विविधीकरण या डायवर्सिफिकेशन (Diversification) एक जोखिम प्रबंधन की रणनिति है | चूँकि शेयर बाज़ार बड़े रिटर्न के साथ जोखिम भरा भी है, शेयर बाज़ार के इसी जोखिम से अपने पोर्टफोलियो को बचाने के लिए विविधीकरण या डायवर्सिफिकेशन का प्रयोग किया जाता है |
डायवर्सिफिकेशन क्या है? / Diversification Meaning Full Details In Hindi
डायवर्सिफिकेशन शेयर बाज़ार के जोखिम को कम करने का एक तरीका है | इसमें निवेशक शेयर बाज़ार की अलग-अलग सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों में निवेश किया जाता है | शेयर बाज़ार हो या अन्य कोई भी निवेश का साधन, कभी भी अपनी पूंजी को एक स्थान/कंपनी/उद्योग में नहीं लगाना चाहिए | ऐसा करना आपके लिए रिस्क को बढ़ा देता है |
डायवर्सिफिकेशन कैसे करें – How to Do Diversification
डायवर्सिफिकेशन करने के निम्न तरीके है :–
अलग-अलग सेक्टर द्वारा डायवर्सिफिकेशन(Diversification by different sectors)
यदि आप शेयर बाज़ार को कुछ समय से जानते है तो आपको ज्ञात होगा की शेयर बाज़ार में सभी सेक्टर एक साथ परफॉर्म नहीं करते है | कुछ सेक्टर तेज़ी दिखाते है तो वही कुछ सेक्टर में मंदी होती है |
मान लीजिये आपको किसी कंपनी के फंडामेंटल तथा टेक्निकल मजबूत दिखाई दे रहे हो और आपने सारी पूंजी एक ही शेयर में लगा दिया है | लेकिन किसी न्यूज़/ग्लोबल कारणों से उस सेक्टर के अगले 2-3 साल तक मंदी बनी रहती है या उस कंपनी में कोई मैनेजमेंट समस्या सामने आ जाती है तो आपके शेयर में अचानक से बड़ी मंदी आ जाएगी तथा आपका पैसा कई सालों तक ग्रो नहीं कर पायेगा | इस कारण से कभी एक कंपनी में सारा पैसा नहीं लगाना चाहिए |
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अलग-अलग मार्केट कैप द्वारा डायवर्सिफिकेशन(Diversification by different market cap)
शेयर बाज़ार में निवेश करने वाले निवेशक को अपने धनराशि को अलग अलग मार्केट कैप की कंपनी में निवेश करना चाहिए | शेयर बाज़ार में कभी कभी ऐसा होता है कि
लार्ज कैपिटलाइजेशन की कंपनियां अच्छा परफॉर्म करती है लेकिन स्माल कैप के शेयर मंदी दिखाते है | इसी प्रकार कभी-कभी स्माल कैप की कंपनिया अच्छा परफॉर्म करती है, लेकिन लार्ज कैप की कंपनियों के शेयर मंदी दिखाते है |
इसलिए कभी भी एक मार्केट तरह के मार्केट कैप की कंपनियों में निवेश न कर अलग-अलग(लार्ज कैप में 60 प्रतिशत, मिड कैप एम् 25 प्रतिशत स्माल कैप में 15 प्रतिशत ) निवेश करना चाहिए |
एसेट क्लास (Asset Class) द्वारा विविधता
यदि आपकी निवेशित धनराशि को और अधिक सुरक्षित करना चाहते है तो आप अपनी पूंजी को अलग अलग एसेट(निवेश के अन्य साधन) में निवेश कर सकते है
जैसे :– शेयर बाज़ार में निवेश बांड में निवेश ईटीएफ(एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) में निवेश अचल संपत्ति कमोडिटीज में निवेश अलग-अलग एसेट में निवेश करने पर यदि कोई एक एसेट का बुरा दौर चल रहा होगा तो अन्य एसेट के अच्छा परफॉर्म करने के कारण आपके पोर्टफोलियो पर ज्यादा असर नही दिखेगा |
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डायवर्सिफिकेशन का महत्त्व(Importance of Diversification)
शेयर बाज़ार में निवेश करने वाले निवेशक के लिए डायवर्सिफिकेशन बहुत बड़ा महत्व रखता है | यह एक प्रकार का रिस्क मैनेजमेंट है जो आपके रिस्क को कम कर देता है |
सामान्यतः सभी सेक्टर में तेज़ी/मंदी एक साथ नहीं आती है | यदि आप अलग-अलग सेक्टर में निवेश करेंगे तो यदि एक सेक्टर में मंदी का दौर आये तो अन्य सेक्टर उसकी भरपाई कर देते है | जिससे आपकी निवेशित पूंजी धीरे-धीरे ग्रो होती रहेगी |
डायवर्सिफिकेशन का महत्त्व(Importance of Diversification)
जहाँ एक तरफ डायवर्सिफिकेशन हमारे
पोर्टफोलियो को कम रिस्की बनाता है वही इसके कुछ कमियां भी है | जैसे अलग सेक्टर में निवेश करने से आपको ब्रोकरेज शुल्क/सुविधा शुल्क अधिक खर्च करना पड़ सकता है | अधिक डायवर्सिफिकेशन करने से आपके पोर्टफोलियो का रिटर्न भी कुछ कम हो जाता है | यह आपके निवेश पर रिस्क तथा रिवार्ड दोनों को कम करती है |
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इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी
डायवर्सिफिकेशन(Diversification) क्या है ?
डायवर्सिफिकेशन शेयर बाज़ार के जोखिम को कम करने का एक तरीका है | इसमें निवेशक शेयर बाज़ार की अलग-अलग सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों में निवेश किया जाता है | शेयर बाज़ार हो या अन्य कोई भी निवेश का साधन, कभी भी अपनी पूंजी को एक स्थान/कंपनी/उधोग में नहीं लगाना चाहिए | ऐसा करना आपके लिए रिस्क को बढ़ा देता है |
डायवर्सिफिकेशन, आपके निवेश के रिस्क को कम करने का बेहतर उपाय है |
रिस्क डायवर्सिफाइड कैसे होता है
शेयर बाज़ार जोखिम भरा है , यहाँ आये दिन घोटाले या इनवैलिड एक्टिविटी देखी जाती रही है | लेकिन आप इन जोखिम को अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफाइड कर कम कर सकते है | कभी भी एक शेयर, एक ही सेक्टर या कभी भी एक ही मार्केट कैप के शेयर में निवेश न करें |
डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो क्या है?
ऐसा पोर्टफोलियो , जिसमे अलग अलग सेक्टर , अलग अलग मार्केट कैप के कई शेयर में निवेश किया गया होता है उसे डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो कहा जाता है |
विविधीकरण या डायवर्सिफिकेशन (Diversification) एक जोखिम प्रबंधन की रणनिति है | चूँकि शेयर बाज़ार बड़े रिटर्न के साथ जोखिम भरा भी है, शेयर बाज़ार के इसी जोखिम से अपने पोर्टफोलियो को बचाने के लिए विविधीकरण या डायवर्सिफिकेशन का प्रयोग किया जाता है |
डायवर्सिफिकेशन क्यों आवश्यक है ?
अपने निवेश को जोखिम से बचने के लिए डायवर्सिफिकेशन क्यों आवश्यक है | आप अलग-अलग सेक्टर में तथा अलह अलग मार्केट कप के शेयर में निवेश कर डायवर्सिफिकेशन का भरपूर लाभ उठा सकते है |
सारांस(Summary)
आज के इस लेख डायवर्सिफिकेशन(Diversification) क्या है ? में हमने जाना कि हम अपनी निवेशित पूंजी का किस प्रकार से डायवर्सिफिकेशन कर अपना निवेश सुरक्षित कर सकते है |अपनी पूंजी को निवेश कर पूंजी को कमाना जितना आवश्यक होता है, उससे कही अधिक आवश्यक होता है अपनी निवेशित पूंजी को सुरक्षित करना | अतः आप अपने निवेश में डायवर्सिफिकेशन अवश्य करें तथा निवेश पर सुरक्षित रिटर्न पायें |
मैं आशा करता हूँ कि आपको यह लेख डायवर्सिफिकेशन(Diversification) क्या है ? पसंद आई होगी |यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |
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