स्विंग ट्रेडिंग क्या है / Swing Trading कर पैसे कैसे कमाए

मेरे प्रिय पाठकों आपने शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने के बारे में तो सुना ही होगा | हो सकता है कि आप ट्रेडिंग करते भी हो | लेकिन क्या आप स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) के बारे में जानते है | तो आईये आज के अपने इस लेख में हम सब स्विंग ट्रेडिंग के बारे में बिस्तार से चर्चा करते है | आज के आपने इस लेख में हम जानेंगे कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है, इसे कैसे किया जाता है, इसके साथ – साथ हम पढेंगे कि इस ट्रेडिंग करने के क्या क्या लाभ तथा क्या क्या हानिया है | स्विंग ट्रेडिंग को समझने से पहले हम समझते है कि ट्रेडिंग क्या होता है |

ट्रेडिंग क्या है / Trading kya hai

किसी भी वस्तु की खरीद-बिक्री करना ट्रेडिंग कहलाता है | लेकिन जब खरीद-बिक्री शेयरों का किया जाय तो इसे स्टॉक ट्रेडिंग कहते है | कोई भी ट्रेडर लाभ कमाने के इरादे से ट्रेडिंग करता है | ये निम्न प्रकार के होते है |

स्विंग ट्रेडिंग क्या है / Swing Trading kya hai

स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग का एक ऐसा तरीका है जिसमें ट्रेडर शेयर या F&O के आप्शन को कुछ दिनों के लिए या कुछ सप्ताह के लिए खरीद कर तथा मुनाफा कमाने का प्रयास करते है | इसमे शेयर या F&O के आप्शन को खरीदना टेक्नीकल एनालिसिस पर आधारित होता है | यह इंट्राडे ट्रेडिंग से बिलकुल अलग होता है | इंट्राडे ट्रेडिंग में कंपनी के शेयर या F&O के आप्शन को जिस दिन खरीदना होता है उसी दिन कंपनी के शेयर को बेचना आवश्यक होता है जबकि स्विंग ट्रेडिंग में ऐसा नहीं होता है |

यह एक प्रकार से कम समय के लिए किया गया निवेश होता है क्योकि इसमे कंपनी के शेयर को MIS में नहीं बल्कि डिलीवरी में ख़रीदा जाता है | जब आप ट्रेडिंग करते है तब आप कंपनी के शेयर को पहले बेचकर बाद में उसकी खरीद कर सकते है या कंपनी के शेयर को पहले खरीदकर बाद में बेचा जा सकता है | लेकिन इस ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में ऐसा नहीं होता है | स्विंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर कंपनी के शेयर को पहले खरीदते है उसके बाद जब कंपनी के शेयर ऊपर चले जाते है तब बेचकर अपना मुनाफा बुक करते है |

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें / Swing Trading kaise kare

स्विंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर टेक्नीकल एनालिसिस के आधार पर ट्रेड लेते है |

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें / Swing Trading kaise kare

तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) दो प्रकार से किया जाता है 

  • इंडिकेटर के माध्यम से
  • चार्ट पैटर्न के माध्यम से

इंडिकेटर के माध्यम से (Through The Indicator)

शेयर बाज़ार में बहुत सारे इंडिकेटर कार्य करते है जो किसी कंपनी के शेयर के ट्रेंड रिवर्स होने का संकेत देते है जैसे मूविंग एवरेज, बोलिंगर बैंड, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स | कुछ प्रमुख ट्रेंड रिवर्शल इंडिकेटर निम्न है |

मूविंग एवरेज :- मूविंग एवरेज (Simple Moving Average-SMA ) इंडिकेटर शेयर/बाज़ार के ट्रेंड को बताता है | यह एक साधारण सी रेखा होती है | जब शेयर की कीमत SMA लाइन से ऊपर होती है तो शेयर बाज़ार का ट्रेंड, अपट्रेंड तथा जब शेयर की कीमत SMA लाइन से निचे हो तो इसे डाउन ट्रेंड माना जाता है | जब किसी कंपनी का शेयर डाउन ट्रेंड में चले जाने के बाद SMA लाइन को क्रास कर ऊपर निकल जाती है तब स्विंग ट्रेडर द्वारा खरीदारी में ट्रेड लिया जाता है तथा मुनाफा कमाया जाता है |

MACD :- MACD इंडिकेटर मुख्यतः दो लाइन से मिलकर बना होता है | एक होती है MACD लाइन तथा दूसरी सिग्नल लाइन | जब किसी कंपनी का शेयर या इंडेक्स डाउन ट्रेंड में चला जाता है तब MACD लाइन, सिग्नल लाइन से निचे चली जाती है | जब MACD लाइन, सिग्नल लाइन को क्रास कर ऊपर की ओर निकल जाती है तब ट्रेंड के बदल जाने का संकेत मिल जाता है | ऐसे में ट्रेडर खरीदारी का ट्रेड लेकर इस स्विंग का लाभ उठाते है |

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स :- पिछले 14 दिनों के लाभ तथा हानि के डाटा के आंकड़ो के आधार पर निकाला जाता है | जिस दिन बाज़ार तेज़ होकर बंद होती है उस दिन हरी कैंडल का निर्माण होता है | इस दिन निवेशक को लाभ होता है इस कारण से इसे लाभ के नाम से जाना जाता है | ठीक इसी प्रकार जब बाज़ार मंदा होता है तथा लाल कैंडल का निर्माण हो जाता है इस दिन निवेशक को हानि उठाना पड़ता है अतः इसे हानि कहा जाता है | रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI)

इंडिकेटर के माध्यम से (through the indicator)

इसमें दो बैंड होते है एक अपर बैंड तथा दूजा लोअर | जब तक किसी कंपनी का शेयर इसके लोअर बैंड के इर्द गिर्द ट्रेड करता है तब बाज़ार में मंदी होता है या कंपनी का शेयर/ इंडेक्स डाउन ट्रेंड में ट्रेड कर रहा होता है | जब शेयर/ इंडेक्स डाउन ट्रेंड से स्विंग करके उपर जाने वाली होती है तब लोअर बैंड से कंपनी का शेयर या इंडेक्स अपर बैंड कि तरफ जाने लगती है | स्विंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर इसी मौके का लाभ उठाते है तथा स्विंग ट्रेड लेकर लाभ कमाते है |

चार्ट पैटर्न के माध्यम से (through chart patterns)

रेजिस्टेंस ब्रेकआउट ट्रेड :- जब किसी कंपनी का शेयर या इंडेक्स डाउन ट्रेंड में चला जाता है तब वह एक डाउन ट्रेंड लाइन का रेजिस्टेंस फेस करते हुए ट्रेड करता है | जब कंपनी का शेयर या इंडेक्स उस डाउन ट्रेंड लाइन को तोड़कर ऊपर निकल जाती है तब ऐसा माना जाता है कि अब उसका मंदी का दौर समाप्त हो गया है तथा अब तेज़ी का दौर आरंभ होने वाला है | ऐसे में स्विंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर ब्रेकआउट ट्रेड लेते है तथा स्विंग का पूरा लाभ उठाते है |

चार्ट पैटर्न की मदद से :- शेयर बाज़ार में बहुत सारे पैटर्न कार्य करते है जो किसी कंपनी के शेयर में या इंडेक्स में आने वाले स्विंग का संकेत देते है | आप इन पैटर्न का प्रयोग कर स्विंग ट्रेडिंग का लाभ उठा सकते है | कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है ?

स्विंग ट्रेडिंग के लाभ (Benefits of swing trading)

स्विंग ट्रेडिंग के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार है |

  • इंट्राडे का जोखिम नहीं : इंट्राडे में ट्रेडिंग करना अत्यंत जोखिम भरा होता है | स्विंग ट्रेडिंग में यह जोखिम कम होकर बहुत कम रह जाता है | 
  • प्रॉफिट कि दर अधिक :- अन्य ट्रेडिंग स्ट्रेटजी कि तुलना में इसमें लाभ कि दर अधिक होती है | अन्य ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में लांग तथा शोर्ट सेलिंग दोनों किया जाता है जो आपकी प्रॉफिट कि दर को कम कर देता है | सामान्यतः स्विंग ट्रेडिंग में लॉन्ग किया जाता है | चूँकि अधिकतर शेयर अंत में ऊपर ही जाते है इस कारण से इस ट्रेडिंग स्ट्रेटजी में भले ही लाभ थोड़ी देर से आये लेकिन सामान्यतः लाभ हो ही जाता है |

स्विंग ट्रेडिंग के लाभ (Benefits of swing trading)

  • टेक्नीकल एनालिसिस का प्रयोग :- ट्रेड में एंट्री तथा एग्जिट के लिए टेक्निकल एनालिसिस का प्रयोग किया जा सकता है | आप इसका प्रयोग कर अपने टार्गेट को बड़ा भी कर सकते है |
  • कम ब्रोकरेज :- इसमें इंट्राडे ट्रेडिंग कि तुलना में ब्रोकरेज चार्ज बहुत कम देना पड़ता है | ज्यादातर डिस्काउंट ब्रोकिंग कंपनिया डिलीवरी में 0 रुपये प्रति ट्रेड तथा इंट्राडे में 20 प्रति ट्रेड के आस पास चार्ज करती है | चूँकि स्विंग ट्रेडिंग में किया गया खरीद बिक्री डिलीवरी के अंतर्गत आता है इस कारण से चार्ज का भुगतान बहुत कम करना पड़ता है |
  • निगरानी कि आवश्यकता नहीं :- स्विंग ट्रेडिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कि तरह लगातार निगरानी करने कि आवश्यकता नहीं होती है |
  • मनोवैज्ञानिक रूप से कम तनावपूर्ण: डे ट्रेडिंग में लगातार बाजार की निगरानी करनी होती है, जिससे मनोवैज्ञानिक तनाव हो सकता है। स्विंग ट्रेडिंग में, निवेशक को बाजार पर कम समय देना होता है जो मनोवैज्ञानिक रूप से कम तनाव पूर्ण होता है |

क्या आप स्विंग ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं?

यदि आप स्विंग ट्रेडिंग शुरू करने पर विचार रहे हैं, तो आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  • शिक्षा: स्विंग ट्रेडिंग के बारे में जितना हो सके उतना सीखें | आप शेयर बाज़ार के बारीकियों को जीतनी जल्दी समझ लेंगे, बाज़ार में ट्रेड करना आपके लिए उतना ही आसान हो जायेगा |
  • डेमो अभ्यास: बहुत सारे प्लेटफ़ॉर्मडेमो ट्रेड करने कि सुविधा देते है | आप डेमो अकाउंट बनाकर अभ्यास कर खुद को आजमा सकते है |
  • धैर्य: स्विंग ट्रेडिंग में सफलता तुरंत नहीं मिलती है, इस कारण से धैर्य रखना अत्यंत आवश्यक है |
  • जोखिम प्रबंधन: हमेशा जोखिम प्रबंधन के सिद्धांतों का पालन करें अर्थात स्टॉप लॉस का सदा प्रयोग करें |
  • पेपर ट्रेडिंग करें: कैश बाज़ार में ट्रेडिंग करने से पहले ट्रेडर के लिए आवश्यक है कि आप पेपर ट्रेडिंग कर अपने हुनर को ईमानदारी से जाँच करें |

इस लेख से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी

स्विंग ट्रेडिंग क्या है

स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग का एक ऐसा तरीका है जिसमें ट्रेडर शेयर या F&O के आप्शन को कुछ दिनों के लिए या कुछ सप्ताह के लिए खरीद कर तथा मुनाफा कमाने का प्रयास करते है | इसमे शेयर या F&O के आप्शन को खरीदना टेक्नीकल एनालिसिस पर आधारित होता है | यह इंट्राडे ट्रेडिंग से बिलकुल अलग होता है |

ट्रेडिंग क्या है

किसी भी वस्तु की खरीद-बिक्री करना ट्रेडिंग कहलाता है | लेकिन जब खरीद-बिक्री शेयरों का किया जाय तो इसे स्टॉक ट्रेडिंग कहते है | कोई भी ट्रेडर लाभ कमाने के इरादे से ट्रेडिंग करता है |

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें

स्विंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर टेक्नीकल एनालिसिस के आधार पर ट्रेड लेते है | तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) दो प्रकार से किया जाता है

इंडिकेटर के माध्यम से
चार्ट पैटर्न के माध्यम से

स्विंग ट्रेडिंग के लिए कौन सा स्टॉक अच्छा है?

स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए स्टॉक सेलेक्शन बहुत बड़ा महत्व नहीं रखता है लेकिन हाँ आपको ऐसे कंपनी के शेयर का चुनाव करना चाहिए जिसमे लिक्विडिटी हो | जिन कंपनी के शेयर में अधिक लिक्विडिटी होती है आप उनमे अपने टेक्नीकल एनालिसिस के अनुसार ट्रेड ले सकते है |

पोजीशन ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग का एक ऐसा तरीका है जिसमें ट्रेडर शेयर या F&O के आप्शन को कुछ दिनों के लिए या कुछ सप्ताह के लिए खरीद कर तथा मुनाफा कमाने का प्रयास करते है | जबकि पोजीशन ट्रेडिंग में ट्रेडर अपनी पोजीशन में सालों तक होड़ करके ट्रेड करते है |

आज हमने जाना (Today We Learned)

मेरे प्रिय पाठकों, आज़ के अपने इस लेख स्विंग ट्रेडिंग क्या है / Swing Trading कर पैसे कैसे कमाए? में हम सबने जाना स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है, यह ट्रेडिंग कैसे किया जाता है, के साथ साथ हमने स्विंग ट्रेडिंग के लाभ के बारे में विस्तार से जाना |

हम आशा करते है कि अब आपको स्विंग ट्रेडिंग से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे | आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा हमें कमेन्ट कर अवश्य बताये | यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें |

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हेल्लो दोस्तों, मै पिछले 8 वर्षो से शेयर बाज़ार में निवेश तथा रिसर्च कर रहा हूँ | मै अपने अनुभव को Finohindi के माध्यम से आपके साथ सच्चाई के साथ सीधे तथा साफ शब्दों में बाटना चाहता हूँ | यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश, ट्रेड करते है या आपकी शेयर बाज़ार में रूचि है तो आप सही जगह पर है

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