्या चल रहा है |
इसके बाद बेचे गए शेयर सर्टिफिकेट के सापेक्ष खरीददार का मिलान किया जाता था | सब कुछ सही होने के बाद आर्डर पूरा होता था तथा शेयर की कीमत आपके खाते में भेज दी जाती थी | यह प्रक्रिया अधिक समय लेता है | इसी समय को कम करने के लिए NSE ने डीमैट खाते की शुरुआत कि |
डीमैट खाते के माध्यम से किसी कंपनी के शेयर को खरीदने तथा बेचने की प्रक्रिया बहुत आसान हो गयी है | इसमें ट्रेड की सभी प्रक्रिया ऑनलाइन शिफ्ट हो गयी | इसमें शेयर खरीदने और बेचने की पूरी प्रकिया ऑनलाइन कम्पूटरो तथा मोबाइल द्वारा होती है | कैंडलस्टिक पैटर्न
भारत में डीमैट खाते के प्रकार (Types of Demat Account in India)
डीमैट अकाउंट कई प्रकार के होते है | इन्हें निवेशक के आवश्यकताओं तथा स्थिति के अनुरूप बनाया गया है | भारत में डीमैट खाता निम्न प्रकार के होते है |
- रेगुलर डीमैट अकाउंट
- मूल सेवा डीमैट अकाउंट
- रिपैट्रिएबल डीमैट अकाउंट
- नॉन-रिपैट्रिएबल डीमैट अकाउंट
- NRI डीमैट अकाउंट
- कॉर्पोरेट डीमैट खाता
रेगुलर डीमैट अकाउंट (Regular Demat Account)
रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat Account) मुख्य रूप से भारत में निवास करने वाले व्यक्ति के लिए होता है | ये डीमैट खाते आपके बचत खाते से जुड़े होते है तथा शेयर बाज़ार में आपके खरीद बिक्री को सहज बनाते है | एक रेगुलर डीमैट एकाउंट आपको तेजी से लेनदेन करने, अपने शेयर और पोर्टफोलियो का रिकॉर्ड बनाए रखने, शेयर खरीदने, बेचने और रखने और प्रतिभूतियों को एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित करने जैसे कार्य करने की अनुमति देता है |
मूल सेवा डीमैट अकाउंट (Basic Service Demat Account)
मूल सेवा डीमैट अकाउंट (Basic Service Demat Account) को भारत के छोटे निवेशक के लिए डिज़ाइन किया गया है | सेबी द्वारा इसे वर्ष 2012 में लाया गया था | भारत में कई निवेशक ऐसे है जो शेयर तथा वित्तीय प्रतिभूति में नियमित रूप से निवेश या ट्रेड नहीं करते है | चूँकि ये लोग बहुत कम पूंजी के साथ बाज़ार में कार्य करते है अतः ये निवेशक अपने DP (डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स) को वार्षिक रख रखाव शुल्क नहीं देना चाहते है ऐसे निवेशक के लिए बेसिक सर्विस डीमैट खाता (BSDA) पेश किया गया है |
यदि आपके होल्डिंग वैल्यू ₹50,000 या उससे भी कम है तब आपका डीमैट अकाउंट बेसिक सर्विस डीमैट खाता (BSDA) के अंतर्गत आयेगा | ऐसे में आपको अपने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) को कोई वार्षिक रख रखाव शुल्क(AMC) देने की आवश्यकता नहीं है | सही मायने में ये रेगुलर डीमैट अकाउंट होते है, इसमे आपको रेगुलर डीमैट अकाउंट के सभी सुविधा मिलती है लेकिन इसमे होल्डिंग वैल्यू के 50000 रुपये की लिमिटेशन होती है | शेयर खरीदने और बेचने का उत्तम समय ?
रिपैट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account)
रिपैट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account) मुख्यतः Non Resident Indian(NRI) अर्थात उन भारतीय के लिए होता है जो विदेश में रहकर अपना बिजनेस, नौकरी या जीवन यापन करते है | ये डीमैट खाता नॉन-रेजिडेंट एक्सटर्नल (NRE) खाते से जुड़ा होता है | ये डीमैट खाता आपको भारत से बाहर रहते हुए भारत में निवेश तथा धन हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है |
नॉन-रिपैट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Non-Repatriable Demat Account)
नॉन-रिपैट्रिएबल डीमैट खाता (Non-Repatriable Demat Account) भी NRI के लिए होता है | अर्थात उन भारतीय के लिए होता है जो विदेश में रहकर अपना बिजनेस, नौकरी या जीवन यापन करते है | ये डीमैट खाता नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी (NRO) खाते से जुड़ा होता है | ये डीमैट अकाउंट आपको भारत से बाहर रहते हुए भारत में निवेश की सुविधा प्रदान करता है लेकिन भारत के बाहर धन के हस्तांतरण की अनुमति नहीं देते हैं | Moving Average क्या होता है?
NRI डीमैट अकाउंट (NRI Demat Account)
NRI डीमैट अकाउंट (NRI Demat Account) विशेष रूप से नॉन-रेजिडेंट इंडियंस (NRI) के लिए तैयार किया गया है | ये डीमैट खाते नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी (NRO) अथवा नॉन-रेजिडेंट एक्सटर्नल (NRE) खातों से जोड़े जा सकते है |
कॉर्पोरेट डीमैट खाता (Corporate Demat Account)
व्यापारियों के लिए निवेश के पोर्टफोलियों मैनेज करने के लिए बनाये गए डीमैट अकाउंट को कॉर्पोरेट डीमैट अकाउंट (Corporate Demat Account) कहा जाता है | इन खातों में व्यक्तिगत डीमैट खातों के समान सुविधा होती है लेकिन ये कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा शेयरों, बॉन्ड्स और अन्य प्रतिभूतियों को रखने के लिए प्रयोग किया जाता हैं | Best 3 मल्टीबैगर स्टॉक्स (Multibagger Stocks) In Hindi
शेयरों को डीमैटरियलाइज कैसे करें (How to dematerialize shares)?
यदि आपके पास किसी प्रकार का कोई शेयर सर्टिफिकेट या किसी प्रकार का कोई वित्तीय प्रतिभूति सर्टिफिकेट है तथा आप इसे अपने डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर करना चाहते है तब आपको निम्न चरणों का पालन करना होगा |
- सबसे पहले आपको अपना एक डीमैट अकाउंट ओपन करना होगा |
- अपने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स का डीमैटरियलाइजेशन रिक्वेस्ट फॉर्म भरें |
- आपका डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) CDSL या NSDL को डीमैटरियलाइजेशन रिक्वेस्ट फॉर्म भेजेगा |
- जारीकर्ता कंपनी का रजिस्ट्रार शेयर प्रमाण पत्रों को स्वीकृत करेगा | स्वीकृत होने के बाद, रजिस्ट्रार आपके डीमैट अकाउंट में प्रतिभूतियों को जमा करने के लिए डिपॉजिटरी को सूचित करेगा | इस पूरी प्रक्रिया में लगभग महीने भर का समय लग सकता है |
डीमैट खाता कैसे खोलें (How to open demat account)
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको सबसे पहले अपना पसंदीदा ब्रोकर चुनना होगा | आज के इस इन्टरनेट के दौर में डीमैट अकाउंट खोलना बहुत आसान है |
इसके लिए आपको कुछ दस्तावेज की आवश्यकता होगी जो निम्न है |
- आपका अपना पैन कार्ड
- आपका आधार कार्ड
- पैन कार्ड का आधार से लिंक होना
- बैंक का स्टेटमेंट
यदि आप अपना डीमैट अकाउंट ऑफलाइन ओपन करना चाहते है तब आपको निम्न दस्तावेज की आवश्यकता पड़ेगी |
- पैन कार्ड
- आईटी रिटर्न
- आधार कार्ड (पहचान पत्र)
- बैंक पासबुक
- दो फोटो
- पते के प्रमाण-पत्र
यदि आप अपना डीमैट अकाउंट ऑनलाइन ओपन करना चाहते है तब आप आधे घंटे के अन्दर अपना डीमैट अकाउंट ओपन कर सकते है | लेकिन यदि आप अपना अकाउंट ऑफलाइन खोलना चाहते है तब इसमें हफ्ते भर का समय लग सकता है | निफ्टी 50 में ट्रेडिंग कैसे करें
इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी
डीमैट खाता कितने प्रकार का होता है?
डीमैट अकाउंट कई प्रकार के होते है | इन्हें निवेशक के आवश्यकताओं तथा स्थिति के अनुरूप बनाया गया है | भारत में डीमैट खाता निम्न प्रकार के होते है |
रेगुलर डीमैट अकाउंट
मूल सेवा डीमैट अकाउंट
रिपैट्रिएबल डीमैट अकाउंट
नॉन-रिपैट्रिएबल डीमैट अकाउंट
NRI डीमैट अकाउंट
कॉर्पोरेट डीमैट खाता
डीमैट खाता कौन खोल सकता है?
कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है या NRI है वो अपना डीमैट खाता ओपन कर सकता है | भारत के निवासी रेगुलर डीमैट अकाउंट तथा NRI, NRI डीमैट अकाउंट ओपन कर भारत के शेयर बाज़ार में निवेश या ट्रेड कर सकते है |
डीमैट अकाउंट कितना सेफ है?
डीमैट खाते पूर्णतः सुरक्षित है | आप जिस भी ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) के साथ अपना डीमैट खता ओपन किये है यदि किसी कारण से वो बैंड भी हो जायेगा तब भी आपके शेयर बांड या वित्तीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी के पास सुरक्षित रहता है | कोई ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) केवल लेन देन की भूमिका अपनाता है यह कोई भी शेयर या प्रतिभूतियां अपने पास नहीं रखते है |
बेसिक सर्विस डीमैट खाता क्या है?
मूल सेवा डीमैट अकाउंट (Basic Service Demat Account) को भारत के छोटे निवेशक के लिए डिज़ाइन किया गया है | सेबी द्वारा इसे वर्ष 2012 में लाया गया था | भारत में कई निवेशक ऐसे है जो शेयर तथा वित्तीय प्रतिभूति में नियमित रूप से निवेश या ट्रेड नहीं करते है | चूँकि ये लोग बहुत कम पूंजी के साथ बाज़ार में कार्य करते है अतः ये निवेशक अपने DP (डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स) को वार्षिक रख रखाव शुल्क नहीं देना चाहते है ऐसे निवेशक के लिए बेसिक सर्विस डीमैट खाता (BSDA) पेश किया गया है |
NRI डीमैट अकाउंट क्या होता है?
NRI डीमैट अकाउंट (NRI Demat Account) विशेष रूप से नॉन-रेजिडेंट इंडियंस (NRI) के लिए तैयार किया गया है | ये डीमैट खाते नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनरी (NRO) अथवा नॉन-रेजिडेंट एक्सटर्नल (NRE) खातों से जोड़े जा सकते है |
आज हमने जाना(Today We Learned)
मेरे प्रिय पाठकों, आज के इस लेख में हम सबने जाना कि डीमैट अकाउंट क्या होता है, इसका इतिहास कैसा है, ये कितने प्रकार का होता है के साथ साथ हमने जाना कि एक डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है |
हम आशा करते है कि अब आपको डीमैट अकाउंट से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे | आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा हमें कमेन्ट कर अवश्य बताये | यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |
यदि आपके पास हमारे लिए कोई सवाल हो तो हमें कमेन्ट करें या आप हमें contact@finohindi.com पर मेल कर सकते है | आप हमसे लगातर जुड़े रहने के लिए आप हमारे Facebook पेज, Twitter पेज तथा Telegram चैनल पर हमसे जुड़ सकते है |
🔆🔆🔆🔆🔆